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तिरुपति के लड्डू पर मचे घमासान के बाद भजनलाल सरकार की सख्ती, बड़े मंदिरों के प्रसाद की होगी जांच...23 सितंबर से चलेगा अभियान

Tirupati Balaji Prasad Controversy: तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में जानवरों की चर्बी की खबरों ने राजस्थान में हलचल मचा दी है। इस विवाद के चलते Bhajanlal Government ने राज्यभर के मंदिरों के प्रसाद की गुणवत्ता की जांच का आदेश दिया...
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Tirupati Balaji Prasad Controversy: तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में जानवरों की चर्बी की खबरों ने राजस्थान में हलचल मचा दी है। इस विवाद के चलते Bhajanlal Government ने राज्यभर के मंदिरों के प्रसाद की गुणवत्ता की जांच का आदेश दिया है। खाद्य सुरक्षा विभाग 23 से 26 सितंबर तक मंदिरों में प्रसाद के नमूने लेकर उनकी सच्चाई को सामने लाएगा।

'शुद्ध आहार मिलावट पर वार' अभियान: क्या आपके मंदिर का प्रसाद है सुरक्षित?

तिरुपति विवाद के मद्देनजर, राजस्थान सरकार ने खाद्य सुरक्षा विभाग को 'शुद्ध आहार मिलावट पर वार' अभियान के तहत सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। इस दौरान सभी प्रमुख मंदिरों में प्रसाद की सख्त जांच की जाएगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि श्रद्धालुओं को शुद्ध और स्वास्थ्यवर्धक भोग ही मिल रहा है।

प्रसाद की गुणवत्ता पर होगी कड़ी नजर

खाद्य सुरक्षा विभाग ने मंदिरों में प्रसाद की सामग्री की गुणवत्ता, हाईजीन और साफ-सफाई की पूरी जांच करने का संकल्प लिया है। यह कदम सुनिश्चित करेगा कि किसी भी प्रकार की मिलावट से श्रद्धालुओं को बचाया जा सके।

भोग सर्टिफिकेट की प्रक्रिया: क्या आपके मंदिर का प्रसाद मान्य है?

तिरुपति विवाद के बाद, खाद्य सुरक्षा विभाग मंदिरों के भोग सर्टिफिकेट का भी वेरिफिकेशन करेगा। यह सर्टिफिकेट 2 साल के लिए मान्य होता है और अगर मानकों का पालन नहीं होता है, तो यह रद्द भी किया जा सकता है।

23 से 26 सितंबर तक एक्शन, क्या आपका मंदिर सुरक्षित है?

राजस्थान में मंदिरों के प्रसाद की जांच के लिए खाद्य सुरक्षा विभाग का यह अभियान 23 से 26 सितंबर तक चलेगा। क्या आपके प्रिय मंदिर का प्रसाद शुद्ध है? इस सवाल का जवाब पाने के लिए सभी की नजरें इस अभियान पर रहेंगी।

विश्वास बहाल करने का प्रयास: तिरुपति विवाद से सबक

राज्य सरकार का यह कदम तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद विवाद के चलते उठाया गया है, जिससे कि श्रद्धालुओं का विश्वास मंदिर प्रसाद की शुद्धता में बना रहे। क्या यह कदम लोगों को संतोष देगा? जवाब जल्द ही मिलेगा!

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