देश के हर कोने से आए श्रद्धालु: राजयोगी निर्वेर भाई को दी गई भावभीनी विदाई
Rajyogi Nirvair Bhai Memorial : राजस्थान में Rajyogi Nirvair Bhai का पार्थिव शरीर जब अंतिम दर्शन के लिए लाया गया, तो सैकड़ों लोग उनके अंतिम अलविदा कहने के लिए एकत्रित हुए। लोग शांतिवन से मुक्तिधाम तक का सफर तय करने के लिए बेताब थे, जिससे 4 किमी की दूरी तय करने में एक घंटे से अधिक का समय लग गया।
दादी रतनमोहिनी की भावभीनी विदाई: मुखाग्नि से दी गई अंतिम श्रद्धांजलि
मुक्तिधाम में सौ साल की दादी राजयोगिनी रतनमोहिनी ने विधि-विधान से मुखाग्नि देकर राजयोगी बीके निर्वेर भाई को अंतिम विदाई दी। जैसे ही अग्नि ने उनके शरीर को समेटा, वहां उपस्थित सभी की आंखों में आंसू थे और शांति का वातावरण बना हुआ था।
शोक संदेश: राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की संवेदना
इस दुखद अवसर पर देश की राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीके निर्वेर के निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए शोक संदेश भेजा। राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया ने भी इस अवसर पर संवेदना व्यक्त की।
अंतिम यात्रा: कांफ्रेंस हॉल से मुक्तिधाम की ओर
उनका पार्थिव शरीर कांफ्रेंस हॉल के पोर्च में रखा गया, जहां सुरक्षा गार्डों ने उन्हें सलामी दी। बाद में, उन्हें महादानी कॉटेज की ओर ले जाया गया, जहां श्रद्धांजलि देने वालों ने अपनी श्रद्धा अर्पित की। शव वाहन को 30 मोटरसाइकिल सवारों ने स्कॉट किया, और तलहटी तिराहे पर टैक्सी यूनियन के लोगों ने श्रद्धासुमन अर्पित किए।
सामाजिक और राजनीतिक हस्तियों की गरिमा: एकता का प्रतीक
इस दुखद घटना में आबू पिंडवाड़ा विधायक समाराम गरासिया, आबू रोड रेवदर विधायक मोतीराम कोली, उदयपुर जिला कलेक्टर अरविन्द पोसवाल, बीजेपी और कांग्रेस के जिलाध्यक्ष, और सैकड़ों अन्य लोग उपस्थित थे।
राजयोगी निर्वेर भाई की अंतिम विदाई ने एक बार फिर यह साबित किया कि उनकी जीवन यात्रा ने न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक एकता का एक मजबूत उदाहरण प्रस्तुत किया है।
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