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KBC Winner Nareshi Meena: लग्न और जुनून का दूसरा नाम नरेशी मीणा, KBC में जीते 50 लाख रुपए...ब्रेन ट्यूमर से है पीड़ित

KBC Winner Nareshi Meena : (हेमेंद्र शर्मा) "कौन कहता है कि आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालों यारो..." दुष्यंत कुमार ने जब ये अमर पंक्तियां लिखी होंगी तो सोचा नहीं होगा कि सालों बाद...
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KBC Winner Nareshi Meena : (हेमेंद्र शर्मा) "कौन कहता है कि आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालों यारो..." दुष्यंत कुमार ने जब ये अमर पंक्तियां लिखी होंगी तो सोचा नहीं होगा कि सालों बाद भी इनकी सार्थकता ना जाने कितने ही लोगों के जीवन में बनी रहेगी. वैसे एक बारी ये नामुमकिन सा लगता है लेकिन अगर तबियत से पत्थर उछाला जाए तो आसमान का रास्ता भी ज्यादा लंबा नहीं लगता है माने मेहनत अगर ढाल बन जाए तो फिर क्या ही मुश्किल है. ऐसा ही काम करके दिखाया है राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले के करीब 200 घरों के छोटे से एंडा गांव की रहने वाली नरेशी मीणा ने जो सदी के महानायक अमिताभ बच्चन के शो कौन बनेगा करोड़पति की हॉट सीट पर पहुंची और कई सवालों के पड़ाव को पार करते हुए 50 लाख रुपए जीतकर जिले का नाम रोशन किया.

नरेशी के लिए कौन बनेगा करोड़पति में पहुंचने का सफर बिल्कुल भी आसान नहीं रहा, वह ब्रेन ट्यूमर से पीड़ित है इसके बावजूद नरेशी की सालों की मेहनत और लग्न ने उसे हॉट सीट तक पहुंचाया. नरेशी कई सालों से केबीसी प्रोग्राम को देख रही है और यहां पहुंचने के लिए प्रयासरत थी. वह केबीसी का कोई भी शो देखने से नहीं चूकती थी और ​ नियमित अखबार पढ़ने के साथ ही अपनी दी गई प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के दौरान भी हर दिन नए-नए सवालों से खेलती थी.

किसान परिवार की बेटी है नरेशी मीणा

बता दें कि नरेशी ने अपने गांव की सरकारी स्कूल से नवीं तक की पढ़ाई पूरी की है जिसके बाद कक्षा 10 उन्होंने श्यामपुरा स्कूल से पास की और 11वीं और 12वीं सवाई माधोपुर के सुरभि पब्लिक स्कूल से उत्तीर्ण की. साल 2015 में उन्होंने बीए में एडमिशन लिया और साल 2017 में इतिहास राजनीतिक विज्ञान और हिंदी से अपनी ग्रेजुएशन पूरी की. इसके बाद उन्होंने राजनीतिक विज्ञान से पोस्ट ग्रेजुएशन किया.

वहीं कौन बनेगा करोड़पति के 16वें सीजन पर सवाई माधोपुर जिले की छाप छोड़ने वाली नरेशी सामान्य किसान की बेटी है और वर्तमान में महिला बाल विकास विभाग में सुपरवाइजर के पद पर काम करती है. नरेशी ने दो बार आईएएस के लिए भी परीक्षा दी और 2023 में प्री-एग्जाम भी पास कर लिया था.

ब्रेन ट्यूमर का पता चलने पर लगा गहरा सदमा

बता दें कि नरेशी के जीवन में पढ़ाई के दौरान ही एक बेहद टर्निंग पॉइंट आया जब उन्होंने एसआई का एग्जाम पास किया था उसी दौरान एग्जाम के मेडिकल में उन्हें पता चला कि वह ब्रेन ट्यूमर से पीड़ित है जिसके चलते वह सदमे में डूब गई. नरेशी बताती है कि उनको पता चलने पर उन्होंने सोचा कि यह बीमारी उनके ही क्यों हुई, वह यह सोचकर खूब रोती थी‌ लेकिन उनकी मां छोटी देवी-पिता राजमल और दोनों भाई शिवराम व लक्ष्मीकांत ने उन्हें संबल दिया और संभाला. वहीं उनके मां-बाप ने बाद में उनका इलाज करवाया. इस दौरान मां ने नरेशी के इलाज के लिए अपने गहने तक बेचे थे. मां-बाप और भाइयों के मोटिवेशन से इसके बाद नरेशी ने अपनी पढ़ाई को जारी रखा और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में जुट गई.

RAS परीक्षा के दौरान आया केबीसी से कॉल

वहीं इस बीच नरेशी ने गंगापुर सिटी के योगेश को कौन बनेगा करोड़पति में 25 लाख रुपए जीतते हुए देखा जिसके बाद नरेशी केबीसी का सीरियल अपने ताऊजी के घर हर दिन देखने लगी और धीरे-धीरे उनका इंटरेस्ट जनरल नॉलेज में काफी बढ़ गया और वह विभिन्न साइटों से और समाचार पत्रों के माध्यम से अपना जनरल नॉलेज बढ़ाने लगी.

इसके बाद वह आरएएस के एग्जाम में पास हुई लेकिन आरएएस और कौन बनेगा करोड़पति की डेट आसपास थी जिसके चलते नरेशी ने आरएएस का एग्जाम छोड़ दिया और कौन बनेगा करोड़पति की हॉट सीट पर जा पहुंची जहां महानायक अमिताभ बच्चन से उनका सामना हुआ. नरेशी बताती है की यह उनके जीवन का सबसे यादगार लम्हा था जहां बड़े कठिन सवालों का जवाब देते हुए नरेशी ने 50 लाख रुपए जीते.

गांव वालों ने बैंड-बाजे से किया स्वागत

वहीं 50 लाख जीतकर अपने गांव आने पर ग्रामीणों ने नरेशी का फूल मालाओं और बैंड बाजे से स्वागत किया. नरेशी बताती है कि 50 लाख रुपए जीतने के बाद अब वह अपनी मम्मी के जेवर दोबारा से बनवाएंगी और अपने पिता के लिए भी एक खूबसूरत सा तोहफा लेंगी. वहीं उनका परिवार सवाई माधोपुर में किराए के मकान में रहता है तो इन पैसों से अब वह सवाई माधोपुर में कोई मकान भी खरीदने का मन बना रही है. वहीं जब नरेशी अपने गांव एंडा पहुंची तो गांव वालों ने उसका भव्य रूप में स्वागत किया और पूरे गांव में जुलूस निकाला जहां जगह-जगह ग्रामीणों ने माला पहनकर नरेशी का स्वागत और सम्मान किया.

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