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"बड़ा पिंजरा, अंदर स्वादिष्ट भोजन और फंस गया आदमखोर तेंदुआ, उदयपुर में आर्मी ने ऐसे दिया ऑपरेशन को अंजाम

Udaipur Panther News: राजस्थान के उदयपुर में आखिरकार 5 दिन की कड़ी मेहनत के बाद आदमखोर तेंदुए को दबोच लिया गया है. मिली जानकारी के मुताबिक शहर से 45 किमी दूर गोगुंदा ग्राम पंचायत के छाली गांव से वन विभाग...
10:30 AM Sep 24, 2024 IST | Rajasthan First

Udaipur Panther News: राजस्थान के उदयपुर में आखिरकार 5 दिन की कड़ी मेहनत के बाद आदमखोर तेंदुए को दबोच लिया गया है. मिली जानकारी के मुताबिक शहर से 45 किमी दूर गोगुंदा ग्राम पंचायत के छाली गांव से वन विभाग की टीम ने 2 तेंदुए को पकड़ा है जो टीम के पिंजरे में कैद हुए हैं. मालूम हो कि छाली ग्राम पंचायत के तीन गांवों में तेंदुए ने पिछले 5 दिनों में 3 लोगों को मार डाला था. वहीं तेंदुए के मूवमेंट के बाद इस पूरे इलाके में दहशत का माहौल था.

बता दें कि इस आदमखोर तेंदुए को पकड़ने के लिए आर्मी तक को बुलाया गया था. वहीं बताया जा रहा है कि तेंदुए ने जिस जगह एक महिला का शिकार किया था उसी जगह वह पिंजरे में कैद हुआ है. आर्मी और वन विभाग की टीम ने उस जगह पर एक बड़ा पिंजरा लगाया था जिसके अंदर मांस रखा गया था.

इलाके में लगाए गए थे 6 पिंजरे

इस पूरे ऑपरेशन की जानकारी देते हुए गोगुंदा एसडीएम नरेश सोनी ने बताया कि पंचायत के उमरिया गांव में सोमवार देर रात वन विभाग ने 6 पिंजरे लगाए थे जिसमें 2 लेपर्ड कैद हुए हैं. वन विभाग ने पिंजरों में मांस और मछली की गंध वाला पानी रख था जिनको खाने आए तेंदुए पिंजरे में घुसे और पकड़े गए.

बता दें कि गोगुंदा में 5 दिन से 7 टीमों में 60 से ज्यादा कर्मचारी-अधिकारी दिन-रात एक करके इस आदमखोर लेपर्ड को तलाश कर रहे थे जहां वन विभाग की सिरोही, राजसमंद, जोधपुर, उदयपुर और स्थानीय गोगुंदा की रेस्क्यू टीम इस पूरे ऑपरेशन को अंजाम दे रही थी. इसके अलावा राजसमंद से 1 और जोधपुर से 2 शूटर लेपर्ड को ट्रैंकुलाइज करने के लिए लगाए गए थे.

जंगल में उतरे थे आर्मी के जवान

वहीं छाली ग्राम पंचायत को पूरी तरह एक कंट्रोल रूम में बदल दिया गया था जहां डीएफओ अजय चित्तौड़ा, गोगुंदा एसडीएम नरेश सोनी, सायरा तहसीलदार कैलाश इडानिया लगातार बैठे थे और इस पूरे ऑपरेशन की मॉनिटरिंग कर रहे थे. इस ऑपरेशन के दौरान जैसे ही जंगल से कुछ इनपुट मिलता था रेस्क्यू टीम उसी दौरान जंगल में उस जगह जाकर पैंथर की तलाश करती थी. वहीं इस दौरान आर्मी औऱ वन विभाग के साथ ग्रामीण भी लगातार रेस्क्यू करने में सहयोग करते रहे.

आर्मी ने लगाए थे ड्रोन कैमरे, नाइट विजन दूरबीन

बता दें कि इस तेंदुए ने पिछले 5 दिनों में एक महिला, एक पुरुष और एक बच्ची को अपना शिकार बनाया था जहां इस आदमखोर तेंदुए को पकड़ने के लिए वन विभाग ने सेना की मदद ली थी और संयुक्त अभियान चलाया गया था. वहीं तेंदुए को पकड़ने के लिए वन विभाग ने कई तरह के संसाधनों का इस्तेमाल किया जहां 2 ड्रोन कैमरे से जंगल में लोकेशन ट्रैक करने के साथ ही 23 ट्रैप कैमरों से निगरानी की गई. इसके अलावा रात में नाइट विजन दूरबीन से तेंदुए को तलाशा गया.

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