बीजेपी में कैंडिडेट का चुनाव...मदन राठौड़ ने प्रत्याशियों के पैनल पर अपनी राय दी...लिस्ट देखें!
BJP candidate selection: भाजपा उप-चुनाव में प्रत्याशियों का चयन फीडबैक के आधार पर करेगी (BJP candidate selection)। हर सीट के लिए तीन-तीन संभावित दावेदारों का पैनल तैयार किया गया है, जो पार्टी की जीत के प्रति गंभीरता को दर्शाता है। हाल ही में हुई बीजेपी कोर कमेटी की बैठक में प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ और अन्य नेताओं ने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को अपनी राय दी। अब भाजपा हाईकमान इन नामों पर फील्ड सर्वे कराएगी, जिसमें पदाधिकारियों से फीडबैक लिया जाएगा। आचार संहिता लागू होते ही सभी सात सीटों पर प्रत्याशियों के नाम की घोषणा होगी, जो भाजपा की चुनावी गतिविधियों को और तेज कर देगी।
नई चुनावी रणनीति की तैयारी
भाजपा ने उप-चुनाव की तैयारी को धार देते हुए प्रत्याशियों के चयन में एक नया पहलू जोड़ा है। पार्टी ने हर एक सीट के लिए तीन-तीन नामों का पैनल तैयार किया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि भाजपा किसी भी स्थिति में जीत हासिल करने के लिए गंभीर है। प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ और अन्य नेताओं ने इन नामों पर राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को अपनी राय दे दी है।
सर्वे और फीडबैक का महत्व
भाजपा हाईकमान इन नामों पर फील्ड में सर्वे कराएगी। इस सर्वे में पार्टी के पदाधिकारियों से फीडबैक लिया जाएगा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जीतने वाले प्रत्याशी को ही भाजपा टिकट देगी। आचार संहिता की घोषणा होते ही सभी सातों सीटों पर प्रत्याशियों के नाम की घोषणा होगी, जो भाजपा की चुनावी गहमा-गहमी को और बढ़ा देगा।
पार्टी कार्यकर्ताओं की भूमिका
बीजेपी उप-चुनाव में केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं और कामों को लेकर मतदाताओं तक जाएगी। पार्टी हर कार्यकर्ता को हर मतदाता को बूथ तक लाने की जिम्मेदारी देगी। यह सुनिश्चित करने के लिए कि सभी दावेदार पार्टी में विश्वास में रहें, टिकट तय करने से पहले सभी को पार्टी में शामिल किया जाएगा।
डैमेज कंट्रोल के लिए ठोस कदम
सभी सातों सीटों पर पार्टी पदाधिकारियों और सरकार के मंत्रियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है, ताकि चुनाव के दौरान किसी भी प्रकार की बगावत को नियंत्रित किया जा सके।
इन 7 सीटों पर होंगे उप-चुनाव
राजस्थान में झुंझुनू, दौसा, देवली-उनियारा, चौरास, खींवसर, सलूंबर और रामगढ़ सीटों पर उप-चुनाव होंगे। झुंझुनू, दौसा, देवली-उनियारा, चौरासी और खींवसर सीट से विधायक लोकसभा चुनाव में सांसद बन गए थे, इसलिए ये सीटें खाली हो गईं। इसके अलावा, सलूंबर सीट से बीजेपी विधायक अमृतलाल मीणा के निधन के बाद और रामगढ़ सीट से कांग्रेस विधायक जुबेर खान के निधन के कारण उप-चुनाव होगा।
दौसा सीट: बीजेपी से टिकट के दावेदार
जगमोहन मीणा: मंत्री किरोड़ीलाल मीणा के भाई और आदिवासी चेहरा।
शंकर लाल शर्मा: पूर्व विधायक और ब्राह्मण चेहरा।
नंदलाल बंशीवाल: दौसा से 2 बार के पूर्व विधायक और दलित चेहरा, सिकराय विधायक विक्रम बंसीवाल के भतीजे हैं।
देवली-उनियारा सीट: बीजेपी से टिकट के दावेदार
राजेन्द्र गुर्जर: पूर्व विधायक, पिछले चुनाव में भी टिकट के दावेदार।
विजय बैंसला: कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के पुत्र, पिछली बार विधानसभा चुनाव हारे।
प्रभुलाल सैनी: पूर्व मंत्री, बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष, माली-ओबीसी समाज से।
विक्रम गुर्जर: लोकसभा चुनाव में भाजपा में शामिल हुए गुर्जर नेता।
सलूम्बर सीट: बीजेपी से टिकट के दावेदार
अविनाश मीणा: दिवंगत विधायक अमृतलाल मीणा के बेटे, सहानुभूति के कारण बड़ा वोट बैंक।
नरेंद्र मीणा: यदि अविनाश चुनाव नहीं लड़ते, तो मजबूत उम्मीदवार।
रामगढ़ सीट: बीजेपी से टिकट के दावेदार
ज्ञानदेव आहूजा: पूर्व विधायक, बीजेपी के वरिष्ठ नेता और संघ के करीबी।
जय आहूजा: पूर्व विधायक ज्ञान देव आहूजा के बेटे, पिछली बार तीसरे नंबर पर रहे।
बनवारी लाल सिंघल: पूर्व विधायक, केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव के करीबी।
सुखवंत सिंह: पिछला विधानसभा चुनाव निर्दलीय लड़ा, अब बीजेपी से टिकट के दावेदार।
झुंझुनूं सीट: बीजेपी के टिकट दावेदार
राजेन्द्र भाम्बू: पिछली बार निर्दलीय चुनाव लड़ा, भाजपा प्रत्याशी को हार का बड़ा कारण बने।
बबलू चौधरी: पिछले चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी रहे, फिर से टिकट की दावेदारी।
बनवारी लाल सैनी: माली-ओबीसी समाज से, जाट उम्मीदवार के खिलाफ।
खींवसर सीट: बीजेपी से टिकट के दावेदार
रेवंतराम डांगा: पिछले चुनाव में हनुमान बेनीवाल को कड़ी टक्कर दी।
हापुराम चौधरी: संगठन में लंबे समय से सक्रिय, नया चेहरा।
ज्योति मिर्धा: पूर्व सांसद, बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष, कांग्रेस के मिर्धा परिवार से आईं हैं।
चौरासी सीट: बीजेपी से टिकट के दावेदार
सुशील कटारा: पूर्व विधायक, संगठन और संघ में मजबूत पकड़।
महेंद्रजीत सिंह मालवीय: पूर्व मंत्री, आदिवासियों में अच्छी पकड़।
महेंद्र बरजोड़: चिखली के पूर्व प्रधान, बीजेपी से कांग्रेस में आए हैं।
नानूराम परमार: सीमलवाड़ा के पूर्व प्रधान, बीजेपी संगठन में पकड़।
यह भी पढ़ें: टोंक में अजीबोगरीब मामला! ना कोई बीमारी, ना कोई हमला...बाड़े में मरी पड़ी मिली कई भेड़, लाखों में थी कीमत
यह भी पढ़ें: Dausa: एक पल की खुशी में छिपा था मौत का सच...अभिषेक मीणा की तैराकी ने क्यों लिया उसका जीवन? जानें सच्चाई!