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Rajasthan Student Union Election: छात्र संघ चुनाव की मांग को लेकर प्रदेश में मचा घमासान, छात्र संघ चुनावों को लेकर कब-कब लगी रोक?

Rajasthan Student Union Election: जयपुर। राजस्थान में इन दिनों छात्रसंघ चुनाव कराए जाने की मांग को लेकर घमासान मचा हुआ है। कांग्रेस की छात्र इकाई NSUI और भाजपा के छात्र संगठन एबीवीपी सहित कई छात्र संगठन चुनाव कराने की मांग...
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Rajasthan Student Union Election: जयपुर। राजस्थान में इन दिनों छात्रसंघ चुनाव कराए जाने की मांग को लेकर घमासान मचा हुआ है। कांग्रेस की छात्र इकाई NSUI और भाजपा के छात्र संगठन एबीवीपी सहित कई छात्र संगठन चुनाव कराने की मांग को लेकर हंगामा मचाए हुए हैं। पिछले साल अपनी सरकार में चुनाव रोकने वाले अशोक गहलोत अब चुनाव कराने की पैरवी कर रहे हैं।

जबकि, भाजपा सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा कह रहे हैं कि हमारी सरकार ने न तो चुनाव रोकने का फैसला किया और न ही चुनाव कराने पर विचार कर रही है। चुनाव करने को लेकर भले ही पक्ष-विपक्ष आज आमने-सामने हो लेकिन इतिहास बताता है कि सरकार में रहते हुए दोनों ही दलों का रवैया चुनाव कराने को लेकर लगभग एक जैसा रहा है।

इतनी बार नहीं हुए चुनाव

पिछले 24 सालों में 8 बार छात्रसंघ के चुनाव नहीं कराए गए हैं। इन 8 मौकों में से 4 बार राज्य में भाजपा की सरकार और 4 बार कांग्रेस की सरकार थी। साल 2023 में गहलोत सरकार में 12 अगस्त 2023 को आदेश जारी कर छात्रसंघ चुनाव नहीं कराने का फैसला किया था। तब सरकार ने बताया था कि कई यूनिवर्सिटी के कुलपतियों ने चुनाव नहीं कराने की राय दी थी। (Rajasthan Student Union Election)

इसके अलावा नई शिक्षा नीति 2020 लागू करने में परेशानी होने का हवाला भी दिया गया था। तब चुनावी साल था और सरकार कानून व्यवस्था के लिहाज से छात्रसंघ चुनाव में ध्यान डायवर्ट नहीं करना चाहती थी। तब प्रशासन और पुलिस ने भी यही राय दी थी। (Rajasthan Student Union Election)

2022 में हुए थे चुनाव

राज्य में अंतिम बार चुनाव 2022 में हुए थे। दो साल के इंतजार के बाद गहलोत सरकार ने साल 2022 में चुनाव कराए थे। 26 अगस्त को चुनाव और 27 अगस्त को रिजल्ट घोषित हुए थे। 15 यूनिवर्सिटी, 400 से ज्यादा सरकारी और करीब 500 प्राइवेट कालेजों में चुनाव कराए गए। वहीं, 2020—2021 में कोराना के कारण चुनाव नहीं हो सके।

राज्यपाल द्वारा गठित कमेटी ने चुनाव नहीं कराने की अनुशंसा की थी। इसके बाद अगले साल 2021 में कोराना का संक्रमण कम था तो छात्रों ने फिर चुनाव कराने की मांग की लेकिन सरकार ने एहतियात के तौर पर चुनाव नहीं कराए। (Rajasthan Student Union Election)

2005-2009 के वक्त हाई कोर्ट ने छात्र संघ के चुनावों पर रोक लगा दी थी। दरअसल, जयपुर में राजस्थान यूनिवर्सिटी के सामने एक प्रदर्शन का मामला कोर्ट चला गया था। इसके साथ ही लिंग दोह कमेटी ने छात्र संघ चुनाव में सुधार की सिफारिश की थी। इसके चलते 2005 से 2009 तक चुनाव नहीं हुए। इस दौरान 2008 तक कांग्रेस की सरकार थी जबकि 2009 में भाजपा की सरकार बन चुकी थी। (Rajasthan Student Union Election)

गहलोत ने पलटा फैसला

दिलचस्प बात यह है कि पिछले साल अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री रहते हुए चुनाव नहीं कराने का फैसला लिया था लेकिन अब गहलोत ही चुनाव कराने के पक्ष में हैं। उन्होंने शनिवार को ट्वीट करके अपना बयान जारी किया कि छात्र संघ चुनाव राजनीति की पहली पाठशाला है। सरकार को छात्र संघ चुनाव कराने चाहिए। कई विधायक भी चुनाव के पक्ष में राय दे चुके हैं।

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