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Rajasthan: बजरी खनन वाले थानों में तैनात पुलिसकर्मी, तबादला नीति की अनदेखी पर है पुलिस मुख्यालय की नजर!

Police Transfer Policy : अजमेर रेंज के बजरी खनन वाले थानों में लंबे समय से तैनात पुलिसकर्मियों की स्थिति पर अब पुलिस मुख्यालय की पैनी नजर है। इस मुद्दे ने तबादला नीति (Police Transfer Policy)के उल्लंघन की गहरी आशंका को...
01:34 PM Sep 30, 2024 IST | Rajesh Singhal

Police Transfer Policy : अजमेर रेंज के बजरी खनन वाले थानों में लंबे समय से तैनात पुलिसकर्मियों की स्थिति पर अब पुलिस मुख्यालय की पैनी नजर है। इस मुद्दे ने तबादला नीति (Police Transfer Policy)के उल्लंघन की गहरी आशंका को जन्म दिया है, जिससे प्रशासन में हड़कंप मच गया है। कई जवान, जो कई वर्षों से एक ही स्थान पर जमे हुए हैं, अब सवालों के घेरे में हैं। क्या यह केवल एक प्रशासनिक लापरवाही है, या इसके पीछे कुछ और कारण छिपे हैं? इस मामले की जांच अब मुख्यालय द्वारा की जा रही है, जो एक बड़ा बदलाव ला सकती है।

स्थायी तैनाती पर सवाल

अजमेर जिले में कांस्टेबल नरेंद्र कुमार, रामवीर, घनश्याम बिसु, मोतीराम, इंद्रराज, और एएसआई तेजाराम जैसे जवान लंबे समय से तैनात हैं। क्या यह स्थायी तैनाती उनकी कार्यक्षमता को प्रभावित कर रही है? पीसांगन थाने में कांस्टेबल कुशाल पचार, शोभाराम जाखड़, प्रेमसुख, शिवराज, और हेड कांस्टेबल गुलाबराम भी लंबे समय से काम कर रहे हैं, जिससे सवाल उठता है कि क्या उन्हें नई चुनौतियों का सामना करने के लिए तरोताजा किया जा रहा है।

ब्यावर में स्थायी तैनाती की असलियत

ब्यावर में हेड कांस्टेबल उमराव खां निम्बोल चौकी में, मनोहर लाल, कांस्टेबल महिपाल और नीरज कुमार निमाज चौकी में, एएसआई रतनाराम, कांस्टेबल कैलाशचंद्र रायपुर थाने में, और कांस्टेबल राजेश कुमार सेंदड़ा थाने में लंबे समय से तैनात हैं। क्या इन जवानों की लंबी तैनाती स्थानीय अपराधों को नियंत्रित करने में सहायक है या यह केवल प्रशासनिक सुस्ती का परिणाम है?

टोंक में पुलिस की लंबी तैनाती: क्या है समाधान?

टोंक जिले में हेड कांस्टेबल शंकर लाल टोंक सदर थाने में, संदीप कुमार देवली में, और कांस्टेबल विजय प्रताप सिंह दूनी थाने में लंबे समय से तैनात हैं। क्या यह स्थायी तैनाती पुलिस कार्यप्रणाली को सुधारने में सहायक हो रही है, या यह एक जिम्मेदारी से भागने का तरीका है?

नागौर जिले में अवैध खनन की शिकायतें बढ़ीं

नागौर जिले में कांस्टेबल रतीराम, महेंद्र जाट, और सुरेंद्र कुमार थांवला थाने में लंबे समय से तैनात हैं। थांवला और पादूकलां थाना इलाके में लूणी नदी से बड़ी मात्रा में बजरी के अवैध खनन की शिकायतें लगातार मिल रही हैं। क्या ये पुलिसकर्मी स्थानीय समस्याओं को हल करने में असफल हो रहे हैं?

डीडवाना-कुचामन में स्थायी तैनाती का सच

डीडवाना-कुचामन में पिलवा थाने की कांस्टेबल मंजू देवी और ओमप्रकाश, परबतसर में हेड कांस्टेबल भगवान सिंह, और अन्य कांस्टेबल भी लंबे समय से तैनात हैं। क्या इनकी लंबी तैनाती एक सिस्टम की खामी को उजागर कर रही है?

केकड़ी जिले में स्थायी तैनाती की संख्या चिंताजनक

केकड़ी जिले में हेड कांस्टेबल बलवंत सिंह बघेरा चौकी में, कांस्टेबल पंकज लक्षकार, राजकुमार मीणा केकड़ी शहर में, और अन्य कई कांस्टेबल लंबे समय से तैनात हैं। यह स्थिति स्थानीय प्रशासन में चिंता का विषय बनी हुई है।

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