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प्यार की अर्जी, शादी का मनोकामना, खाटू श्याम के दरबार में आई अनोखी चिट्ठी... जानिए क्या लिखा था उसमें

यह चिट्ठी प्यार और दिल की गहराई को दर्शाती है, जिसमें एक युवती ने बाबा से अपनी प्यार की राह पर लौटने की प्रार्थना की
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Sikar News: खाटूश्यामजी में वेलेंटाइन डे के दिन प्रेम और विश्वास का एक बेहद इमोशनल दृश्य सामने आया। शुक्रवार को बाबा के दरबार में भक्तों की बड़ी संख्या उमड़ी, लेकिन एक भक्त की चिट्ठी ने सभी का ध्यान आकर्षित किया। यह चिट्ठी प्यार और दिल की गहराई को दर्शाती है, जिसमें एक युवती ने बाबा से अपनी प्यार की राह पर लौटने की प्रार्थना की।(Sikar News) बिना नाम लिखी इस चिट्ठी में उसने बाबा से अपनी जिंदगी के सबसे अहम फैसले में मदद मांगी, और अपने प्यार को खोने से बचाने की कामना की। यह चिट्ठी न सिर्फ भावनाओं का सच्चा इज़हार करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि कैसे विश्वास और श्रद्धा के साथ लोग अपने दिल की बात बाबा के दरबार में रखते हैं।

वैलेंटाइन डे पर खाटूश्याम जी का आकर्षक श्रृंगार

वैलेंटाइन डे के अवसर पर खाटूश्याम जी के मंदिर में एक विशेष श्रृंगार किया गया। इस दिन बाबा श्याम को गुलाबी, नीले, पीले और नारंगी रंग के खुशबूदार फूलों से सजाया गया, जिससे उनका रूप और भी आकर्षक हो गया। इसके अलावा, उन्हें रत्न जड़ित सोने का मुकुट पहनाया गया, जो भक्तों को अत्यधिक प्रिय रहा। इस श्रृंगार ने मंदिर में आने वाले भक्तों के दिलों को छू लिया और एक खास धार्मिक वातावरण का निर्माण किया।

28 फरवरी से शुरू होगा लक्खी मेला

इस साल का खाटूश्याम लक्खी मेला 28 फरवरी से शुरू होगा और 11 मार्च तक चलेगा। मेले में कई विशेष व्यवस्थाएँ की गई हैं, जैसे कि निशान की ऊंचाई 8 फीट निर्धारित की गई है, जिससे उससे ऊंचे निशान वाले भक्तों को प्रवेश नहीं मिलेगा। इसके अलावा, कांच की बोतलों और कांटेदार गुलाब बेचने वालों पर भी रोक लगाई जाएगी। मेले की सुचारू व्यवस्था के लिए खाटू थाने में कंट्रोल रूम स्थापित किया जाएगा, ताकि श्रद्धालुओं की सुविधा सुनिश्चित हो सके।

बाबा श्याम की महिमा और पौराणिक कथा

बाबा श्याम को भगवान कृष्ण का अवतार माना जाता है। एक प्रसिद्ध मान्यता के अनुसार, महाभारत युद्ध के दौरान भीम के पौत्र बर्बरीक के पास तीन तीर थे, जो युद्ध का रुख बदल सकते थे। भगवान कृष्ण ने बर्बरीक से उनका सिर दान में लिया और उसे वचन दिया कि वह कलियुग में श्याम के नाम से पूजे जाएंगे। बर्बरीक की यह कथा भक्तों के बीच बाबा श्याम की महिमा को और भी बढ़ाती है, और उन्हें हर हाल में आस्था का सहारा माना जाता है।

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