शूटिंग खिलाड़ियों को बंदूक कैसे मिलती है और इसकी कीमत कितनी होती है?
Paris Olympics 2024 खेलों में मनु भाकर भारत के लिए पहला पदक जीतने वाली खिलाड़ी हैं।
आइए जानते हैं कि इस बंदूक को हासिल करने के लिए एथलीटों को क्या-क्या करना पड़ता है?
ओलंपिक एथलीटों को उनकी राष्ट्रीय ओलंपिक समिति या महासंघ से बंदूक मिलती है।
भारत में, यह जिम्मेदारी नेशनल राइफल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (NRAI) या भारतीय ओलंपिक एसोसिएशन (IOA) की होती है।
ओलंपिक निशानेबाजों को ब्रिटिश आर्म्स एक्ट 1878 के तहत लाइसेंस लेना होता है। बिना लाइसेंस के भारत में बंदूक खरीदना या बेचना मना है, लेकिन Athletes को कुछ छूट मिलती है।
एक प्रमुख निशानेबाज को 12 बंदूकें रखने की अनुमति है, जबकि कुछ को 8-10 बंदूकें रखने की छूट है।
गोलियों की सीमा, .22 LR राइफल के लिए 5 हजार और पिस्तौल/रिवॉल्वर के लिए 2 हजार होती है।
पेरिस ओलंपिक्स में मनु भाकर की ब्रॉन्ज़ मेडल वाली बंदूक मोरिनी CM 162EI है, जिसकी कीमत लगभग 166,900 रुपये है ।