Tonk: सचिन पायलट के गढ़ में खेला ! टोंक नगर परिषद के कांग्रेस उप सभापति बर्खास्त, 42 दिन पुराना आदेश अब पहुंचा
Tonk Deputy Chairman Dismis: टोंक। कांग्रेस महासचिव और टोंक विधायक सचिन पायलट काे गढ़ में बड़ा खेला हुआ है। स्वायत्त शासन विभाग ने टोंक नगर परिषद के कांग्रेस के उपसभापति बजरंग लाल वर्मा को बर्खास्त कर दिया है। (Tonk Deputy Chairman Dismis) इनके खिलाफ तीसरी संतान की बात चुनाव घोषणा पत्र में नहीं देने को लेकर शिकायत की गई थी। जिस पर यह कार्रवाई की गई है। मगर हैरानी की बात ये है कि बर्खास्तगी के ऑर्डर DLB से टोंक पहुंचने में 42 दिन लग गए।
तीसरी संतान की जानकारी छुपाने का आरोप
टोंक नगर परिषद के चुनाव साल 2019 में हुए थे। इस दौरान वार्ड नम्बर 3 से बजरंग लाल वर्मा निर्वाचित हुए और उप सभापति बनाए गए। तभी बजरंग लाल वर्मा पर चुनाव घोषणा पत्र में तीसरी संतान की जानकारी नहीं देने के आरोप लगे। पहले वर्मा के खिलाफ चुनाव लड़े भाजपा प्रत्याशी रामदयाल गुणावत ने शिकायत की। इसके बाद एडवोकेट हिम्मत सिंह शक्तावत ने भी कलेक्टर से DLB तक शिकायत की। मगर वर्मा के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं हुई।
शिकायत के 4 साल बाद उपसभापति बर्खास्त
अब स्वायत्त शासन विभाग ने टोंक नगर परिषद उपसभापति बजरंग लाल वर्मा को पार्षद पद से बर्खास्त कर दिया है। DLB के आदेश के मुताबिक पार्षद बजरंग लाल के खिलाफ मिली शिकायत की स्थानीय निकाय विभाग उप निदेशक अजमेर से जांच करवाई गई। जिसमें बजरंग लाल वर्मा की तीन संतान होने की पुष्टि हुई। इसके बाद उन्हें सुनवाई का मौका दिया गया। मगर वर्मा ने जवाब पेश नहीं किया। जिसके बाद बजरंग लाल वर्मा को बर्खास्त किया गया है।
बर्खास्तगी आदेश टोंक पहुंचने में कैसे लग गए 42 दिन?
हैरानी की बात ये है कि यह बर्खास्तगी आदेश 30 अगस्त 2024 को जारी हुए थे। मगर अब 42 दिन बाद जाकर टोंक नगर परिषद को यह आदेश मिले हैं। गुरुवार को ही नगर परिषद को ई-मेल और वॉट्सएप से इसकी सूचना मिली। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर इतने दिन तक आदेश किसके इशारे पर कौन दबाए बैठा था। आदेश नगर परिषद तक पहुंचने में इतना समय कैसे लग गया? टोंक नगर परिषद का कार्यकाल 25 नवंबर को पूरा हो रहा है।
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