देश में लागू हुआ एंटी-पेपर लीक कानून। क्या है पूरा मामला? समझते हैं 10 पॉइंट्स में  




24-25 लाख छात्रों ने 5 मई को नीट-यूजी की परीक्षा दी। इसका रिजल्ट 4 जून को घोषित हुआ, जो 14 जून को आना था, और यहीं से विवाद शुरू हुआ 

एक साथ 67 छात्र टॉप कर गए और इन्हें 720 में से 720 नंबर मिले थे, जो पहली बार हुआ कि इतनी बड़ी संख्या में छात्रों ने पूरे 100 फीसदी नंबर प्राप्त किए हों

मालूम हुआ कि 1563 स्टूडेंट्स को ग्रेस मार्क्स दिए गए थे, फिर परीक्षा का पेपर लीक होने का भी खुलासा हुआ

मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और ग्रेस मार्क्स वाले 1563 छात्रों के स्कोर कार्ड रद्द कर दिए गए, जिन पर 8 जुलाई को सुनवाई होगी

नीट का विवाद चल ही रहा था की, UGC नेट की परीक्षा रद्द कर दी गई। यह परीक्षा 18 जून को हुई थी और 19 जून को इसे रद्द कर दिया गया, जिसमे 9 लाख से अधिक स्टूडेंट्स शामिल थे

सरकार ने बताया कि गड़बड़ी की आशंका को देखते हुए इसे रद्द कर दिया गया, क्योंकि टेलीग्राम पर प्रश्न पेपर पहले से आ गया था

इन समस्याओं को चलते सरकार ने Public Examinations Prevention of Unfair Means Act 2024 लागू किया 



यह नया कानून इसलिए लाया गया है ताकि प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपर लीक और अन्य अनियमितताओं को रोका जा सके

इस कानून के तहत अपराधियों के लिए अधिकतम 10 साल की जेल की सजा और 1 करोड़ रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान है

फरवरी में राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस अधिनियम को मंजूरी दी थी. कानून के प्रावधान 21 जून से लागू हो जाएंगे

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