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सत्ता और विपक्ष के गतिरोध में फंसे स्पीकर! कौन है 5 बार के विधायक वासुदेव देवनानी?

अजमेर उत्तर से पांचवी बार विधायक चुने गए देवनानी को 12 दिसंबर 2023 को राजस्थान विधानसभा का अध्यक्ष घोषित किया गया था.
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Vasudev Devnani: राजस्थान की विधानसभा में बजट सत्र के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच पिछले 6 दिन से आपसी खींचतान चल रही है. बीते मंगलवार को दोनों पक्षों के बीच गतिरोध अपने चरम पर पहुंच गया. सदन के बाहर दिनभर पूरा विपक्ष धरने पर बैठा रहा और दोनों ही पक्षों की ओर से कौन पहले माफी मांगे इस बात पर पेंच फंसा रहा. वहीं स्पीकर वासुदेव देवनानी ने सदन में भावुक होकर अपनी पीड़ा जाहिर की.

मालूम हो कि पिछले शुक्रवार (21 फरवरी) को मंत्री अविनाश गहलोत की इंदिरा गांधी पर की गई एक टिप्पणी के बाद शुरू हुआ बवाल देखते ही देखते पक्ष-विपक्ष के बीच एक बड़े गतिरोध में बदल गया. विपक्ष का कहना है कि मंत्री गहलोत पूर्व प्रधानमंत्री के लिए 'दादी' शब्द का प्रयोग करने के लिए माफी मांगे तो विधानसभा अध्यक्ष ने साफ कर दिया कि कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को पहले आसन के प्रति अपने व्यवहार के लिए माफी मांगनी चाहिए.

इस पूरे घटनाक्रम में मंत्री के बयान और विपक्ष के विरोध के बीच यह पूरा मामला पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा और स्पीकर वासुदेव देवनानी पर केंद्रित हो गया. अजमेर उत्तर से पांचवी बार विधायक चुने गए देवनानी को दिसंबर 2023 में बीजेपी द्वारा राजस्थान में सरकार बनने पर लंबी चर्चा और विधायक दल की बैठक के बाद 12 दिसंबर 2023 को राजस्थान विधानसभा का अध्यक्ष घोषित किया गया था. बताया जाता है कि यह निर्णय उनके लंबे अनुभव, संघ से नजदीकी और निष्पक्ष छवि के आधार पर लिया गया.

इंजीनियर से नेता बने देवनानी

वासुदेव देवनानी राजस्थान में बीजेपी के प्रमुख नेताओं में गिने जाते हैं. वर्तमान में वे राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष (स्पीकर) हैं और अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र से विधायक के रूप में कार्यरत हैं. उनका जन्म 11 जनवरी 1948 को राजस्थान के अजमेर में हुआ था जहां एक इंजीनियर से राजनेता बने देवनानी ने अपनी सादगी, संगठनात्मक कौशल और शिक्षा के क्षेत्र में योगदान के चलते संगठन में एक खास जगह बनाई है.

देवनानी का जन्म एक सिंधी परिवार में हुआ था. उनके माता-पिता 1947 के भारत-पाक विभाजन के बाद सिंध (अब पाकिस्तान) से भारत आए थे. उन्होंने जोधपुर के एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बीई की डिग्री हासिल की. इसके बाद उन्होंने उदयपुर के विद्या भवन पॉलिटेक्निक कॉलेज में डीन के पद पर काम किया. उनकी पत्नी इंदिरा देवनानी एक सेवानिवृत्त शिक्षिका हैं.

संघ से जुड़ाव से चढ़े सियासी सीढ़ियां

देवनानी का राजनीतिक सफर छात्र जीवन से शुरू हुआ. वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से गहराई से जुड़े रहे और इसकी छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) में सक्रिय भूमिका निभाई. ABVP में उन्होंने राज्य अध्यक्ष के रूप में काम किया जिससे उनकी संगठनात्मक क्षमता और नेतृत्व कौशल का विकास हुआ. इसके बाद वे बीजेपी में शामिल हो गए और धीरे-धीरे पार्टी में अपनी पहचान बनाई.

देवनानी की विधानसभा में एंट्री 2003 में हुई जब वे पहली बार अजमेर उत्तर से बीजेपी के टिकट पर विधायक चुने गए. इसके बाद उन्होंने लगातार इस सीट पर अपनी जीत का सिलसिला बनाए रखा. उनकी सादगी और जमीनी स्तर पर काम करने की शैली ने उन्हें मतदाताओं के बीच लोकप्रिय बनाया. 2023 में देवनानी पांचवीं बार विधायक चुने गए. वहीं 2003 से 2018 तक की वसुंधरा राजे सरकारों में देवनानी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जहां 2008 से 2013 और फिर 2013 से 2018 तक राजस्थान के शिक्षा मंत्री रहे.

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