Rajasthan Paper Leak: बांसवाड़ा में वनरक्षक भर्ती परीक्षा में 8 लाख में हुआ था सौदा, 15 आरोपियों के खिलाफ FIR
Rajasthan Paper Leak बांसवाड़ा: रीट और सूचना सहायक भर्ती परीक्षा में फर्जी अभ्यर्थी बिठाने के मामले का खुलासा होने के बाद अब सामने आया है कि बांसवाड़ा में वनरक्षक भर्ती की परीक्षा के दौरान पेपर लीक हुआ था। दलालों ने परीक्षा की दोनों पारियों से एक घंटा पहले अपने संपर्क में आए अभ्यर्थियों से लाखों रुपए लेकर पेपर हल करवाया था। इस मामले में रविवार देर रात शहर के राजतालाब थाना पुलिस ने 2 दलालों सहित 15 अभ्यर्थियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।
15 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज
पुलिस के अनुसार धनफूल मीणा एएसपी लीव रिजर्व रेंज बांसवाड़ा में धोखाधड़ी, राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम अधिनियम 2022 सहित अन्य धाराओं में 15 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है, जिसमें एक बाड़मेर एक डूंगरपुर और एक प्रतापगढ़ का निवासी भी शामिल है।
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— Rajasthan First (@Rajasthanfirst_) July 1, 2024
इसमें प्रवीण मालवीया शास्त्री कॉलोनी बांसवाड़ा, सकनसिंह खड़िया बांसवाड़ा, हरीश उर्फ हीराराम निवासी गुड़ामलानी बाड़मेर, अभिमन्यु सिंह चौहान चिखली डूंगरपुर, ईश्वर पणदा, शीला, शिल्पा, विनीश कालूसिंह, सुभाष, डिंडोर, विनीश गरासिया, राजेंद्र, निरमा, सविता निवासी प्रतापगढ़, छगन और सुखराम सम्मिलित है।
13 नवम्बर 2022 को 2 पारियों में परीक्षा
रिपोर्ट में बताया गया है कि शास्त्री कॉलोनी बांसवाड़ा में निवासरत प्रवीण मालवीया को 28 जून को फर्जी अभ्यर्थी बिठाने के मामले में गिरफ्तार किया था। पूछताछ में उसने बताया कि वन रक्षक भर्ती वर्ष 2020 में निकली थी। वन रक्षक भर्ती परीक्षा 13 नवम्बर 2022 को 2 पारियों में हो रही थी। सकन सिंह ने परीक्षा से एक दिन पहले उसे फोन कर बताया कि जो वनरक्षक भर्ती परीक्षा में बैठने वाले अभ्यर्थी हो, उनसे बात कर 8 लाख रुपए प्रति कैंडिडेट की व्यवस्था कर सकते हो तो अपने पास बुला लो। उसके कोई परिचित परीक्षा से संबंधित पेपर लेकर आएंगे।
उसने उसका नाम अरटवाव गुड़ामलानी बाड़मेर निवासी हरीश उर्फ हीराराम पुत्र रतनाराम और अभिमन्यु सिह चौहान पुत्र हिम्मतसिंह चौहान निवासी चिकली, डूंगरपुर बताया। उसने ईश्वर पणदा को कॉल कर वनरक्षक भर्ती 2020 के लीक पेपर आने की जानकारी दी। साथ ही उसके रिश्तेदार शीला पणदा हाल तैनात गलधर चौकी कुशलगढ, शिल्पा कटारा हाल तैनात कुशलगढ और वीरसिंह कटारा को लेकर आने को कहा।
सुखराम डामोर हाल वनरक्षक वन चौकी बड़ोदिया, विनिश गरासिया, सुभाष डिण्डोर हाल तैनात वन रक्षक डुंगरा नाका को भी जानकारी देकर उसके सम्पर्क के सभी अभ्यर्थियों को शास्त्री कॉलोनी बांसवाड़ा में आने को कहा। इस पर सुभाष, सुखराम और निरमा आए।
8 लाख रुपए में सौदा
पूछताछ में प्रवीण मालवीया ने बताया कि 13 नवंबर को परीक्षा के दिन सुबह सकन सिंह ने प्रथम पारी से संबंधित अभ्यर्थी को लेकर बांसवाड़ा शहर में उदयपुर रोड पर एक होटल के पास आने को कहा। इस पर प्रवीण उसकी शिक्षिका पत्नी सविता वहां गए। उनके साथ सुखराम और निरमा भी थे। उस दौरान छगन पारगी निवासी भीलकुंआ और हरीश उर्फ हीराराम सफेद रंग की कार लेकर आए। इसके बाद वह घर लौट आया और पत्नी सविता चर्च चली गई। फिर ये तीनों छगन के किराए के मकान पर गए, जहां हरीश उर्फ हीराराम, छगन, अभिमन्यू व अन्य वनरक्षक भर्ती 2020 की प्रथम पारी का लीक हुआ पेपर अभ्यर्थियों को हल करवा रहे थे।
इसके बाद सकन सिंह ने दूसरी पारी के पेपर से संबंधित अभ्यर्थियों को पेपर हल करवाने के लिए घर ले जाने को कहा। वहां ईश्वर पणदा, उसकी पत्नी शीला, शिल्पा कटारा, वीरसिंह कटारा सहित अन्य युवा भी थे। हरीश ने सभी अभ्यर्थियों को द्वितीय पारी की परीक्षा का पेपर हल करवाया और परीक्षा देने के लिए रवाना किया।
प्रवीण ने बताया कि उस दौरान सकन उसके घर आया और बताया कि हरीश उर्फ हीराराम से वन रक्षक भर्ती 2020 परीक्षा के पेपर का सौदा प्रत्येक व्यक्ति से आठ लाख रुपए में तय हुआ है। उसके बाद सकन ने हरीश को खर्च के 20-25 हजार रुपए दिए और अपने घर चला गया। हरीश और अभिमन्यु सिंह अगले दिन सुबह उसके घर से गए।
पांच दिन बाद दिए रुपए
पूछताछ में प्रवीण ने बताया कि परीक्षा के 5 दिन बाद सज्जनगढ़ बुलाकर सुभाष ने एक लाख रुपए, सुखराम ने दो लाख रुपए दिए। कुछ दिन बाद सुखराम ने उसके स्वयं और पत्नी निरमा के मिलाकर चार लाख रुपए और दिए जो उसने सकन सिंह को सौंप दिए। इसके बाद उसके लाए गए अभ्यर्थी सुभाष, सुखराम व निरमा डामोर का सलेक्शन वन रक्षक के पद पर हो गया। रिपोर्ट में इस कृत्य को दण्डनीय अपराध बताते हुए कार्रवाई का अनुरोध किया, जिस पर पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर अनुसंधान शुरू कर दिया है।
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