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Raksha Bandhan 2024: भाई के चले जाने पर भी कायम है बहनों का अटूट रिश्ता, 10 साल से प्रतिमा को बांधती है राखियां

Raksha Bandhan 2024: रक्षाबंधन, भाई-बहन के बीच प्यार और अपनेपन का पवित्र पर्व है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर अपनी रक्षा का वादा लेती है लेकिन राजस्थान के डीडवाना के मामड़ौदा गांव की दो...
12:58 PM Aug 19, 2024 IST | Rajasthan First

Raksha Bandhan 2024: रक्षाबंधन, भाई-बहन के बीच प्यार और अपनेपन का पवित्र पर्व है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर अपनी रक्षा का वादा लेती है लेकिन राजस्थान के डीडवाना के मामड़ौदा गांव की दो बहनों के लिए आज का दिन मायूसी और खुशी दोनों भाव से भरा होता है. दरअसल इन दो बहनों का भाई देश सेवा करते हुए 10 साल पहले शहीद हो गया था जिसके बाद इनको रक्षा सूत्र बांधने के लिए भाई की कलाई नसीब नहीं हुई. वहीं उस दिन के बाद से पिछले 10 सालों से लगातार दोनों बहनें राखी जैसे पवित्र बंधन को निभा रही हैं और शहीद भाई की मूर्ति पर ही राखी बांधकर भाई बहन के रिश्ते की परंपरा को निभाती है.

हम बात कर रहे हैं डीडवाना के मामड़ौदा गांव के शहीद सब इंस्पेक्टर हेमराज शर्मा की जो सीआरपीएफ में कार्यरत थे और देश की सुरक्षा की खातिर 1 दिसंबर 2014 को अपनी जान की कुर्बानी दी थी। हेमराज शर्मा को देश की खातिर शहीद हुए 14 साल बीत चुके हैं इसके बावजूद भाई-बहनों के बीच का रिश्ता आज भी कायम है। गांव में ही शहीद हेमराज शर्मा का स्मारक है जहां लगी शहीद की मूर्ति पर राखी बांधने के लिए आज उनकी बहनें मनीषा और मधुबाला हर साल यहां आती है और भारतीय परंपरा के मुताबिक भाई की मूर्ति के तिलक लगाकर फिर कलाई पर राखी बांधकर अपने शहीद भाई हेमराज शर्मा को याद करती है.

देश की खातिर शहीद हुए हेमराज शर्मा

भाई-बहन के प्यार के प्रतीक रक्षा बंधन का बहनें साल भर इंतजार करती हैं और वो दिन आने पर भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं। भाई भी बदले में बहन को उपहार देता है और उनकी रक्षा का वादा करता है, मगर इन बहनों के भाई हेमराज शर्मा देश की खातिर शहीद हो चुके हैं। उनकी वीर गाथा भारतीय सेना के इतिहास में दर्ज हो चुकी है। शहीद की बहनों का कहना है कि उन्हें अपने भाई की बहुत याद आती है। खासकर रक्षाबंधन के दिन उनकी बहुत याद आती है। उन्होंने कहा कि हमारा भाई मरा नही है, आज भी वो उनके दिल मे, हम सबके दिल मे, इस देश के दिलों में जिंदा है, क्योंकि शहीद कभी मरते नहीं है।

गौरतलब है कि डीडवाना के ग्राम मामड़ोदा निवासी शहीद हेमराज शर्मा सीआरपीएफ में सब इंस्पेक्टर के पद पर तैनात थे। छत्तीसगढ़ में उनकी पोस्टिंग थी। 1 दिसंबर 2014 को गश्ती दल के साथ हेमराज भी गश्त कर रहे थे। इसी दौरान घात लगाकर नक्सलियों ने हमला कर दिया। जिसमें हेमराज शर्मा के साथ ही सीआरपीएफ के 15 अन्य जवान भी शहीद हो गए थे।

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