सरिस्का 43 बाघों से गुलजार ! हर साल 50 हजार पर्यटक करते हैं टाइगर का दीदार
Sariska Tiger Reserve: अलवर। सरिस्का टाइगर रिजर्व देशी-विदेशी सैलानियों को आकर्षित कर रहा है। सरिस्का टाइगर रिजर्व में 43 बाघ हैं, जिनका दीदार करने के लिए हर साल देश-विदेश से 50 हजार से ज्यादा पर्यटक यहां पहुंचते हैं, जिनसे सरकार को करोडों का राजस्व भी मिल रहा है।
डेढ़ दशक बाद गूंजी सरिस्का में दहाड़
सरिस्का टाइगर रिजर्व 2005 में बाघ विहीन होने के बाद अब फिर बाघों की दहाड़ से गूंज रहा है। करीब डेढ़ दशक बाद यहां बाघों के कुनबे में बढ़ोतरी हुई है। अब यहां बाघों की संख्या 43 तक पहुंच गई है। जिससे एक बार फिर सरिस्का टाइगर रिजर्व सैलानियों को आकर्षित करता नजर आ रहा है।
टाइगर से ही सुरक्षित जंगल
सरिस्का टाइगर फाउंडेशन के निदेशक दिनेश दुर्रानी का कहना है कि बाघ केवल पर्यटन को बढ़ावा नहीं दे रहे। बल्कि जंगल की सुरक्षा भी बाघों से ही है। जहां बाघ रहते हैं, वहां जंगल सुरक्षित रहता है। जब जंगल सुरक्षित होगा तो पेड़ पौधे, हरियाली बढ़ेगी और पर्यावरण संतुलित रहेगा। जो बेहद जरुरी है।
सरिस्का में हर साल बढ़ रहे सैलानी
सरिस्का टाइगर रिजर्व में आने वाले सैलानियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। 2017-18 में यहां 50265 पर्यटक आए। 2018-19 में 47933, 2019-20 में 44828, 2020-21 में 40575, 2021-22 में 51069, 2022-23 में 56183 और 2023-24 में 60 हजार 597 सैलानी सरिस्का में टाइगर का दीदार करने आ चुके हैं।
सरिस्का से सरकार भी मालामाल
सरिस्का टाइगर रिजर्व में सैलानियों की बढ़ती संख्या से राजस्व में भी बढ़ोतरी हो रही है। 2017- 18 में सरिस्का टाइगर रिजर्व से 1.39 करोड का राजस्व मिला था। 2018-19 में 1.42 करोड़, 2019-20 में 1.54 करोड़, 2020-21 में 54 लाख, 2021-22 में 2.18 करोड़, 2022-23 में 2.25 करोड़ और 2023- 24 में सरिस्का से 2.33 करोड़ का राजस्व मिला है।
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