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राजस्थान के इस राजा ने पहनाई थी स्वामी विवेकानन्द को पगड़ी, जानें इससे जुड़ी रोचक कहानी...

Swami Vivekananda Pagdi: स्वामी विवेकानन्द से जुड़े कई किस्से-कहानियां अपनी सुनी होगी। वेदान्त के विख्यात और प्रभावशाली आध्यात्मिक गुरु के रूप में स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda Pagdi) को जाना जाता है। आज भी करोड़ों युवा के लिए स्वामी विवेकानन्द प्रेरणा...
11:49 AM Dec 12, 2024 IST | Surya Soni

Swami Vivekananda Pagdi: स्वामी विवेकानन्द से जुड़े कई किस्से-कहानियां अपनी सुनी होगी। वेदान्त के विख्यात और प्रभावशाली आध्यात्मिक गुरु के रूप में स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda Pagdi) को जाना जाता है। आज भी करोड़ों युवा के लिए स्वामी विवेकानन्द प्रेरणा स्रोत माने जाते हैं। उन्होंने अमेरिका के शिकागो में आयोजित विश्व धर्म सम्मेलन में भाषण दिया था। इस भाषण के जरिए स्वामी जी ने दुनियाभर में भारत की मजबूत छवि पेश की थी। उनके वचनों से आज भी युवाओं को काफी प्रेरणा मिलती हैं। वो अपने सिर पर पगड़ी भी बांधते थे। आज इस आर्टिकल में हम आपको उनकी पगड़ी से जुड़ी रोचक कहानी बताएंगे...

विश्व धर्म सम्मेलन से मिली थी पहचान:

बता दें स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को कोलकाता में हुआ था। उनके पिता का नाम विश्वनाथ दत्त और मां का नाम भुवनेश्वरी देवी था। स्वामी जी का बचपन का नाम नरेंद्र नाथ दत्त था। लेकिन वो दुनियाभर में स्वामी विवेकानंद के नाम से मशहूर हुए। उनको ये नाम राजस्थान के खेतड़ी के राजा अजित सिंह ने दिया था। स्वामी विवेकानंद को असली पहचान दिलाने के पीछे भी खेतड़ी नरेश का काफी योगदान रहा हैं। उन्होंने ही स्वामी विवेकानंद के अमेरिका की शिकागो यात्रा का पूरा खर्चा वहन किया था।

इस राजा ने पहनाई थी पगड़ी:

अमेरिका की शिकागो में हुए विश्व धर्म सम्मेलन में सनातन धर्म का परचम लहराकर जब स्वामी विवेकानंद वापस लौटे तो सबसे पहले खेतड़ी ही आए थे। उनके आने की ख़ुशी में खेतड़ी में दिवाली की तरह दीपक जलाकर पूरे क्षेत्र को जगमग किया गया था। कहा जाता हैं कि उस समय में 40 मन देसी घी के दीए जलाकर खेतड़ी में दीपावली मनाई गई थी। उनके सम्मान में खेतड़ी राजा अजीत सिंह ने उनको पगड़ी पहनाई थी। स्वामी विवेकानंद और राजा अजीत सिंह के बीच एक दोस्ती बहुत ही गहरी थी।

तीन बार खेतड़ी आए थे स्वामी विवेकानंद:

बता दें राजस्थान के झुंझुनूं जिले के खेतड़ी से स्वामी विवेकानंद का ख़ास नाता था। उनको स्वामी विवेकानंद के नाम के साथ यहां से वो पहचान मिली जो अमेरिका की शिकागो देश की पहचान बन गई। बता दें स्वामी विवेकानंद 1891 से 1897 के बीच तीन बार खेतड़ी आए। बताया जाता है कि स्वामी जब पहली बार खेतड़ी आए थे तो यहां उन्होंने 82 दिन बिताए थे। आखिरी में वो 1897 में खेतड़ी आए थे और 9 दिन रुके थे।

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Disclaimer: यहां उपलब्ध जानकारी सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। Rajasthanfirst.in किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।

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