Tonk: डीएपी उर्वरक के लिए किसानों ने कलेक्ट्रेट पर दिया धरना, 4 घंटे बाद सुलझा मामला
Tonk:कमलेश कुमार महावर। टोंक जिले में यूरिया-डीएपी (उर्वरक) लेते समय जबरन नैनों (यूरिया), सल्फर व जिंक दिए जाने व विरोध करने पर यूरिया देने से मना करने के विरोध में किसानों ने दोपहर बाद कलेक्ट्रेट पहुंचे पर धरना दिया। करीब चार घंटे से ज्यादा समय धरना देने के बाद शाम कलेक्टर की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद मामला सुलझा और शाम को करीब किसानों को उनकी मांग अनुसार बिना टैगिंग के डीएपी मिली, दूसरी ओर कृषि विभाग के अधिकारी किसान नेताओं पर बेवजह धरना देने का आरोप लगाते दिखे।
यूं शुरू हुआ विवाद
दरअसल मंगलवार को किसान गोपीलाल 20 कट्टे यूरिया के लेने आया तो टोंक के उर्वरक विक्रेता ने 20 कट्टे पर 4 नैनों यूरिया की बोटल देने की बात कही। ऐसे में यूरिया खरीदने के लिए किसान को 1 हजार रुपए अलग खर्च करने पड़ते। किसान नेता रामेश्वर प्रसाद चौधरी का कहना था कि खरीफ फसल को बेचकर यूरिया, डीएपी उर्वरक किसान खरीदते थे। लेकिन किसानों के पास अगली फसल के लिए राशि भी नहीं है, ऐसी स्थिति में किसानों से 5 कट्टे यूरिया पर नैनों यूरिया देकर 225 रूपए व नैनों डीएपी के नाम पर 650 रूपए वसूलें जा रहे थे। दो दर्जन किसानों को 333 यूरिया बैग व डीएपी के 100 बैग की जरुरत है और किसान अपने ट्रैक्टर साथ लेकर अलग-अलग गांव से टोंक पहुंचे। जिस दुकान पर गए वहां टैगिंग के बिना उर्वरक नहीं दिया जा रहा है, उर्वरक विक्रेताओं की कालाबाजरी के विरोध व प्रशासनिक उदासीनता के कारण मजबूर होकर उन्हे धरना देना पड़ा। शाम को करीब साढ़े छह के बाद प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में किसानों की बैठक होने के बाद बिना टैगिंग डीएपी देने पर राजी होने के बाद धरना खत्म हो पाया।
जबरन दिया जा रहा नैनों यूरिया/डीएपी
जिले में यूरिया, डीएपी उर्वरक के साथ जबरदस्ती किसानों को नैनो यूरिया, नैनों डीएपी, सल्फर, जिंक आदि अनचाहे उत्पादों को दिए जाने के विरोध में वे कलेक्ट्रेट पहुंचे थे। लेकिन कलेक्टर की मीटिंग में होने के कारण किसान उनसे नही मिल पाए और कोई संतोषपूर्ण जवाब नहीं मिलने पर वहीं पर सत्याग्रह (धरना) देकर बैठ गए। इस दौरान बारिश आने के बाद किसान कलेक्ट्रेट परिसर में धरने की जगह बदलते रहे।
बात होने के बावजूद किसानों ने दिया धरना
कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक विजेंद्र सिंह सोलंकी ने बताया कि जब किसान नेता रामेश्वर के जरिए दूरभाष पर जानकारी में आयी कि इफकों ई-बाजार में किसानों को यूरिया व डीएपी के साथ नैनों यूरिया-डीएपी दिया जा रहा है। इसपर उर्वरक निरीक्षक सहायक निदेशक रामपाल शर्मा को मौके पर भेजकर रामेश्वर चौधरी ने बताया कि वहां जाकर उर्वरक ले सकते है, निरीक्षण मौके पर हैं। अधिकारी का आरोप है कि रामेश्वर उर्वरक लेने की जगह किसानों के साथ कलेक्ट्रेट पर धरने पर बैठ गए।
पर्याप्त उर्वरक मौजूद
संयुक्त निदेशक ने बताया कि 6 हजार टन से ज्यादा यूरिया व 3 हजार टन से ज्यादा डीएपी उपलब्ध है। जिले में उर्वरक की कमी नहीं है। कलेक्टर से इस संबंध में वार्ता करने पर उन्होंने निर्देश दिए थे कि एक कृषक को 10-10 कट्टे यूरिया व डीएपी से अधिक ना दिया जाए। ताकि जिले के सभी किसान को पर्याप्त उर्वरक मिल सके, वहीं जिन सहकारी समितिया पर उर्वरक नहीं है, वहां प्राथमिकता के आधार पर उर्वरक उपलब्ध करवाए।