क्या है मामला ?
बांग्लादेश में आरक्षण विरोधी आंदोलन ने हिंसक रूप ले लिया है।
यह विरोध आंदोलन बांग्लादेश की सरकारी नौकरियों में मौजूद आरक्षण प्रणाली के खिलाफ है।
बांग्लादेश में 1971 में पाकिस्तान से आजादी की जंग लड़ने वाले सैनिकों को आरक्षण दिया जाता है।
1971 में पाकिस्तान से आजादी की जंग लड़ने वाले इन सैनिकों को 'मुक्ति योद्धा' कहा जाता है।
अब इस आरक्षण को बढ़ाने के विचार पर विरोध हो रहा है।
नया फैसला यह है कि एक तिहाई सरकारी नौकरियां 'मुक्ति योद्धा' के बच्चों के लिए आरक्षित होंगी।
देश के युवा इस फैसले को उनके हक़ के खिलाफ बता रहे हैं और आंदोलन पर उतर आएं है।
पूरे देश में कर्फ्यू लागू किया गया है, जिसका ऐलान बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार ने किया है।