बारां की भैंसासुर नदी में उफान...SDRF ने कैसे बचाई प्रसूता और नवजात की जान ?
Rajasthan News Baran: बारां। राजस्थान पर इस बार मानसून खासा मेहरबान है। बारां में भी तेज बारिश के बाद नदी-नाले उफान पर हैं। यहां भैंसासुर नदी में उफान आने की वजह से प्रसूता और नवजात की जान पर बन आई। मगर ऐनवक्त पर SDRF टीम देवदूत बनकर वहां पहुंच गई और दोनों को सुरक्षित रेस्क्यू कर अस्पताल पहुंचा दिया।
भैंसासुर नदी में उफान, खंडेला मार्ग बंद
बारां में तेज बारिश के बाद भैंसासुर नदी उफान पर आ गई है, जिससे खंडेला मार्ग पर आवागमन बंद हो गया है। इस बीच शुक्रवार को किशनगंज के हथियादह गांव की महिला को प्रसव पीड़ा हुई। प्रसूता के भाई नंदकिशोर के मुताबिक बहन को लेकर ट्रैक्टर ट्रॉली से रेलावन अस्पताल के लिए रवाना हुए।
अस्पताल नहीं पहुंच पाई प्रसूता, ट्रॉली में प्रसव
बारिश से पूरा रास्ता खराब हो गया। इस वजह से रास्ते में रात के अंधेरे में कई जगह ट्रॉली निकालने में भी दिक्कत हुई। पूरी रात संघर्ष करने के बाद सुबह भैंसासुर नदीं के किनारे पर पहुंचे, तो नदी उफान पर थी। ऐसे में आगे नहीं जा सकते थे। इस बीच महिला को तेज प्रसव पीड़ा हुई और उसने ट्रॉली में ही बच्चे को जन्म दे दिया।
प्रसव के बाद महिला को होने लगी ब्लीडिंग
प्रसूता के भाई के मुताबिक बहन की डिलीवरी तो हो गई। मगर गर्भनाल प्रसूता के पेट में ही रह गई, जिससे उसे ब्लीडिंग होने लगी। इसके बाद महिला को खंडेला PHC लाया गया। मगर यहां डॉक्टर नहीं था। इसके बाद महिला को वापस नहीं किनारे लाया गया।(Rajasthan News Baran)
SDRF बनी देवदूत, महिला को पहुंचाया अस्पताल
प्रसूता के नदी के किनारे फंसे होने की सूचना पर SDRF टीम वहां देवदूत बनकर पहुंची। SDRF टीम के सदस्यों ने कड़ी मशक्कत के बाद प्रसूता और नवजात को उस पार पहुंचाया। इसके बाद महिला को केलवाड़ा अस्पताल में भर्ती कराया गया।
प्रसूता-नवजात की हालत खतरे से बाहर
डॉ. राजेश राजावत और डॉ. अमित भारती ने बताया कि खून की कमी होने के कारण प्रसूता महिला को बारां रैफर किया गया है। दोनों की हालत अब खतरे से बाहर है।(Rajasthan News Baran)
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