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Rajasthan: एकल पट्टा केस में हाईकोर्ट में सुनवाई...सरकार ने क्या कहा ? HC ने जताई नाराजगी

राजस्थान हाईकोर्ट ने एकल पट्टा मामले में सुनवाई की। इस दौरान सरकार ने अतिरिक्त दस्तावेज पेश करने के लिए और समय मांगा।
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Rajasthan News: राजस्थान में करीब 11 साल पुराने बहुचर्चित एकल पट्टा प्रकरण पर राजस्थान हाईकोर्ट फाइनल सुनवाई कर रहा है। (Rajasthan News) मगर सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से कहा गया कि इस मामले में अतिरिक्त दस्तावेज पेश करने के लिए समय दिया जाए, जिस पर राजस्थान हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई है। हाईकोर्ट ने कहा कि आप सुप्रीम कोर्ट से मामले के जल्द निस्तारण का ऑर्डर लाते हैं और यहां समय मांगते हो।

एकल पट्टा प्रकरण में HC में सुनवाई

राजस्थान के बहुचर्चित एकल पट्टा प्रकरण में हाईकोर्ट फिर से सुनवाई कर रहा है। इससे पहले पूर्व सरकार की पुनरीक्षण याचिका के बाद राजस्थान हाईकोर्ट ने यह मामला बंद करने की अनुमति दे दी थी। इसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया, जहां सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के उस आदेश को रद्द कर दिया। अब हाईकोर्ट फिर से इस मामले में सुनवाई कर रहा है और हाईकोर्ट को इस मामले में छह महीने में सुनवाई पूरी करनी है।

सरकार ने अदालत से मांगा और समय

एकल पट्टा प्रकरण में राजस्थान हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान सरकार की ओर से अतिरिक्त दस्तावेज पेश करने के लिए समय मांगा गया। जिस पर हाईकोर्ट ने कहा कि आप सुप्रीम कोर्ट से जल्दी निस्तारण का ऑर्डर लाते हो और यहां समय मांगते हो। पिछली सुनवाई के दौरान भी हाईकोर्ट ने सभी पक्षों को मामले में अतिरिक्त दस्तावेज पेश करने और आरटीआई एक्टिविस्ट अशोक पाठक को इंटरविनर बनने के लिए प्रार्थना पत्र पेश करने को कहा था। हाईकोर्ट को इस मामले में छह महीने में सुनवाई पूरी कर फैसला सुनाना है।

कितना पुराना है एकल पट्टा विवाद?

यह मामला साल 2011 का है, जयपुर विकास प्राधिकरण की ओर से जारी एकल पट्टे के खिलाफ एसीबी को शिकायत मिली थी, 2013 में पट्टा निरस्त कर दिया। 2014 में ACB ने मामला दर्ज कर चालान पेश किया। इसके बाद सरकार बदली तो कांग्रेस सरकार में एसीबी ने मामले में तीन क्लोजर रिपोर्ट कोर्ट में पेश कीं। तीनों क्लोजर रिपोर्ट में सरकार ने इस मामले में पूर्व आईएएस जीएस संधू, पूर्व आरएएस निष्काम दिवाकर और ओंकारमल सैनी को क्लीन चिट दे दी थी। अब मौजूदा सरकार ने हाईकोर्ट में अर्जी दायर कर कहा कि जिन क्लोजर रिपोर्ट में क्लीन चिट दी गई, वो अधूरी थीं। अब इस मामले में हाईकोर्ट फिर सुनवाई कर रहा है।

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