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Sawai Madhopur: रणथम्भौर अभयारण्य से बुरी खबर ! इलाके में वर्चस्व की लड़ाई में मारा गया टाइगर T-2312

Tiger Death Ranthambore Sanctuary: सवाईमाधोपुर। राजस्थान में बाघों की आसान साइटिंग के लिए मशहूर सवाईमाधोपुर के रणथम्भौर टाइगर रिजर्व से बुरी खबर है। यहां टाइगर T-2312 की मौत (Tiger Death Ranthambore Sanctuary) हो गई। अभी तक माना जा रहा है...
05:58 PM Sep 22, 2024 IST | Rajasthan First

Tiger Death Ranthambore Sanctuary: सवाईमाधोपुर। राजस्थान में बाघों की आसान साइटिंग के लिए मशहूर सवाईमाधोपुर के रणथम्भौर टाइगर रिजर्व से बुरी खबर है। यहां टाइगर T-2312 की मौत (Tiger Death Ranthambore Sanctuary) हो गई। अभी तक माना जा रहा है कि टेरिटरी को लेकर दो बाघों के बीच संघर्ष हुआ। जिसमें एक टाइगर बुरी तरह घायल हो गया, जिसकी बाद में मौत हो गई। रविवार को वन विभाग ने मृत टाइगर का अंतिम संस्कार किया।

टेरिटोरियल फाइट में टाइगर T-2312 की मौत

रणथम्भौर अभयारण्य से रविवार को टाइगर की मौत की दुखद खबर मिली। जिस टाइगर T-2312 की मौत हुई है, उसकी उम्र करीब तीन साल बताई जा रही है। वन विभाग की टीम को बाघ का शव खंडार रेंज के फिरया नाका के पास गौघाटी वन क्षेत्र में पड़ा मिला था। बाघ का शव मिलने की सूचना पर DFO रामानंद भाकर सहित वन विभाग के अन्य अधिकारी पहुंचे, इसके बाद पता चला कि मृत बाघ T-2312 है। इसके बाद वन विभाग ने राजबाग नाका चौकी पर पोस्टमार्टम बाघ के शव का पोस्टमार्टम कराया। जिसके बाद आज टाइगर के शव की अंत्येष्टि की गई।

इलाके में दबदबे को लेकर हुई भिड़ंत में घायल हुआ था बाघ

रणथम्भौर अभयारण्य के DFO रामानंद भाकर और पशु चिकित्सक राजीव गर्ग के मुताबिक टाइगर का शव 15 से 16 घंटे पुराना है। टाइगर की मौत दूसरे टाइगर से टेरिटोरियल फाइट की वजह से हुई है। जंगल में हर बाघ अपनी टेरिटरी (इलाका) बनाता है। जिस जगह बाघ की मौत हुई, वहां दो-तीन बाघों का मूवमेंट रहता है। ऐसे में माना जा रहा है कि टाइगर टी-2312 की दूसरे टाइगर से अपनी टेरिटरी को लेकर भिड़ंत हुई। जिसमें टाइगर गंभीर घायल हो गया और फिर उसकी मौत हो गई।

जनवरी 2023 से सितंबर 2024 तक 13 टाइगर की मौत!

रणथम्भौर टाइगर रिजर्व में जनवरी 2023 से सितंबर 2024 के बीच 13 टाइगर की मौत हो चुकी है, इनमें शावक भी शामिल हैं। आज फिर एक बाघ की मौत की खबर से वन्यजीव प्रेमी दुखी हो गए। रणथम्भौर 1700 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। मगर यह इलाका बाघ-बाघिनों की संख्या के लिहाज से कम पड़ने लगा है, जिसकी वजह से बाघों में टेरिटोरियल फाइट हो जाती है।

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