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Rajasthan: हरियाणा विधानसभा चुनाव में क्यों पिछड़ी कांग्रेस ? RLP सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल ने बताई वजह, कांग्रेस को दी नसीहत

Hanuman Beniwal Haryana Election: जयपुर। हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों में भाजपा जीत की हैट्रिक की तरफ बढ़ रही है। जिससे भाजपा का उत्साह जहां परवान पर दिख रहा है। वहीं कांग्रेस निराश नजर आ रही है। इस बीच राष्ट्रीय...
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Hanuman Beniwal Haryana Election: जयपुर। हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों में भाजपा जीत की हैट्रिक की तरफ बढ़ रही है। जिससे भाजपा का उत्साह जहां परवान पर दिख रहा है। वहीं कांग्रेस निराश नजर आ रही है। इस बीच राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल (Hanuman Beniwal Haryana Election) ने कांग्रेस पर हमला बोला है। उन्होंने हरियाणा चुनाव के नतीजों पर सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लिखा है कि कांग्रेस आलाकमान को अब गंभीरता से सोचने की जरुरत है।

हरियाणा में जीत की हैट्रिक की ओर भाजपा

हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों में भाजपा सभी दलों को पीछे छोड़कर जीत की हैट्रिक बनाती दिख रही है। भाजपा 33 सीट जीत चुकी है और 16 सीटों पर आगे चल रही है। माना जा रहा है कि इस बार भाजपा हरियाणा में खुद की पिछली जीत का ही रिकॉर्ड तोड़ रही है। भाजपा की जीत की हैट्रिक लगती देख भाजपा में उत्साह परवान चढ़ रहा है। तो कांग्रेस में निराशा का मााहौल है। इस बीच राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के हनुमान बेनीवाल ने सोशल मीडिया पोस्ट कर कांग्रेस को नसीहत दी है।

हनुमान बेनीवाल ने बताया क्यों हार गई कांग्रेस ?

RLP सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों को लेकर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट की है। जिसमें उन्होंने लिखा है कि- हरियाणा में कांग्रेस पार्टी से मुख्यमंत्री के दावेदारों और विशेषकर एक परिवार के अति- उत्साह और घमंड तथा इंडिया गठबंधन के अन्य दलों के साथ मिलकर चुनाव नहीं लड़ने के कारण आज वहां कांग्रेस पार्टी सत्ता में आने से वंचित हो गई।

हनुमान बेनीवाल ने कांग्रेस को दी क्या नसीहत?

RLP सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा है कि लोकसभा चुनाव में I.N.D.I.A गठबंधन से जुड़े सभी राजनीतिक दलों ने मिलकर चुनाव लड़ा तो NDA ने हांफते - हांफते अपनी सरकार केंद्र में बनाई। मगर हरियाणा विधानसभा चुनाव में गठबंधन के दलों के साथ कांग्रेस ने रुचि नहीं दिखाई और आज यह परिणाम देखने को मिला।

जबकि हरियाणा का किसान, जवान और दलित भाजपा की नीतियों और शासन के खिलाफ था। मगर कांग्रेस के एक राय और एक साथ होकर चुनाव नहीं लड़ने की वजह से पुन: हरियाणा के किसानों,दलितों और युवाओं को निराशा हाथ लगी।हालांकि लोकतंत्र में जनता का निर्णय सर्वोपरि है मगर कांग्रेस आलाकमान को अब गंभीरता से सोचने की जरूरत है।

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