Kanhaiya Lal Sahu Murder Case: कन्हैयालाल साहू हत्याकांड के 2 साल, न्याय की उम्मीद में आज भी बैठा है परिवार
Udaipur Kanhaiya Lal Sahu Murder Case जयपुर: दुनियाभर में चर्चित रहे कन्हैयालाल साहू हत्याकांड के आज (28 जून 2024 को) 2 साल पूरे हो गए हैं। 28 जून 2022 की दोपहर में कपड़े सिलने की दुकान में घुसकर 2 कट्टरपंथी युवाओं ने कन्हैयालाल की गला रेतकर हत्या कर दी थी। इस मामले में पहले राजस्थान ATS और बाद NIA ने जांच की। इस हत्याकांड में कुल 9 आरोपियों को पकड़ा गया। हालांकि एक आरोपी फिलहाल जमानत पर जेल से बाहर है। सभी आरोपी अजमेर की हाई सिक्युरिटी जेल में बंद हैं।
हत्याकांड के 2 साल, न्याय की उम्मीद में परिवार
वहीं, कन्हैयालाल साहू का परिवार आज भी आरोपियों को सजा मिलने के इंतजार में न्याय की उम्मीद लगाए दिन गिन रहा है। बड़े बेटे यश ने न्याय मिलने तक पांवों में चप्पल और बाल नहीं कटवाने का प्रण ले रखा है। 24 घंटे आज भी कन्हैया के घर और परिवार के सदस्यों के साथ पुलिसकर्मी तैनात हैं। वहीं, NIA द्वारा कन्हैयालाल की सीज दुकान को अब खोल दिया गया है।
कन्हैयालाल के घर पर 24 घंटे पुलिस तैनात
उदयपुर के सेक्टर-14 स्थित कन्हैयालाल के घर 24 घंटे 5 पुलिसकर्मी (1 हेड कॉन्स्टेबल और 4 कॉन्स्टेबल) तैनात है। राउंड द क्लॉक पुलिस गार्ड अपनी ड्यूटी उनके दोनों बेटे के साथ कही भी जाते-आते हुए भी देते हैं। घर के चारों और लगे सीसीटीवी कैमरों से निगरानी जाती है और संदिग्ध लगने पर तुरंत पूछताछ की जाती है।
दोनों बेटों की ड्यूटी के दौरान भी गार्ड तैनात
जिला कलेक्ट्रेट में LDC के पद पर कार्यरत दोनों बेटों की ड्यूटी के दौरान भी गार्ड साथ रहते हैं। सुरक्षा कारणों के चलते तय नियमों के अनुसार उदयपुर शहर से बाहर जाने की सूरत में पहले थाने को सूचना देनी पड़ती है। वहीं, राज्य से बाहर जाने पर वहां के स्थानीय थाने में भी जाकर एंट्री करवानी होती है।
'आखिर कब मिलेगा न्याय?'
कन्हैयालाल के बड़े बेटे यश और तरुण का कहना है, 'पिता की मौत के बाद सरकार, पार्टियों - संगठनों ने जो-जो वादे किए, लगभग सभी पूरे किए हैं। लेकिन, आज भी ये मामला फास्ट ट्रैक कोर्ट में नहीं आ पाया है। इसके चलते केस की सुनवाई बहुत धीरे-धीरे हो रही है। यदि फास्ट ट्रैक कोर्ट में इस मामले को ले लिया जाता तो जल्द न्याय मिल पाता।"
यश ने बताया कि अब तक 2-3 पेशियों पर उन्हें भी बुलाया गया। जाकर आ गया, लेकिन इस केस से जुड़े हर व्यक्ति की गवाई होनी है, ऐसे में अभी अधिकतर लोगों की गवाही-बयान होना बाकी है। NIA के अधिकारी बताते हैं कि हम लोग पूरी कोशिश कर रहे हैं कि मामला जल्द निपट जाए। पिताजी की सीज की गई किराए की दुकान भी अब छोड़ दी गई है।
'पिताजी थे तो जिंदगी आसान थी'
वहीं, छोटे बेटे तरुण साहू का कहना है, "पिताजी थे, तो पहले जिंदगी बहुत आसान थी, लेकिन आज पिताजी के नहीं होने की कमी बहुत खलती है। पुलिस गार्ड के साथ नौकरी और घर आने-जाने में दिन कट रहे हैं। पिताजी की अस्थियां घर में हैं, उनका विसर्जन नहीं हुआ है। आरोपियों को फांसी नहीं मिलने तक पिताजी की आत्मा को शांति कैसे मिलेगी?"
'सामाजिक जीवन अब नहीं बचा'
कन्हैयालाल की पत्नी जशोदा देवी ने बताया, "हत्याकांड के दौरान हमें तो किसी तरह की समझ ही नहीं थी, जो आ रहा था, वो न्याय दिलवाने की बात कहकर दिलासा दे रहा था, मगर 2 साल बाद भी हत्यारे जेल में आराम से रह रहे हैं। अब तक क्यों उन्हें सजा नहीं मिली? कोर्ट में मामला बहुत धीरे चल रहा है। दोनों बेटों के नौकरी से घर आने तक मन में अजीब सा डर रहता है। आर्थिक मदद तो सरकार और सब लोगों ने की लेकिन न्याय दिलवाने में इतनी देरी क्यों हो रही? ऐसा लगता है कि हमारा सामाजिक जीवन अब नहीं बचा है, क्योंकि कहीं बाहर आ-जा नहीं सकते।"
28 जून 2022 को हुई थी कन्हैयालाल साहू की हत्या
बता दें कि 28 जून में 2022 को बीजेपी नेता नूपुर शर्मा के समर्थन में री-पोस्ट करने वाले कन्हैयालाल साहू (Udaipur Kanhaiya Lal Sahu Murder Case) की रियाज अत्तारी और गौस मोहम्मद ने गला रेतकर बेरहमी से हत्या कर दी थी। इसके बाद आरोपियों ने वीडियो बनाकर हत्या की जिम्मेदारी लेते हुए पीएम नरेंद्र मोदी को भी मारने की धमकी दी थी। NIA ने हत्याकांड और धमकी देने के मामले में 2 मुख्य आरोपियों के अलावा 7 अन्य लोगों को साजिश में शामिल होने के चलते गिरफ्तार किया था। NIA ने अपनी चार्जशीट में कुल 11 लोगों को आरोपी बनाया था। इसमें 2 आरोपी पाकिस्तान के हैं। NIA अभी पाकिस्तान के आरोपियों को नहीं पकड़ पाई है।
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