राजस्थानराजनीतिनेशनलअपराधकाम री बातम्हारी जिंदगीधरम-करममनोरंजनखेल-कूदवीडियोधंधे की बात

SC Slams Jaipur Municipal: सुप्रीम कोर्ट की जयपुर नगर निगम को फटकार, जल महल संरक्षण पर दिए सख्त निर्देश

SC Slams Jaipur Municipal: सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक जल महल झील की उपेक्षा और प्रदूषण को लेकर नगर निगम जयपुर हैरिटेज को कड़ी फटकार लगाई।
03:03 PM Mar 01, 2025 IST | Ritu Shaw

SC Slams Jaipur Municipal: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को राजस्थान की ऐतिहासिक जल महल झील की उपेक्षा और प्रदूषण को लेकर नगर निगम जयपुर हैरिटेज को कड़ी फटकार लगाई। न्यायालय ने कहा कि निगम की लापरवाही के कारण झील बुरी तरह प्रदूषित हो गई है।

न्यायमूर्ति अभय एस. ओका और उज्जल भुयान की पीठ ने नगर निगम को निर्देश दिया कि वह नेशनल एनवायरनमेंटल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (NEERI) से रिपोर्ट तैयार करवाए, जिसमें झील के प्रदूषण को रोकने के लिए त्वरित कदम और इसके दीर्घकालिक संरक्षण की रणनीति शामिल हो।

कोर्ट ने क्या कहा?

पीठ ने नगर निगम की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा, "हम समझ नहीं पा रहे कि जयपुर स्मार्ट सिटी कैसे बनेगा, जब जल महल झील को ही बर्बाद किया जा रहा है?" अदालत ने यह भी उल्लेख किया कि सुनवाई के दौरान नगर आयुक्त के पीछे "स्मार्ट सिटी" का बोर्ड नजर आ रहा था, जो इस पूरे मामले में विडंबना को दर्शाता है।

रात्री बाजार और अवैध गतिविधियों पर जताई आपत्ति

सुप्रीम कोर्ट नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के 2023 के आदेश को चुनौती देने वाली नगर निगम की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। एनजीटी ने झील के पास रात्री बाजार जैसी गतिविधियों की अनुमति से पहले पर्यावरणीय मंजूरी अनिवार्य करने का निर्देश दिया था।

कोर्ट ने जल महल झील की गंभीर दुर्दशा पर नाराजगी जताते हुए कहा कि नगर निगम की लापरवाही के कारण झील का वर्तमान हाल हुआ है। अदालत ने नगर निगम को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा, "रात्री बाजार चलने दिया गया, गंदे नाले का पानी झील में बहाया गया, और नगर निगम का कचरा तक झील में फेंका गया, जिससे इसका पानी पूरी तरह से दूषित हो गया है।"

विकास परियोजनाओं पर तत्काल रोक

कोर्ट ने नगर निगम के उस दावे को भी खारिज कर दिया कि उनके "विकास कार्यों" से झील को लाभ मिल रहा है। अदालत ने स्पष्ट किया कि यह परियोजनाएं संरक्षण से जुड़ी नहीं हैं, बल्कि झील को और अधिक नुकसान पहुंचा रही हैं।

अदालत ने निर्देश दिया कि जब तक NEERI अपनी सिफारिशें प्रस्तुत नहीं करता, तब तक जल महल झील के आसपास किसी भी प्रकार के विकास कार्य नहीं किए जाएंगे। साथ ही, नगर निगम को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया कि झील के आसपास कोई भी वेंडिंग या बाजार गतिविधियां संचालित न हों। इस मामले की अगली सुनवाई 24 मार्च को होगी।

यह भी पढ़ें: Ajmer: बिजयनगर ब्लैकमेल-रेप कांड के खिलाफ आक्रोश...आज अजमेर बंद, सड़कों पर प्रदर्शन !

Tags :
JaipurJaipur municipal bodyJal Mahalmunicipal bodySCSC Slams Jaipur MunicipalSupreme court
Next Article