World Music Day: कुचामन सिटी का भारतीय संगीत सदन, जहां 60 सालों से दी जा रही संगीत की निशुल्क शिक्षा
World Music Day: डीडवाना कुचामन। विश्व संगीत दिवस आज 21 जून शुक्रवार को है। जो संगीत और संगीत प्रेमियों के सम्मान में मनाया जाता है। आज के इस खास दिन हम आपको लें चलते है डीडवाना कुचामन जिले के कुचामन सिटी के भारतीय संगीत सदन संस्थान में, जहां पिछले 60 साल से गीत और संगीत की निशुल्क शिक्षा दी जा रही है, भारतीय संगीत सदन संस्थान कुचामन सिटी से संगीत की शिक्षा लेने वाले साधक आज देश और प्रदेश में क्षेत्र का नाम रोशन कर रहे हैं।
संगीत सदन संस्थान के 60 साल
डीडवाना कुचामन का भारतीय संगीत सदन संस्थान पिछले 60 साल से क्षेत्र में संगीत से जुड़ी हर विधा का निशुल्क प्रशिक्षण साधकों को दे रहा है। यहां गायन, वादन और नृत्य की विधा का प्रशिक्षण दिया जाता है और वो भीं पूरी तरह निशुल्क है। कुचामन सिटी का भारतीय संगीत सदन अपने आप मे एक मिसाल है, उन युवाओ को निशुल्क संगीत की शिक्षा दी जाती है, जो संगीत मे अपना करियर बनाना चाहते है, संगीत सदन की स्थापना की बात करें तो जानकारी के मुताबिक 60 के दशक में आचार्य विनोबा भावे कुचामन आए थे और इसके बाद से कुचामन के भारतीय संगीत सदन संस्थान की शुरुआत हुई, संगीत सदन की शुरुआत में वैसे तो उस दौर की कई शख्सियतों की भूमिका रही है।
प्रेमी मोतीलाल मिश्र अहम
संगीत प्रेमी मोतीलाल मिश्र की भूमिका भारतीय संगीत सदन संस्थान की शुरुआत में अहम मानी जाती है, कई वर्षों तक इस संस्थान में प्रशिक्षक और प्रधानाचार्य के पद की जिम्मेदारी निभाने वाले कत्थक गुरु नटराज बताते है कि शुरुआत के दिनों में संस्थान में संगीत की निशुल्क शिक्षा दी जाती थी, ये परंपरा अब तक कायम है, गुरु नटराज बताते हैं कि प्रदेश के कई जिलों में भी इस तरह का संस्थान नहीं है, जैसा कुचामन में है, अभी वर्तमान में भारतीय संगीत सदन संस्थान कुचामन सिटी के अध्यक्ष कला प्रेमी नटवर लाल वक्ता है। यह शहर के जागरूक लोगों (World Music Day) के समूह द्वारा संस्थान,क्षेत्र के प्रवासियों और भामाशाहों के सहयोग से बखूबी संचालित हो रहा हैं ।
डीडवाना की संगीत सदन संस्थान
कुचामन के भारतीय संगीत सदन संस्थान से पिछले 60 सालों में हजारों लोगों ने निःशुल्क गायन, वादन एवं नृत्य को शिक्षा ली है। बदलते दौर के साथ भारतीय संगीत सदन संस्थान में संगीत से जुड़े विभिन्न पाठ्यक्रमों का अध्ययन कराया जाने लगा है, जो विभिन्न विश्वविद्यालयों से सम्बद्ध है। इस क्षेत्र की प्रतिभाओं को तलाशने और बच्चों को मोबाइल से दूर करने के मकसद से हर साल ग्रीष्मकालीन अवकाश में यहां समर कैंप भी आयोजित किया जाता है। समर कैंप के समापन के दौरान संस्थान से जुड़े प्रशिक्षकों का सम्मान भी किया जाता है, नए जुड़ने वाले साधकों से विभिन्न प्रस्तुतियां भी कराई जाती है, कुचामन के भारतीय संगीत सदन संस्थान के जरिए संगीत की शिक्षा लेने वाले साधक आज संगीत की विभिन्न विधाओं में पारंगत होकर देश प्रदेश में क्षेत्र का नाम रोशन कर रहे हैं।
प्रतिदिन नियमित साधना
भारतीय संगीत साधन संस्थान अपनी शुरुआत से लेकर वर्तमान (World Music Day) तक कई भवनों में संचालित हो चुका है। इसके नवीन भवन को आधुनिक रूप देने में पूर्व केंद्रीय मंत्री सीआर चौधरी और स्थानीय विधायक और प्रदेश सरकार में राजस्व मंत्री विजय सिंह चौधरी का भी बड़ा सहयोग माना जाता है। यह क्षेत्र में नगरीय निकाय द्वारा आयोजित, संगीत से जुड़े सभी राष्ट्रीय कार्यक्रमों एवं नगर के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का संचालन इस सदन द्वारा होता है। यह सदन जयपुर और जोधपुर के बीच संगीत को समर्पित एक मात्र संस्थान है, जिसमें प्रतिदिन सैकड़ों साधक वर्ग नियमित साधना (World Music Day) करते है।
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