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Wildlife Census Rajasthan: आज पूर्णिमा की रात कुछ होगा खास, पता चलेगा जंगल में किसका 'मंगल'

Wildlife Census Rajasthan: कोटा। राजस्थान के जंगलों में आज से वन्यजीवों की गणना शुरु हो गई है जो 24 घंटे चलेगी। मगर इसमें पूर्णिमा की रात का समय सबसे खास होगा। इस चांदनी रात में जंगल में बने वाटर हॉल...
05:43 PM May 23, 2024 IST | Vivek Chaturvedi

Wildlife Census Rajasthan: कोटा। राजस्थान के जंगलों में आज से वन्यजीवों की गणना शुरु हो गई है जो 24 घंटे चलेगी। मगर इसमें पूर्णिमा की रात का समय सबसे खास होगा। इस चांदनी रात में जंगल में बने वाटर हॉल पर लगे ट्रैप कैमरों से यह पता लगाया जाएगा कि जंगल में पिछले एक साल में किस वन्यजीव के कुनबे में बढ़ोतरी हुई और किस वन्यजीव की संख्या कम हुई। यानी जंगल में किसका मंगल यह आज रात सामने आ जाएगा।

 राजस्थान के हाड़ौती में हैं घने जंगल

राजस्थान में हाड़ौती में भी काफी घने जंगल हैं। यहां के जंगलों में भी आज गुरुवार सुबह 8 बजे से वन्यजीवों की गणना शुरू हो गई है जो सुबह 8 बजे तक चलेगी। गणना कल सुबह 8 बजे तक चलेगी। इसके लिए कोटा के अभेड़ा तालाब, उम्मेदगंज, भैंसरोडगढ़, शेरगढ़ सेंचुरी में वाटर पॉइंट पर मचान बनाए गए हैं। मचान पर बैठकर वाटर हॉल पर पानी पीने आए वन्यजीवों को गिना जाएगा। रात होने पर पूर्णिमा की धवल चांदनी रात की रोशनी में वन्यजीव गिने जाएंगे।

24 घंटे में पूरी होगी वन्यजीव गणना

कोटा के वनकर्मी बुधराम जाट, मनोज शर्मा ने बताया कि वन्यजीव गणना के लिए एक वाटर प्वाइंट पर दो लोग हैं। खाने-पीने की भी व्यवस्था की गई है। जैसे-जैसे वन्यजीव पानी पीने आ रहे हैं, मचान पर बैठे वनकर्मी इनकी गिनती कर रहे हैं। इससे अगले 24 घंटों में वन्यजीवों की संख्या के वास्तविक आंकड़े मिल पाएंगे।

बांसवाड़ा में भी वन्यजीव गणना

बांसवाड़ा में भी वन विभाग की ओर से बुद्ध पूर्णिमा पर गुरुवार को वन्य जीव गणना शुरु हो चुकी है। वन विभाग की ओर से छह रेंज में 72 वाटर हॉल पर वन्यजीवों की गिनती की जा रही है। इसके लिए पहली बार कुछ वाटर हॉल पर ट्रैप कैमरे भी लगाए गए हैं।

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पैंथर के कुनबे पर खास नजर

सहायक वन संरक्षक गोविंद सिंह खींची ने बताया कि वन्य जीव गणना के तहत बांसवाड़ा और घाटोल रेंज में पैंथर पर विशेष नजर रहेगी। इसके पीछे एक बड़ा कारण यह है कि पिछले दो सालों में क्षेत्र में पैंथर का मूवमेंट काफी बढ़ा है। उन्होंने बताया कि बांसवाड़ा रेंज के सामरिया, सिंगपुरा, पांच नंबर वन क्षेत्र में वन्यजीवों की गणना की जा रही है।

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