Tonk : टोंक के भीपुर गांव में क्यों मची तबाही ? 6 दिन से ना खाना, ना सिर छुपाने का इंतजाम
Tonk Bhipur Village Destroyed By Rain : टोंक। जिले के मालपुरा का भीपुर गांव बारिश ने तबाह कर दिया है। गांव में 250 घर हैं, इनमें से 40 कच्चे मकान पूरी तरह ढह गए हैं। 100 मकानों में भारी नुकसान हुआ है। इन घरों में रखा सारा सामान भी पानी में बह गया। जिसकी वजह से इन घरों में रहने वाले लोगों को ना खाना नसीब हो रहा है और ना सिर छुपाने की जगह बची है।
6 दिन से कपड़े नहीं बदले, खाना भी नहीं
टोंक जिले में 4-5 जुलाई को आई बारिश ने ऐसी तबाही मचाई कि पूरा भीपुर गांव तहसनहस हो गया। बारिश की वजह से गांव में 40 मकान ढह गए। इन मकानों में रखा अनाज, कपड़े, घर की जरुरत के सामान के साथ नकदी-जेवर तक पानी में बह गए। ऐसे में इन घरों में रहने वाले परिवार अब दाने-दाने को मोहताज हो गए हैं। लोगों का कहना है कि छह दिन से एक ही कपड़े पहने हुए हैं, खाने तक का इंतजाम नहीं है। ना सिर छुपाने की जगह है।
पानी में बह गए शादी के जेवर
भीपुर गांव के नारायण प्रजापत ने बताया कि घर में शादी में आया 2 तोला सोना, 1 किलो चांदी सहित दहेज का सामान था। सब पानी में बह गया। नंदलाल प्रजापत और मांगीलाल के घरों में रखा सामान भी पूरी तरह खराब हो गया। ग्रामीणों ने बताया कि तेज बहाव में गाय, भैंस, बकरियां तक बह गईं।
रात को जाग रहे थे इसलिए बच गए
ग्रामीण नारायण, गणेश, भवानी सिंह, अर्जुन गुर्जर का कहना है कि गुरुवार रात जब बारिश आई, तब रात्रि जागरण का कार्यक्रम चल रहा था। रात 2.30 बजे घरों में बारिश का पानी भरने लगा। करीब दो फीट तक जलभराव होने के बाद कई मकान ढह गए। रात्रि जागरण की वजह से लोग जाग रहे थे, इसलिए घरों में जलभराव होता देख ऊंची जगहों पर पहुंच गए, सो रहे होते तो हादसा हो सकता था।
पानी में बहते अनाज को समेट रहे बच्चे
भीपुर गांव में बारिश में मकान ढह जाने और सारा सामान पानी में बह जाने से कई परिवारों को खाना तक नसीब नहीं हो रहा है। इन परिवारों के बच्चे पानी में बहते अनाज को समेटते नजर आए। सिर छुपाने के लिए भी जगह नहीं है, फिलहाल गांव के जो 100 घर सुरक्षित बचे हैं, उन्हीं में लोगों ने शरण ले रखी है।(Tonk Bhipur Village Destroyed By Rain)
जिला प्रशासन ने मदद का दिया भरोसा
लोगों का कहना है कि दो दिन से जिला प्रशासन की ओर से टीम भेजी जा रही है। सीईओ, तहसीलदार ने क्षतिग्रस्त मकानों की रिपोर्ट तैयार कर मदद का भरोसा दिलाया है। 40 फूड पैकेट भी भिजवाए हैं। पटवारी भी लगातार पानी निकासी सहित राहत कार्यों में जुटे हुए हैं।
क्या लापरवाही की वजह से मची तबाही ?
ग्रामीणों का कहना है कि गांव में बारिश के बाद मची तबाही लापरवाही का नतीजा है। गांव के नुक्कड से डिग्गी सोहेला स्टेट हाई-वे गुजरता है। मगर हाई-वे बनाते वक्त पानी के बहाव का रुख गांव की ओर कर दिया गया। जिसकी वजह से पूरे गांव में बारिश के बाद जलभराव हुआ।
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