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Bhilwara News: ऑनलाइन ठगों के जाल में फंसे युवक ने रची खुद के अपहरण की कहानी, पुलिस जांच से झूठ का खुलासा

Bhilwara News: भीलवाड़ा। राजस्थान के भीलवाड़ा में युवक का अपहरण कर साढ़े सात लाख रुपए की फिरौती मांगने का मामला पुलिस की जांच में झूठ निकला है। जिस युवक को अगवा बताया गया था। वह ऑनलाइन ठगों के जाल में फंस...
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Bhilwara News: भीलवाड़ा। राजस्थान के भीलवाड़ा में युवक का अपहरण कर साढ़े सात लाख रुपए की फिरौती मांगने का मामला पुलिस की जांच में झूठ निकला है। जिस युवक को अगवा बताया गया था। वह ऑनलाइन ठगों के जाल में फंस गया था। उसने दो युवकों से अनजाने में ठगों के खाते में साढे सात लाख रुपये डलवा दिए थे। जब ठगी का पता चला, तो युवकों ने युवक से राशि लौटाने की मांग की थी, तो उसने कहानी रची, ताकि परिजनों से राशि लेकर युवकों को लौटाई जा सके।

सब इंस्पेक्टर उगमराम ने की जांच

गुलाबपुरा थाना प्रभारी पूरणमल मीणा ने बताया कि भादवों की कोटड़ी हुरड़ा निवासी रामराज पुत्र उमराव जाट ने अपने चचेरे भाई सुमेर पुत्र भंवर गोदारा के अपहरण और साढ़े सात लाख रुपए की फिरौती मांगने का मामला अज्ञात के खिलाफ दर्ज करवाया था। इस घटना की थाना प्रभारी ने सब इंस्पेक्टर उगमराम को जांच सौंपते हुए, एक टीम मुकुनगढ़, झुंझुनूं रवाना की थी। वहां पुलिस ने पड़ताल करके ई मित्र संचालक अंकित और अर्पित के साथ ही अगवा बताए गए सुमेर गोदारा को गिरफ्तार कर लिया था। इनसे पूछताछ की, तो अपहरण की कहानी झूठी निकली है।

क्रिप्टो करेंसी से जुड़ा बताकर हुई ठगी

जिसके बाद पुलिस ने राहत की सांस ली। ऑनलाइन ठगों ने खुद को क्रिप्टो करेंसी से जुड़ा बताकर सुमेर गोदारा से संपर्क किया था। इनके संपर्क में सुमेर, पिछले डेढ माह से था। इन ठगों ने सुमेर को क्रिप्टो करेंसी के लिए राजस्थान का एजेंट नियुक्त किया। ऐसे में सुमेर इनके जाल में फंस गया। सुमेर ने कथित तौर पर एजेंट नियुक्त होने के बाद मुकुनगढ़ के अर्पित और अंकित के पास जाकर सिक्योरिटी देने के लिए कहा था। इस पर सुमेर, घर से गुलाबपुरा जाने का बहाना कर जयपुर होता हुआ मुकुनगढ़ रेलवे स्टेशन पहुंच गया था।

अंकित और अर्पित को सुमेर ने दी गारंटी

जहां फोन से संपर्क करने के बाद अर्पित और अंकित सुमेर को लेने आए थे। इन युवकों के पास सुमेर रात को रुका था। अर्पित और अंकित को सुमेर ने राशि जमा कराने के लिए प्रोत्साहित कर गारंटी ली थी। वे कंपनी के एजेंट है। इसके चलते दोनों ने एक्सिस बैंक जाकर 7.50 लाख रुपए ठगों के बताए खाते में जमा करा दिए। इसके कुछ दिन बाद ठगों का जवाब आना बंद हो गया। उन्होंने नंबर को ब्लॉक कर दिया। तो अंकित और अर्पित ने सुमेर से गारंटी पर राशि जमा करवाने की बात कहते हुए राशि लौटाने की मांग की थी।

युवकों ने ठगी की जानकारी पुलिस को दी

जिसके बाद मेें अंकित, अर्पित व सुमेर मुकुनगढ़ थाने गए। उक्त ठगी की जानकारी पुलिस को दी, लेकिन पुलिस ने गंभीरता नहीं दिखाई। इसके चलते अंकित और अर्पित ने सुमेर से राशि लौटाने के लिए कहा था। सुमेर ने अंकित और अर्पित को उनकी राशि लौटाने के लिए खुद के अपहरण की झूठ कहानी रची और घर वालों को फोन कर रिहाई के बदले अपहरणकर्ताओं के द्वारा 7.50 लाख रुपये की मांग करने की जानकारी दी थी। जिसके बाद अंकित और अर्पित ने सुमेर के पिता से बात कर पेमेंट देने के लिए कहा था। वे इस घटना से परेशान हो गए।

सीकर आईजी से बात कर मामला उठाया

उन्होंने परिचित को जानकारी दी। इसके बाद एक जनप्रतिनिधि (Bhilwara) के जरिए सीकर आईजी से बात कर उक्त घटना बताई। इसी दिन सात जून की रात साढ़े नौ बजे सीकर आईजी के आदेश से मुकुनगढ़ पुलिस ने सुमेर के साथ अंकित और अर्पित को गिरफ्तार कर लिया। गुलाबपुरा पुलिस (Bhilwara) तीनों को लेकर आई। जहां पूछताछ में स्थिति साफ हो गई और अपहरण की कहानी झूठ (Bhilwara) साबित हो गई।

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