श्रीगंगानगर में बेरोजगारी भत्ता पाने के लिए भटक रहे हैं युवा, 10 महीनों से नहीं मिला एक पैसा
Unemployment Allowance In Rajasthan: राज्य में कांग्रेस की गहलोत सरकार द्वारा बेरोजगार युवाओं के लिए शुरू की गई बेरोजगारी भत्ता योजना दम तोड़ रही है जहां योजना में चयनित बेरोजगारों को सरकारी दफ्तरों में 4 घंटे रोजाना काम करने के बाद भी बेरोजगारी भत्ता पाने के लिए भटकना पड़ रहा है। श्रीगंगानगर जिले में भी इस योजना का कमोबेश यही हाल है। यहां बेरोजगारी भत्ता पाने वाले करीब 3000 बेरोजगार भत्ते के इंतजार में बैठे है मगर पिछले 10 महीने से इन्हें एक रुपया भी नही मिला है।
वहीं सरकार द्वारा समय पर भत्ता नहीं मिलने से पढ़ाई जारी रखने और सरकारी नौकरी की तैयारी करने वाले बेरोजगारों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। यही वजह है कि योजना हाशिए पर नजर आ रही है। राज्य में पिछले 10 महीने से युवाओं को बेरोजगारी भत्ता नहीं मिला है। इस योजना वर्तमान के आंकड़े कहते हैं कि करीब 1 लाख 87 हजार आशार्थियों को भत्ता दिया जा रहा है जिसमें पुरुष बेरोजगारों को 4 हजार, महिला, निशक्तजन और ट्रांसजेंडर आशार्थियों को 4500 रुपए हर महीने भत्ता दिया जा रहा है।
#SriGanganagar: बेरोजगारी भत्ता पाने के लिए भटक रहे हैं युवा, 10 महीनों से नहीं मिला एक पैसा
राज्य में कांग्रेस की गहलोत सरकार द्वारा बेरोजगार युवाओं के लिए शुरू की गई बेरोजगारी भत्ता योजना दम तोड़ रही है जहां योजना में चयनित बेरोजगारों को सरकारी दफ्तरों में 4 घंटे रोजाना काम… pic.twitter.com/1pbJG9GDwv
— Rajasthan First (@Rajasthanfirst_) June 26, 2024
23 विभागो में 1150 बेरोजगार इंटर्नशिप कर रहे 4 घंटे ड्यूटी
बता दें कि इस योजना के तहत भत्ता लेने के लिए पहले इंटर्नशिप करनी होती है जिसके लिए ऑनलाइन आवेदन करना होता है। वहीं फरवरी महीने तक राज्य में 13 हजार 47 युवाओं ने आवेदन किया था जिसमें से कुल 12 हजार 680 आवेदकों ने इंटर्नशिप में उपस्थिति दर्ज करवाई थी लेकिन समय पर बेरोजगारी भत्ता नहीं मिलने से बेरोजगार युवाओं का रुझान कम हो गया है।
एमकॉम कर चुकी आरजू खत्री बताती है कि 7 जुलाई 2022 से सीएमएचओ ऑफिस श्रीगंगानगर में रोजाना चार घंटे की ड्यूटी करती है ताकि उसे बेरोजगारी भत्ता मिले लेकिन पिछले 11 महीने से आरजू को सरकार ने एक रुपया नही दिया है जबकि घर से ऑफिस तक आने में आरजू के हर रोज 60 रुपए खर्च होते है.
आरजू कहती है कि उसके जैसी ना जाने कितनी जरूरतमंद बेरोजगार लड़कियां है जो बेरोजगारी भत्ते के लिए सरकारी दफ्तरों में रोजाना चार घंटे की ड्यूटी करती है ताकि उन्हें बेरोजगारी भत्ता मिले और वे अपनी आगे की पढ़ाई के साथ नौकरी की तैयारी कर सके लेकिन सरकार द्वारा समय पर भत्ता नही देने से इन बेरोजगारों की सारी उम्मीदें टूट रही है।
दरअसल आरजू की तरह ही एमए पास कर चुकी और भी कई युवतियां हैं जो बेरोजगारी भत्ते के लिए सीएमएचओ दफ्तर में लगी हुई है लेकिन भत्ता नही मिलने से काफी परेशान है। बता दें कि श्रीगंगानगर जिले में करीब 23 विभागो में 1150 बेरोजगार इंटर्नशिप के तहत 4 घंटे ड्यूटी दे रहे हैं। वहीं जिले में 3000 बेरोजगारों का भत्ता जुलाई 2023 से रुका हुआ है। जिला रोजगार अधिकारी बताते है की बेरोजगारों का भत्ता किन्हीं कारण से रुका हुआ है सरकार जल्दी भत्ता जारी करेगी.
भत्ता देने में भेदभाव का आरोप
इसके अलावा बेरोजगारी भले ही एक समान है लेकिन सरकार बेरोजगारों को भत्ता देने में भी भेदभाव करते हुए समानता नहीं रखने की भी बात सामने आ रही है जहां भत्ते का इंतजार कर रहे बेरोजगारों का आरोप है कि सबसे पहले भत्ता SC/ST वर्ग के बेरोजगारों को दिया जाता है और इसके बाद बाकी वर्ग के बेरोजगारों को भत्ता जमा होता है। हालांकि फिलहाल कई बेरोजगार युवा अपने बेरोजगारी भत्ते के लिए सरकार की तरफ 10 महीने से टकटकी लगाए देख रहे हैं कि कब उनके खाता में सरकार भत्ता जमा करवाए और कब वे नौकरी के लिए अपनी आगे की तैयारी शुरू कर सकें.
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