Tonk: निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीना ने SDM को थप्पड़ क्यों मारा ? मतदान के बहिष्कार से थप्पड़ तक कैसे पहुंची बात
SDM Slap Case Tonk: राजस्थान में सात विधानसभा क्षेत्रों में उप चुनाव के दौरान कल बुधवार को टोंक के देवली-उनियारा में जमकर हंगामा हुआ। (SDM Slap Case Tonk) वोटिंग के दौरान निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीना ने SDM को थप्पड़ मार दिया। जिसके बाद पुलिस ने नरेश को हिरासत में लिया तो बवाल मच गया। ग्रामीणों ने पुलिस पर पथराव कर दिया, तो पुलिस को आंसू गैस छोड़कर भीड़ को काबू करना पड़ा। इस बीच सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर नरेश मीना ने SDM को थप्पड़ क्यों मारा?
नरेश मीना ने SDM को थप्पड़ क्यों मारा?
देवली-उनियारा में कल बुधवार को उप चुनाव के लिए मतदान हो रहा था। इस बीच एक पोलिंग बूथ पर निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीना और SDM अमित चौधरी के बीच बहस हो गई। बहस के बीच नरेश मीना आपा खो बैठे और उन्होंने SDM को थप्पड़ जड़ दिया। निर्दलीय नरेश मीना की ओर से बताया जा रहा है कि यह विवाद EVM पर नरेश का चुनाव चिह्न क्लियर दिखाई नहीं देने और वोटिंग का बहिष्कार कर रहे वोटर्स को वोटिंग के लिए धमकाने से जुड़ा है।
नरेश मीणा के SDM को थप्पड़ मारने के मामले में पुलिस ने अब तक चार मुकदमे दर्ज कर 60 लोगों को किया गिरफ्तार !@NareshMeena__ @DCDMTonk @CeoRajasthan @ECISVEEP @IgpAjmer #NareshMeena #RajasthanByPolls #RajasthanByElections2024 #RajasthanFirst #Rajasthan pic.twitter.com/mBDcd0bMAl
— Rajasthan First (@Rajasthanfirst_) November 14, 2024
थप्पड़ कांड का कहां से शुरु हुआ विवाद?
SDM को थप्पड़ मारने के बाद हुए बवाल के बाद निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीना के समर्थकों ने बताया कि समरावता गांव के ग्रामीणों ने चुनाव से पहले ही वोटिंग के बहिष्कार का ऐलान कर दिया था। बुधवार को ग्रामीण मतदान का बहिष्कार करते हुए धरने पर बैठे थे, इसकी जानकारी निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीना को लगी तो वह भी धरना स्थल पहुंच गए। इसके बाद उन्हें पता लगा कि वोटर्स को मतदान के लिए धमकाया जा रहा है, उसके बाद यह थप्पड़ कांड हो गया।
ग्रामीणों ने क्यों किया वोटिंग का बहिष्कार?
ग्रामीणों का कहना है कि समरावता गांव को करीब एक साल पहले उनियारा की जगह नगर फोर्ट तहसील में जोड़ दिया गया है। वहीं SDM कार्यालय देवली कर दिया गया है। गांव से देवली की दूरी 100 किलोमीटर है, जबकि नगर फोर्ट 25 किलोमीटर ही पड़ता है। ऐसे में ग्रामीण समरावता गांव को वापस उनियारा तहसील में ही जोड़ने की मांग कर रहे हैं। इसे लेकर चुनाव से पहले वोटिंग के बहिष्कार की चेतावनी दी गई और मतदान के दिए ग्रामीणों ने वोटिंग का बहिष्कार किया था।
ग्रामीणों की मांग पर क्या बोला प्रशासन?
समरावता गांव के लोगों की ओर से मतदान के बहिष्कार को लेकर प्रशासन का कहना है कि यह मामला भी प्रशासन के संज्ञान में आया है। पहले भी ऐसे कई गांवों को जोड़ा गया है। इस गांव को लेकर भी चुनाव की आचार संहिता खत्म होने के बाद सरकार को प्रस्ताव भेज दिया जाएगा। वहीं थप्पड़ कांड में कार्रवाई के सवाल पर प्रशासनिक अधिकारियों ने कहा कि इस मामले में SDM की शिकायत के आधार पर कानूनी कार्रवाई होगी।
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