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Ramgarh Tiger Reserve News: कोटा के मुकुंदरा और बूंदी के रामगढ टाइगर रिजर्व को मिलेंगे 9 बाघ-बाघिन, ओम बिरला की पहल लाई रंग

Ramgarh Tiger Reserve News: कोटा/ बून्दी। लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला के प्रयासों से कोटा-बूंदी के दोनों टाइगर रिजर्व को जल्द बड़ी सौगात मिलेगी। कोटा मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व और बून्दी रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में जल्द 9 बाघ-बाघिन छोड़े...
11:53 AM Aug 09, 2024 IST | Arjun Arvind

Ramgarh Tiger Reserve News: कोटा/ बून्दी। लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला के प्रयासों से कोटा-बूंदी के दोनों टाइगर रिजर्व को जल्द बड़ी सौगात मिलेगी। कोटा मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व और बून्दी रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में जल्द 9 बाघ-बाघिन छोड़े जाएंगे। इसके अलावा मुकुंदरा टाइगर रिजर्व में सुविधाओं को विकसित कर जल्द ही टाइगर सफारी को भी शुरू किया जाएगा।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव और राजस्थान के वन मंत्री संजय शर्मा की उपस्थिति में गुरूवार को संसदीय क्षेत्र कोटा-बून्दी में वन विभाग और दोनों टाइगर रिजर्व से संबंधित विषयों को लेकर बैठक हुई। बैठक में स्पीकर बिरला ने दोनों टाइगर रिजर्व में बाघ-बाघिन व अन्य वन्य जीवों की संख्या बढ़ाने और कोटा में सफारी को शीघ्र शुरू करने को कहा। बैठक में मुकंदरा टाइगर रिर्जव में 2 बाघ व एक बाघिन व रामगढ़ विषधारी में 6 बाघ-बाघिन सहित अन्य वन्यजीव छोड़ने का भी निर्णय हुआ।

विकास कार्यों को पूरा करने के लिए जारी होगी एनओसी

कोटा-बून्दी के वन भूमि क्षेत्र में लम्बे समय से अधूरे पड़े विकास कार्यों को शीघ्र पूरा करने के लिए एनओसी प्रक्रिया में तेजी लाने का निर्णय हुआ। वन भूमि अधिनियम के तहत इन क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाएं विकसित की जाएगी ताकि आमजन को लाभ मिल सके। इस दौरान चम्बल नदी में रिवर क्रूज के संचालन में आ रही बाधा को दूर करने को लेकर चर्चा हुई। केंद्रीय वन मंत्री ने अधिकारियों को क्रूज संचालन से संबंधित कार्यवाही को पूरा करने के निर्देश दिए। चित्तोड़गढ़ सांसद सीपी जोशी भी बैठक में मौजूद रहे।

अभेड़ा में नए एनक्लोजर बनेंगे

अभेड़ा बायोलोजिकल पार्क में बजट के अभाव में लम्बे समय में रूका हुआ दूसरे फेज का काम भी जल्द ही शुरू होगा। कैम्पा निधि से यहां नए एनक्लोजर्स निर्माण व अन्य विकास कार्यों होंगे। वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने राज्य के अधिकारियों को इसका प्रस्ताव भेजने को कहा है। पूर्व में सेंट्रल जू अथॉरिटी की ओर से यहां 35 एनक्लोजर्स की स्वीकृति मिली थी लेकिन वर्तमान में यहां 13 एनक्लोजर्स ही बन सके हैं। नए एनक्लोजर्स के निर्माण के बाद यहां घडिय़ाल, जलीय जीव व विभिन्न प्रजातियों के पक्षियों को भी लाया जा सकेगा।

बैठक में यह अधिकारी रहे मौजूद

बैठक में लोक सभा अध्यक्ष के ओएसडी राजीव दत्ता, वन एवं पर्यावरण विभाग की अपर मुख्य सचिव अपर्णा अरोड़ा, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन बल) अरिजीत बनर्जी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य जीव) पवन कुमार उपाध्याय, उपस्थित रहे।

रामगढ़ वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में इन वन्यजीवों का है साम्राज्य

रामगढ़ विषधारी वाइल्डलाइफ सेंचुरी में बाघ के साथ ही भालू, लोमड़ी, सियार, बघेरा, जरख, जंगली बिल्ली, कबर बिज्जू, सीवेट, नेवला, सेही, सांभर, चीतल, नीलगाय समेत और भी कई वन्यजीवों का निवास है। इसके अलावा यहां के वाटर प्वाइंट पर प्रवासी पक्षियों को भी देखा जा सकता है। जो हर साल यहां हजारों किलोमीटर का सफर तय करके पहुंचते हैं। बूंदी के इस जंगलों में मोर भी अच्छी-खासी तादाद में रहते हैं।

सेंचुरी के एक तरफ रणथंभोर और दूसरी तरफ मुकुंदरा टाइगर रिजर्व है

जानकारी के अनुसार 1982 में बूंदी रामगढ़ अभ्यारण के नाम से जाने जाने लगा। कुल अभयारण्य 800 वर्ग किमी में फैला हुआ है। एक तरफ रणथंभौर है तो दूसरी तरफ मुकुंदरा टाइगर रिजर्व है। बूंदी रामगढ़ अभ्यारण में नीलगाय, सियार, हिरण, भालू, हाईना, जंगली कुत्ते, चीतल, सांभर, जंगली बिल्लियां, तेंदुए, लंगूर, सांप, मगरमच्छ सहित 500 प्रकार के वन्य जीव मौजूद हैं।

बाघों के प्रजनन के लिए ग्रास लैंड है

वन्यजीव प्रेमी बिट्टल कुमार सनाढ्य ने बताया कि बूंदी का रामगढ़ अभयारण्य सदियों से बाघों के लिए मैटरनिटी होम (जच्चा घर) के रूप में प्रसिद्ध रहा है। जंगल बाघों के लिए सदियों से बेहतर आश्रयस्थल रहे हैं। रामगढ़ का उत्तम प्राकृतिक वातावरण और इसके बीच में बहने वाली मेज नदी की खूबसूरत वादियों में बाघों की दहाड़ ने ही इसे भारत का एक प्रमुख अभयारण्य होने का गौरव प्रदान किया है।

प्रस्तावित टाइगर रिजर्व में इंद्रगढ़ से जैतपुर तक का रणथंभौर टाइगर बफर जोन, रामगढ़ विषधारी वन्यजीव अभयारण्य, देवझर से भीमलत महादेव तक कालदां का सघन वन क्षेत्र, गरड़दा और भीलवाड़ा जिले में बांका-भोपतपुरा के जंगल शामिल किए गए हैं। बूंदी में प्रस्तावित टाइगर रिजर्व क्षेत्रफल की दृष्टि से मुकंदरा नेशनल पार्क से बड़ा होगा। प्रस्तावित सम्पूर्ण इलाका आरक्षित वनों की श्रेणी में आता है और अधिकांश क्षेत्र आबादी विहीन सघन वनों से आच्छादित है।

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