कोटा में भारत के चैंपियन बनने पर छात्रों का हुड़दंग, सड़कों पर मचा बवाल, पुलिस को भी आया पसीना!
Kota News: दुबई में भारत और न्यूजीलैंड के बीच चैंपियन ट्रॉफी का फाइनल मुकाबला हुआ। रविवार रात इंडिया की जीत के जश्न में कोटा में कोचिंग स्टूडेंट्स ने भीड़ ने हुड़दंग मचाया। भीड़ के रूप में कोचिंग छात्रों ने बोरखेड़ा थाना क्षेत्र में कोरल पार्क इलाके के अंदर पुलिस बैरिकेड्स गिराए। पोस्टर बैनर फाड़े।(Kota News) जिसकी तस्वीरें सामने हैं। कोचिंग स्टूडेंट्स ने दुकानों के शटर पर भी डंडे मारे।डेढ़ से 2 घंटे तक इस तरह का माहौल कोरल पार्क कोचिंग इलाके में रहा। कोचिंग स्टूडेंट्स एरिया में उत्पात मचाते दिखे। हॉस्टल्स के शटर पर डंडों से जोर जोर से मारी ।
पुलिस बैरिकेड्स गिराए, दुकानों के शटर पर मारे डंडे
एक हॉस्टल संचालक के हॉस्टल के बाहर पड़ा हुआ ग्रेनाइट भी इन्होंने तोड़ दिया। उत्पात के दौरान पुलिस भी घटनास्थल पर नहीं पहुंची।
जबकि पुलिस चौकी महज 500 मीटर की दूरी पर थी। सैकड़ो की संख्या में कोचिंग स्टूडेंट्स के उत्पात मचाते वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। बैरिकेड्स को काफी देर घसीटा। उस पर डंडों और लातों से युवक मारते दिखे। एक जगह तो बैरिकेड्स पर ही एक लड़के को बैठा दिया और उसे पूरे एरिया में घुमाया। प्रशासन ने देर रात 9 बजे के बाद किसी भी कोचिंग स्टूडेंट्स को हॉस्टल्स और पीजी से बाहर नहीं निकलने की गाइडलाइन जारी की हुई है। लेकिन उसके बाद यह घटना प्रशासन के नियमों की भी धज्जियां उड़ा रही थी। एरिया में हॉस्टल निर्माण करवा रहे ज्ञान सुवालका का कहना है कि उन्होंने ग्रेनाइट मंगवाया था, जिसे हॉस्टल के निर्माण में उपयोग में करना था, लेकिन रविवार देर रात को हुए उत्पात में लड़कों ने इस मार्बल को तोड़ दिया।
कोचिंग एरिया में शांति बनाए रखने की जरूरत
इधर, हॉस्टल संचालक रविंद्र मीणा ने कहा कि करीब डेढ़ घंटे तक यह उत्पात चला। कोरल पार्क ही नहीं निर्मल पार्क और आसपास के एरिया में भी कोचिंग स्टूडेंट्स सड़कों पर हंगामा किया। पहले जश्न मनाया, लेकिन बाद में हंगामा हुआ। हॉस्टल्स के बाहर इन लड़कों ने गमले तोड़ दिए है। पोस्टर व बैनर फाड़ दिए हैं। यहां तक कि हॉस्टल के लोहे शटर पर भी लाठी और डंडों से हमले किया। इधर, ज्ञान सुवालका का कहना है कि इस तरह का माहौल अभी देखने को मिल रहा है, तो आगे जाकर होली का त्योहार है।
जिला प्रशासन को पहले से ठोस कदम उठाने चाहिए। कोचिंग स्टूडेंट्स पर इस तरह की घटना को अंजाम देने के पहले ही पाबंद कर देना चाहिए। यह भी कहा कि मेरा नुकसान हुआ है, लेकिन रिपोर्ट किसको और क्या दूं, भीड़ का भी कोई चेहरा नहीं होता है। बाहरी स्टूडेंट भी हो सकते हैं। छात्राएं और कुछ पढ़ने वाले स्टूडेंट्स भी इससे डिस्टर्ब रहते हैं। कोचिंग एरिया में ज्यादातर पढ़ने वाले बच्चे रहते हैं। ऐसे में इस तरह के जश्न की आवश्यकता भी नहीं होती है। भीड़ को कौन रोकेगा या गाइड करेगा।
(कोटा से अर्जुन अरविंद की रिपोर्ट)
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