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Sawan 2024: तालवृक्ष में 7 फीट ऊंचा है शिवलिंग, सावन माह में जलाभिषेक करने के लिए भक्तों की उमड़ी भीड़

Sawan 2024: नारायणपुर। नारायणपुर उपखंड मुख्यालय से करीब 10 किलोमीटर दूर स्थित तालवृक्ष वैसे तो ऋषि मुनियों की तपोस्थली रहा है। लेकिन यहां पर अनेक देवस्थान और भगवान शिव के मंदिर है। जहां पर भक्तों की भीड़ उमड़ती है। शिवमंदिरों...
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Sawan 2024: नारायणपुर। नारायणपुर उपखंड मुख्यालय से करीब 10 किलोमीटर दूर स्थित तालवृक्ष वैसे तो ऋषि मुनियों की तपोस्थली रहा है। लेकिन यहां पर अनेक देवस्थान और भगवान शिव के मंदिर है। जहां पर भक्तों की भीड़ उमड़ती है। शिवमंदिरों में जाकर भक्त भगवान शिव का जलाभिषेक करते है और मनवांछित फल पाते है। इस जगह पर उन्हीं में से एक है तालवृक्ष स्थित भूतेश्वर महादेव। तालवृक्ष का पौराणिक और ऐतिहासिक दोनों रूप में विशेष महत्व है। दरअसल, तालवृक्ष में 7 फीट ऊंचा शिवलिंग है, जो भक्तों के लिए आकर्षण का केंद्र है।

7 फीट ऊंचा है शिवलिंग

ऋषि मुनियों की तपोस्थली रहे तालवृक्ष मे एक सात फीट ऊंचा शिवलिंग है। जो भक्तों का आकर्षण का केंद्र है। बताया जाता है कि यह शिवलिंग काफी पुराना है। दरअसल, इस शिवलिंग को भूतेश्वर महादेव के नाम से भी जाना जाता है। सावन माह में यहां पर भक्तों की भीड़ उमड़ती है और भक्तों द्वारा शिवलिंग पर जलाभिषेक भी किया जाता है। यहां पर सावन में भारी भीड़ होने के कारण भक्तों को जलाभिषेक करने के लिए घंटों तक अपनी बारी का इंतजार करना पड़ता है।

ऋषि मुनियों की तपोस्थली है तालवृक्ष

गौरतलब है कि तालवृक्ष ऋषि मुनियों की तपोस्थली रहा है। इस स्थान पर ताल अर्जून और खजूर के पेड़ अधिक होने के कारण इस जगह को तालवृक्ष कहते है। तो वहीं इसके समीप गांव मुंडावरा है, जो कि मांडव ऋषि के नाम पर पड़ा है। बताया जाता है कि यह स्थान महाभारत से भी जुड़ा हुआ है। महाभारत काल में पांडवों ने अज्ञातवास के दौरान अपने हथियारों को तालवृक्ष में ताल के विशाल और ऊंचे पेड़ों में छुपा दिया था। फिर बाद में यहां से विराटनगर जाकर नरेश की सेवा की थी। इस जगह पर ठंडा और गर्म पानी के भी कुंड है।

सावन माह की हुई शुरुआत

सावन माह की शुरुआत सोमवार से हो गई है। बताया जाता है कि काफी लंबे अर्से बाद सावन माह की शुरुआत सोमवार से हुई है। सावन के पहले सोमवार को शिवालयों में भक्तों की काफी भीड़ उमड़ रही है। पूरे शिवालयों में हर-हर और बम-बम भोले के जयघोष लगाए जा रहे हैं। इस बार सावन माह की शुरुआत सोमवार से हुई है तो वहीं दूसरी तरफ सावन माह का समापन भी सोमवार से होगा। इस बार भक्तों को सावन माह में पांच सोमवार भगवान शिव की भक्ती करने को मिलेंगे।

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