Tonk: युवक को कार में जिंदा जलाने के मामले में 2 महीने बाद भी कोई कार्रवाई नहीं, परिजनों का फूटा गुस्सा
Tonk Hemraj Bairwa Death: टोंक जिले में 2 महीने पहले युवक को जिंदा जलाने के मामले में शुक्रवार को परिजनों का आक्रोश फूट पड़ा. मृतक हेमराज बैरवा की परिजनों के साथ ग्रामीणों ने चराई रोड़ पर जाम लगाकर प्रदर्शन किया. न्याय नहीं मिलने से नाराज ग्रामीणों ने सुबह 7 बजे से सड़क पर बल्लियां लगाकर सड़क जाम कर दी. जाम की जानकारी मिलते ही कोतवाली और सदर थानाधिकारी मौके पर पहुंचे और परिजनों से समझाइश शुरू की लेकिन उच्चाधिकारियों को मौके पर बुलाने की मांग और न्याय दिलाने की मांग करते रहे.
दरअसल मामला चराई निवासी मृतक युवक हेमराज बैरवा की संदिग्ध मौत से जुडा है. घटना के मुताबिक करीब दो महीने पहले बरोनी थाना इलाके के डिग्गी सोहेला मार्ग पर युवक हेमराज बैरवा का जला हुआ शव उसी की बोलेरो कार के पास संदिग्ध अवस्था में पड़ा हुआ मिला था. परिजनों ने हेमराज बैरवा की हत्या की आशंका जताई थी.
इसी मामले में पुलिस की अब तक की कार्रवाई से नाराज़ हेमराज बैरवा के परिजनों और स्थानीय ग्रामीणों ने शुक्रवार को चराई रोड़ पर जाम लगा दिया. परिजन और ग्रामीण हेमराज को न्याय दिलाए जाने की मांग कर रहे हैं. इसके बाद सदर थाना पुलिस अधिकारी बृजमोहन कवेया मय पुलिस ज़ाबते के मौके पर पहुंचा था.
परिजन दे चुके हैं कई बार धरना
बता दें कि सोहेला-डिग्गी स्टेट हाईवे हाडीखुर्द के पास जलती कार में युवक की मौत मामले में कार्रवाई नहीं होने पर ग्रामीणों ने इससे पहले भी ग्रामीण न्याय की मांग को लेकर गांव में अनशन और भूख हड़ताल के जरिए अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया था. अब चराई रोड पर जाम लगाकर प्रदर्शन किया. मृतक के परिजन और ग्रामीण ने आरोपियों को जल्द गिरफ्तार करने की मांग कर रहे हैं.
क्या था पूरा मामला?
स्टेट हाइवे संख्या 117 सोहेला-डिग्गी मार्ग पर 2 नवम्बर रात युसुफपुरा चराई निवासी 33 वर्षीय हेमराज बैरवा की अपनी ही बोलेरो में जलकर मौत हो गई. परिजन जब वहां पहुंचे तो वह आधा बाहर निकला हुआ मिला. आग बुझने पर परिजन उसे अस्पताल ले गए, लेकिन सआदत पहुंचने के बाद ड्यूटी डॉक्टर्स ने उसे मृत बता दिया.
गुस्साए परिजनों ने पुलिस के खिलाफ आक्रोश व्यक्त करते हंगामा किया. ग्रामीण का कहना है कि पुलिस से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों को अवगत करवाने के बावजूद कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. इसलिए मजबूर होकर जाम लगाने पर मजबूर होना पड़ रहा है.
-(टोंक से कमलेश कुमार महावर की रिपोर्ट)
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