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Political Game In UP : उत्तरप्रदेश में कौन खेलने जा रहा बड़ा सियासी खेल ? टेंशन में योगी आदित्यनाथ

Political Game In UP : लखनऊ। लोकसभा चुनाव 2024 में मिली करारी शिकस्त के बाद उत्तर प्रदेश भाजपा में जहां आंतरिक कलह देखने को मिल रही है। वहीं विपक्षी पार्टियों की एकता ने भी बीजेपी नेताओं की नींद उड़ा रखी...
10:47 PM Jul 18, 2024 IST | Vivek Chaturvedi

Political Game In UP : लखनऊ। लोकसभा चुनाव 2024 में मिली करारी शिकस्त के बाद उत्तर प्रदेश भाजपा में जहां आंतरिक कलह देखने को मिल रही है। वहीं विपक्षी पार्टियों की एकता ने भी बीजेपी नेताओं की नींद उड़ा रखी है। इस बीच प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी लखनऊ से दिल्ली के चक्कर लगा रहे हैं। इसके पीछे का सबसे बड़ा मकसद है कि यूपी बीजेपी अब दो धड़ों में बंट चुकी है। पहला धड़ा खुद योगी आदित्यनाथ का है और दूसरा धड़ा केशव प्रसाद मौर्य जो उपमुख्यमंत्री हैं।

योगी और मौर्य की लड़ाई की असली कहानी?

लंबे वक्त बाद जब साल 2017 में उत्तर प्रदेश में बीजेपी को प्रचंड जीत मिली तो उस वक्त केशव प्रसाद मौर्य उत्तर प्रदेश भाजपा की कमान संभाल रहे थे। उन्हीं की मेहनत का नतीजा था कि बीजेपी को इतनी भारी संख्या में विधायक मिले। मगर जब कुर्सी की बात आई तो पहले मनोज सिन्हा का नाम आगे किया गया और फिर बाद में योगी आदित्यनाथ ने बाजी मार ली और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बन गए।  उस वक्त तो केशव प्रसाद मौर्य को समझा लिया गया। मगर बाद में मौर्य को 2022 में विधानसभा का चुनाव हुआ तो हार का सामना करना पड़ा। जिससे योगी आदित्यनाथ को दोबारा से फायदा मिला और वह फिर से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बन गए।

वक्त के साथ फिर बगावत की बू !

राजनीति में ना तो कोई स्थायी दोस्त होता है और ना स्थायी दुश्मन। उत्तर प्रदेश की बीजेपी में अब यह चीज देखने को मिल रही है। भले ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हों और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य। मगर इन दो नेताओं के बीच में मौजूदा वक्त में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा। उनके विचार बदलते हुए दिखाई दे रहे हैं। एक तरफ योगी आदित्यनाथ हार की समीक्षा कर रहे हैं तो दूसरी तरफ केशव प्रसाद मौर्य यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि संगठन और कार्यकर्ता सरकार से बड़ा होता है।

लोकसभा रिजल्ट के बाद से ही निशाने पर योगी ?

योगी आदित्यनाथ लोकसभा चुनाव 2024 के परिणाम के बाद से ही निशाने पर हैं। इस बात की सुगबुगाहट कई दिनों से है कि योगी आदित्यनाथ को उनके पद से हटाया जा सकता है। खबरों की मानें तो कल यहां तक कह दिया गया कि योगी आदित्यनाथ राज्यपाल से मिलकर अपना इस्तीफा सौंपने वाले हैं। शाम को सीएम की राज्यपाल से मुलाकात भी हुई। मगर इसे एक शिष्टाचार मुलाकात बताया गया। योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को सावरकर पर लिखी हुई पुस्तक भेंट की। फिर भी सब कुछ ठीक नहीं दिखाई दे रहा है।

PM से भी मिले भूपेंद्र चौधरी और केशव मौर्य

यूपी बीजेपी के अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर यूपी में चल रहे तमाम उतार-चढ़ाव को साझा किया। एक दिन पहले केशव प्रसाद मौर्य की मुलाकात बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से हुई थी, मगर लगता है कि केशव प्रसाद मौर्य की बात बनी नहीं। इसके बाद अब विपक्ष केशव प्रसाद मौर्य को लेकर भी चुटकी ले रहा है। अखिलेश यादव ने तो यहां तक कह दिया कि लौट के बुद्धू घर को आए। आज अखिलेश यादव ने ट्वीट कर लिखा कि 100 लाओ और सरकार बनाओ। अखिलेश यादव के 100 लाओ और सरकार बनाओ पोस्ट के अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं।

BJP में कलह, विपक्ष में बदलाव !

यूपी बीजेपी अपने आंतरिक कलह से उबर नहीं पा रही है। तो दूसरी तरफ विपक्षी पार्टी यानी इंडिया गठबंधन ने अब एक बार फिर से यूपी विधानसभा की 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में एक साथ लड़ने का ऐलान किया है। 10 में से सात विधानसभा सीटों पर समाजवादी पार्टी अपने उम्मीदवार उतारेगी, जबकि तीन सीट कांग्रेस को दी गई हैं। जल्द होने हैं 10 विधानसभा सीटों के उपचुनावयूपी की 10 विधानसभा सीटों के उपचुनाव जल्द होने वाले हैं। ऐसे में अगर बीजेपी को हार का सामना करना पड़ता है तो योगी आदित्यनाथ का क्या होगा? क्या उत्तर प्रदेश में आने वाले समय में बड़ा बदलाव देखा जा रहा है? जिस तरह से 2027 में फिर से सरकार रिपीट करने की बातें भाजपा के नेता कर रहे हैं ऐसे में उपचुनाव के नतीजे के बाद ही काफी तस्वीर साफ हो पाएगी।

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