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Rajasthan UCC Bill: उत्तराखंड की तर्ज पर राजस्थान में भी UCC लाने की तैयारी, मंत्री बोले- '...जल्द लागू करेंगे!'

Rajasthan UCC Bill: राजस्थान की भजनलाल सरकार (Bhajanlal Government) समान नागरिकता संहिता (UCC) यानी यूनिफॉर्म सिविल कोड बिल लाने की तैयारी में जुटी है। गुरुवार को संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल (Jogaram Patel) ने सदन में एक प्रश्न का जवाब...
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Rajasthan UCC Bill: राजस्थान की भजनलाल सरकार (Bhajanlal Government) समान नागरिकता संहिता (UCC) यानी यूनिफॉर्म सिविल कोड बिल लाने की तैयारी में जुटी है। गुरुवार को संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल (Jogaram Patel) ने सदन में एक प्रश्न का जवाब देते हुए इस बात की पुष्टि की। दरअसल, उन्होंने विधायक कालीचरण के सवाल का जवाब देते हुए कहा, 'राज्य सरकार द्वारा राजस्थान में यूसीसी बिल लाने पर विचार किया जा रहा है। संपूर्ण पहलूओं पर विचार करके सरकार द्वारा उचित समय पर उक्त बिल सदन में लाया जाएगा।'

पहले भी उठ चुका है मुद्दा

गौरतलब है कि दो दिन पहले बीजेपी विधायक बालमुकुंद आचार्य ने भी इस विषय पर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा था कि- समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लागू करने के लिए इस पर जल्द से जल्द विचार करना चाहिए. हम 'एक देश और एक कानून' की मांग कर रहे हैं और हमें विश्वास है कि इसे जल्द ही लागू किया जाएगा। मैंने अपनी ओर से केंद्र सरकार के समक्ष भी यह मांग उठाई है।

कन्हैया लाल ने पहले ही दे दिए थे संकेत

कैबिनेट मंत्री कन्हैया लाल ने इस साल फरवरी में कहा था कि सरकार यूसीसी विधेयक पारित करने का प्रयास करेगी. उन्होंने तब कहा था, 'हम इस पर सीएम से चर्चा करेंगे और यह मेरी भी इच्छा है। इसे सौ प्रतिशत राज्य विधानसभा के माध्यम से पारित और लागू किया जाएगा। और इसे न केवल राजस्थान में बल्कि पूरे देश में लागू किया जाएगा। हम यूसीसी पारित करने वाला दूसरा राज्य बनने का प्रयास करेंगे।' बता दें कि ये टिप्पणियां उत्तराखंड विधानसभा द्वारा उत्तराखंड समान नागरिक संहिता अधिनियम, 2024 पारित किए जाने के बाद आईं।

मंत्री मदन दिलावर ने भी तब ऐसा ही वादा दोहराया था, हालांकि उन्होंने भी यह नहीं बताया कि यह कब होगा। उन्होंने कहा, 'आज नहीं तो कल, लेकिन हम इसे लाएंगे। हम इसे कब लाएंगे, मैं नहीं बता सकता। सभी के लिए एक समान कानून होना चाहिए। लोगों के लिए अलग-अलग कानून लोगों को नुकसान पहुंचाते हैं और एकता दिखाई नहीं देती। पूरा देश एकजुट होना चाहिए।'

उत्तराखंड कानून का उद्देश्य सभी धर्मों के लिए 'विवाह और तलाक, उत्तराधिकार, लिव-इन रिलेशनशिप और इससे संबंधित मामलों से संबंधित कानूनों को नियंत्रित और विनियमित करना' है। लेकिन यह अनुसूचित जनजातियों को इसके दायरे से बाहर रखता है।

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