उदयपुर में 'आदमखोर' पैंथर का आतंक, 2 दिन में निगल गया 3 जान...अब तलाश में जुटी इंडियन आर्मी
Udaipur leopard terror: जिले के गोगुंदा क्षेत्र में आदमखोर पैंथर ने तीन दिनों के भीतर तीन ग्रामीणों को मौत के घाट उतार दिया। दहशत में डूबे ग्रामीणों के बीच अब सेना ने कमान संभाल ली है। Drone Surveillance से पैंथर की खोजबीन हो रही है, लेकिन घनी पहाड़ियों में उसका ठिकाना पता लगाना मुश्किल हो रहा है।
मौत की छाया: कदम-कदम पर डर, गांव में पैंथर के आतंक से दहशत
गोगुंदा के छाली गांव में हर तरफ मौत का साया मंडरा रहा है। वन विभाग और सेना के जवान हर कोने में निगरानी कर रहे हैं। गाँव के सरपंच ने कहा, "पैंथर कभी भी हमला कर सकता है। लोग अपने घरों में कैद हैं।" वन विभाग ने ग्रामीणों से बाहर न निकलने की सख्त हिदायत दी है।
आदमखोर पैंथर की तलाश जारी: क्या जल्द पकड़ा जाएगा खूनी शिकारी?
डीएफओ ने कहा कि तीनों हमलों में एक ही पैंथर का हाथ हो सकता है, लेकिन इसे पूरी तरह आदमखोर घोषित नहीं किया जा सकता। फिलहाल वन विभाग को उसे बेहोश करने के आदेश मिले हैं, गोली मारने के नहीं। पैंथर को पकड़ने के लिए हरसंभव प्रयास जारी हैं और जल्द ही इसे पकड़ा जा सकता है।
"अब और नहीं सहेंगे": ग्रामीणों ने की गोली मारने की मांग
गांव के सरपंच गणेश खैर ने पैंथर के आदमखोर होने का दावा करते हुए वन विभाग से पैंथर को गोली मारने की मांग की है। उनका कहना है कि अब पिंजरे में पकड़ना असंभव है, इसलिए पैंथर को मार गिराने के आदेश दिए जाएं।
आदमखोर पैंथर का खौफ: अब तक तीन जानें गईं
तीन दिनों में पैंथर ने 55 वर्षीय हमेरी, 16 वर्षीय कमला और 55 वर्षीय खुमाराम को अपना शिकार बनाया है। हर हमले के बाद गांव में मातम छा गया है। ग्रामीणों ने पैंथर से निपटने के लिए लाठी-डंडों के साथ रातभर गश्त की।
"50 लाख मुआवजा और नौकरी चाहिए": पीड़ित परिवारों की मांग
घटना से गुस्साए ग्रामीणों ने मृतकों के परिवारों के लिए 50 लाख रुपये मुआवजे और सरकारी नौकरी की मांग की है। उनका कहना है कि वन विभाग ने समय रहते कोई ठोस कदम नहीं उठाया, जिसकी वजह से पैंथर ने तीन लोगों की जान ले ली।