Udaipur Kanhaiya Lal Case: मुंह छिपाकर जेल से निकला कन्हैयालाल हत्याकांड का आरोपी जावेद, हाईकोर्ट ने लगाई हैं ये शर्तें
Udaipur Kanhaiya Lal Case: राजस्थान के उदयपुर में दो वर्ष पहले हुए हत्याकांड ने सारे देश झकझोर दिया था। इस मामले में अब राजस्थान हाई कोर्ट की खंडपीठ ने आरोपी जावेद को जमानत दे दी है। शनिवार सुबह, जावेद को अजमेर की उच्च सुरक्षा जेल से रिहा कर दिया गया। जावेद ने काले रंग का कुर्ता-पायजामा और सफेद चप्पल पहन रखी थी और एक बड़ा थैला लेकर जेल से बाहर निकला। जेल से बाहर निकलते ही, वह जल्दी से गाड़ी में बैठकर रवाना हो गया।
पिछले साल भी लगाई थी जमानत याचिका
जावेद पर आरोप है कि उसने हत्या से पहले घटनास्थल की रेकी की थी और साजिश रची थी। पिछले साल, उसने एनआईए की विशेष अदालत में जमानत के लिए अर्जी लगाई थी, लेकिन तब उसे जमानत नहीं मिली थी। अब, हत्याकांड के दो साल बाद, राजस्थान हाई कोर्ट ने कुछ शर्तों पर उसे जमानत दे दी है। कोर्ट के आदेश के अनुसार, जावेद देश छोड़कर नहीं जा सकता और उसे एनआईए की जांच में लगातार सहयोग करना होगा।
एक आरोपी पहले ही जमानत पर
जावेद के पहले, 1 सितंबर 2023 को, कन्हैयालाल हत्याकांड के एक अन्य आरोपी फरहाद मोहम्मद शेख उर्फ बाबला को भी जमानत मिल चुकी है। फरहाद को एनआईए की कोर्ट से जमानत पर रिहा किया गया था। अजमेर के घुघरा स्थित उच्च सुरक्षा जेल के अधीक्षक पारस जांगिड़ ने बताया कि जेल में रहते हुए जावेद ने शांतिपूर्वक समय बिताया और जेल के नियमों का पालन किया। उसने किसी से कोई विवाद नहीं किया।
जेल प्रशासन को कोर्ट का आदेश 6 सितंबर की रात 9:00 बजे के बाद मिला था, इसलिए जावेद की रिहाई आज सुबह की गई। जेल प्रशासन ने जावेद को चाय-नाश्ता भी कराया। जेल में रहते समय, जावेद के परिजनों ने उसके लिए ₹3500 जमा किए थे, जिसका हिसाब आज जावेद को दिया गया। उसने इन पैसों से बिस्किट, नमकीन और अंडरगारमेंट्स खरीदे। जेल नियमों के तहत, कैदी को रिहा होने पर जमा राशि नगद नहीं दी जाती; बल्कि, उसे जेल की कैंटीन से सामान खरीदना पड़ता है।
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