'समरावता गांव में हिंसा करने वाले बाहरी लोग...' थप्पड़ कांड में नया मोड़, ग्रामीणों बोले- पुलिस जांच करे
Naresh Meena Slapped SDM: राजस्थान में देवली-उनियारा के समरावता गांव में वोटिंग के दौरान हुए थप्पड़कांड और बाद में हुई हिंसा को लेकर मुख्य आरोपी नरेश मीणा और 52 अन्य आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया है. वहीं इस मामले में अब एक नया मोड़ सामने आया है जहां बीते शुक्रवार को जयपुर में समरावता गांव के लोगों ने किरोड़ीलाल मीणा और गृह राज्यमंत्री जवाहर सिंह बेढम से मुलाकात के बाद गंभीर आरोप लगाए हैं.समरावता गांव के लोगों का कहना है कि पुलिस के साथ हुई हिंसा में गांव वालों का कोई लेना-देना नहीं था, वोटिंग के बाद रात में नरेश मीणा बाहर से लड़कों को लेकर आए थे जिसके बाद माहौल बिगड़ा था और पुलिस और ग्रामीण आमने-सामने हो गए थे.
ग्रामीणों ने दोनों मंत्रियों से कहा है कि हमारी सरकार से मांग है कि गांव के जिन लोगों के घरों में तोड़फोड़ हुई है, नुकसान हुआ है उनके लिए सरकार मुआवज़े दे और हिंसा के पीछ कौन शामिल थे इसकी पूरी जांच करवाई जाए. वहीं ग्रामीणों के मुलाकात के बाद मंत्री बेढ़म ने कहा कि इस पूरी घटना को लेकर समरावता और उसके आसपास के ग्रामीणों का एक प्रतिनिधिमंडल कल मुझसे मिला था जिनका साफतौर पर कहना है कि इसमें ग्रामीणों की कोई संलिप्तता नहीं है और जांच में इसकी पुष्टि भी हुई है.
गांववालों की सरकार से अपील
समरावता के लोगों ने मंत्रियों से मुलाकात के बाद कहा कि हिंसा करने वाले बाहरी लोगों को पकड़ा जाए और गांव के जिन निर्दोष लड़कों को पुलिस गिरफ्तार कर ले गई है उन्हें छोड़ा जाए. वहीं किरोड़ी लाल मीणा ने गांव के लोगों को सुनने के बाद कहा कि इस पूरे मामले की न्यायिक जांच की जाएगी. इसके अलावा नरेश मीणा के हिंसक बयानों पर मीणा ने कहा कि लोकतंत्र में हिंसा की कोई जगह नहीं है और वो इस तरह की राजनीति को पसंद नहीं करते हैं .
"बाहर के रहने वाले हैं 40-45 लोग"
वहीं टोंक जिले के समरावता गांव में हुई हिंसा को लेकर गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने मीडिया से कहा कि ये घटना एक रहस्य है और ये जांच का विषय है कि बाहर के लोगों को बुलाकर किसने उपद्रव करवाया और क्यों करवाया? बेढम ने कहा कि प्रदेश की शांति को भंग करने का कैसा भी प्रयास कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. वहीं मंत्री ने आगे कहा कि इस पूरी घटना को लेकर समरावता और उसके आसपास के ग्रामीणों का एक प्रतिनिधिमंडल मुझसे मिला है जिनका कहना है कि इसमें ग्रामीणों की कोई संलिप्तता नहीं है और जांच में इसकी पुष्टि भी हुई है. हमारी पुलिस यह सुनिश्चित करेगी कि इस घटना में किसी निर्दोष को कोई परेशानी ना हो.