Sterilization failure: सरकारी हॉस्पिटल में महिला की नसबंदी फेल होने पर मुआवजे का मामला अब कोर्ट तक पहुंच गया। महिला को पहले चिकित्सा विभाग ने 30 हजार रुपए मुआवजा दिया था, लेकिन कोर्ट ने 40 हजार और देने का आदेश दिया था। जब यह आदेश नहीं माना गया, तो कोर्ट ने एक्शन लिया और (Sterilization failure) दौसा जिले के CMHO ऑफिस को कुर्क करने के लिए टीम भेज दी। शुक्रवार को जब मुंसिफ मजिस्ट्रेट की टीम CMHO ऑफिस पहुंची, तो हड़कंप मच गया। CMHO डॉ. सीताराम मीना और डिप्टी सीएमएचओ डॉ. महेंद्र सिंह गुर्जर नदारद थे, और जैसे ही ड्राइवरों को पता चला कि सरकारी गाड़ी भी कुर्क हो सकती है, वे अपनी कार लेकर फरार हो गए। क्या है पूरा मामला? जानिए!
CMHO ने डिप्टी सीएमएचओ को ऑफिस पहुंचने के निर्देश दिए
किसी भी कार्रवाई को आगे बढ़ाने से पहले, कोर्ट की टीम ने CMHO डॉ. सीताराम मीना से संपर्क किया, जिन्होंने डिप्टी सीएमएचओ को दफ्तर में आने के निर्देश दिए। इसके बाद, डॉ. महेंद्र सिंह गुर्जर ने फोन पर यह बताया कि वे किसी कृषि संबंधित मामले में राजस्थान हाई कोर्ट जयपुर गए हैं। हालांकि, मामला यहीं खत्म नहीं हुआ और CMHO द्वारा दफ्तर से एक अधिकारी को भेजकर टीम से 15 दिन की मोहलत मांगी गई। यह लिखित प्रार्थना पत्र कोर्ट में पेश किया जाएगा और कोर्ट के निर्णय का इंतजार किया जा रहा है।
सरकारी हॉस्पिटल ने नसबंदी का प्रमाण पत्र भी दिया था
महिला ने 6 दिसंबर 2022 को सरकारी हॉस्पिटल में नसबंदी कराई थी, और 12 जनवरी 2023 को उसे नसबंदी का प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया था। हालांकि, तीन महीने बाद अप्रैल 2023 में पेट दर्द के कारण सोनोग्राफी जांच कराई गई, जिसमें पता चला कि वह फिर से प्रेग्नेंट थी। महिला ने चिकित्सा अधिकारी से शिकायत की, लेकिन जवाब मिला कि ऑपरेशन सही तरीके से किया गया था और अब विभाग की जिम्मेदारी नहीं है।
चिकित्सा विभाग को जिम्मेदार ठहराया
महिला ने चिकित्सा विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कोर्ट में शिकायत दर्ज की और मुआवजे की मांग की। अदालत ने महिला को 70,000 रुपए का मुआवजा देने का आदेश दिया। इसके बाद, CMHO ने 5 मार्च 2024 को क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान स्वीकृत किया, लेकिन विभाग ने 40,000 रुपए का शेष भुगतान नहीं किया। इस पर महिला ने फिर से कोर्ट में अर्जी दी और मुआवजा बढ़ाने की मांग की, जिस पर कोर्ट ने 40,000 रुपए और देने का आदेश दिया।
मुआवजे के भुगतान में देरी...कार्रवाई
महिला की शिकायत पर जब मुआवजा नहीं दिया गया, तो कोर्ट ने CMHO के खिलाफ कार्रवाई की। शुक्रवार, 3 जनवरी 2024 को स्थायी लोक अदालत के आदेश पर कोर्ट की टीम CMHO ऑफिस और सरकारी संपत्ति को कुर्क करने पहुंची। इस दौरान अधिकारियों के गायब होने की खबर आई और उनके ड्राइवरों ने गाड़ियां लेकर फरार हो गए। अब कोर्ट ने 15 दिन का समय मांगा है, ताकि मामले में आगे की कार्रवाई की जा सके।
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