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कोचिंग संस्थानों की मनमानी के आगे सुस्त सरकार! 2 साल से बिल का ड्राफ्ट तैयार...आखिर कब लगेगी लगाम?

राजस्थान में उत्कर्ष कोचिंग गैस लीक कांड के बाद कोचिंग संस्थानों के लिए गाइडलाइन लागू करने पर फिर बहस छिड़ गई है।
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Utkarsh Coaching Accident: राजस्थान में उत्कर्ष कोचिंग गैस लीक कांड के बाद कोचिंग संस्थानों के लिए सख्त गाइडलाइन पर फिर से बहस छिड़ गई है। (Utkarsh Coaching Accident) राजस्थान में कोचिंग संस्थानों के लिए 'द राजस्थान कोचिंग सेंटर (कंट्रोल एंड रेगुलेशन) बिल 2024 का ड्राफ्ट तैयार है, मगर इसे अभी तक सदन में पेश नहीं किया गया है। अब विपक्ष सवाल कर रहा है कि आखिर सरकार कब इस बिल को अमल में लाएगी?

उत्कर्ष कोचिंग हादसे से फिर उठे सवाल

राजस्थान की राजधानी जयपुर में उत्कर्ष कोचिंग के क्लास रुम में गैस लीक होने से 12 छात्र-छात्रा बेहोश हो गए। इसके बाद कोचिंग संस्थानों में सुरक्षा नियमों को लेकर फिर से सवाल उठने लगे हैं। छात्रनेता कोचिंग इंस्टीट्यूट्स में नियमों की पालना नहीं होने का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन कर रहे हैं, तो विपक्ष भी सरकार पर हमलावर है। पूर्व CM अशोक गहलोत, पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने उत्कर्ष कोचिंग हादसे पर चिंता जताते हुए सरकार से जल्द सख्त कदम उठाने की मांग की है।

कोचिंग के लिए बन चुकी हैं गाइडलाइन

राजस्थान में कोचिंग संस्थानों के लिए सख्त गाइडलाइन के साथ द राजस्थान कोचिंग सेंटर (कंट्रोल एंड रेगुलेशन) बिल 2024 का ड्राफ्ट तैयार है। इसके मुताबिक कोचिंग संस्थानों को पहले सरकार से नियमन करवाना होगा। कोचिंग संस्थान 16 साल से कम उम्र के बच्चों का एडमिशन नहीं लेंगे। ना कोई भ्रामक दावा करेंगे। परीक्षा से जुड़ी जानकारी स्टूडेंट्स के साथ पेरेंट्स को भी देंगे। इसके अलावा ड्राफ्ट के मुताबिक कोचिंग संस्थान को वेबसाइट पर टीचर्स की क्वालिपिकेशन, फीस रिफंड पॉलिसी जैसी जानकारी भी देनी होंगी।

अब बिल के सदन में पारित होने का इंतजार 

कोचिंग संस्थानों के लिए गाइडलाइन पर पिछले 2 साल से चर्चा चल रही है। गहलोत सरकार ने 2022 में बिल का ड्राफ्ट भी तैयार करवा लिया। इसके बाद राजस्थान में भाजपा की सरकार आ गई। भजनलाल सरकार ने भी कोचिंग संस्थानों में नियमों की पालना करवाने का भरोसा दिलाया। सितंबर में कोचिंग संस्थानों के प्रतिनिधि और उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों की बैठक भी हो चुकी है। मगर अभी तक बिल के सदन में पारित होने का इंतजार बना हुआ है।

बिल में देरी से स्टूडेंट्स का हो रहा नुकसान

कोचिंग संस्थानों को लेकर तैयार बिल को सदन में पारित नहीं किए जाने का खामियाजा स्टूडेंट्स को भुगतना पड़ रहा है। अगर कोई कोचिंग स्टूडेंट सुविधाएं ठीक नहीं होने की वजह से कोचिंग छोड़ना भी चाहे तो उसे फीस रिफंड नहीं की जाती, जिससे मजबूरन उसे वहीं पढ़ाई करनी पड़ती है। सुरक्षा मानकों पर भी कोचिंग संस्थान गंभीर नहीं हैं। स्टूडेंट्स का कहना है कि सरकार जल्द बिल पास करे, जिससे स्टूडेंट्स को इन परेशानियों का सामना ना करना पड़े।

कोचिंग पर गाइडलाइन लागू करे सरकार- गहलोत

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी उत्कर्ष कोचिंग हादसे पर चिंता जताते हुए सरकार से जल्द सख्त कदम उठाने की मांग की है। गहलोत ने कहा कि- ऐसी घटनाएं कभी भी बड़ा रुप ले सकती हैं, कोचिंग में क्षमता से ज्यादा स्टूडेंट पढाए जाते हैं, यह गलत है। हमारी सरकार ने कोचिंग के लिए गाइडलाइन बनाईं थीं। प्रतापनगर में कोचिंग हब भी बनाया। अब मौजूदा सरकार की जिम्मेदारी है कि वह कोचिंग संस्थानों के उचित प्रबंधन के लिए गाइडलाइन लागू करे।

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