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Rajasthan: राजस्थान में प्रदूषण रोकने के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान ! अलवर-भरतपुर में 300 माइंस-इंडस्ट्रीज बंद

वायु प्रदूषण रोकने के लिए भरतपुर-अलवर में 300 माइंस- इंडस्ट्री बंद की हैं।NCR का ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान लागू हो गया है।
12:23 PM Nov 19, 2024 IST | Rajasthan First

Rajasthan News: दिल्ली-NCR के बाद राजस्थान में भी वायु प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है, जो खतरे के संकेत से कम नहीं। (Rajasthan News) इस बीच राजस्थान में प्रदूषण की रोकथाम के लिए बड़ा फैसला लिया गया है। इस फैसले से राजस्थान के अलवर और भरतपुर जिले में 300 माइंस और इंडस्ट्रीज का संचालन बंद कर दिया गया है। क्या है ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान ? जिससे NCR और राजस्थान में पॉल्यूशन कंट्रोल की कवायद चल रही है, आपको बताते हैं।

AQI 300 पार...करौली-भिवाड़ी की हवा खराब

दिल्ली-NCR के बाद राजस्थान की हवा भी प्रदूषित हो रही है। यहां वायु गुणवत्ता सूचकांक खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। वायु गुणवत्ता सूचकांक AQI 100 तक ठीक, 200 तक मध्यम माना जाता है। जबकि 200 से 300 के बीच होना खराब की श्रेणी में आता है। राजस्थान में भिवाड़ी और करौली दोनों ही शहरों में AQI 300 से पार दर्ज किया गया है। वहीं भरतपुर का एयर क्वालिटी इंडेक्स 267 और अलवर का 233 दर्ज किया गया है। ऐसे में इन शहरों की हवा खराब मानी जा रही है।

अलवर-भरतपुर में 300 माइंस-इंडस्ट्रीज बंद

अब नेशनल कैपिटल  रीजन NCR में वायु प्रदूषण की रोकथाम की कवायद की जा रही है। जिसके तहत इस क्षेत्र में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के चौथे फेज की पाबंदियां लागू की गई हैं। जिसकी वजह से राजस्थान के अलवर और भरतपुर में भी 300 इंडस्ट्रीज और माइंस को  बंद कर दिया गया  है। इन इलाकों में निर्माण कार्यों पर भी रोक लगाई गई है। इसके साथ ही अलवर-भरतपुर में बाहर से आने वाले भारी वाहनों पर भी पाबंदी रहेगी। हालांकि आवश्यक सेवाएं इन पाबंदियों से मुक्त रहेंगी।

क्या है ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान?

दिल्ली और NCR में प्रदूषण की रोकथाम के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान बनाया गया है। इसमें चार लेवल होते हैं, जो हवा में प्रदूषण बढ़ने के साथ सख्त होते जाते हैं। अगर AQI 201 से 300 तक होता है तो पहले लेवल की पाबंदियां लगाई जाती हैं, जिसमें खुले में कुछ भी जलाने और धूल पर नियंत्रण जैसे उपाय किए जाते हैं। 301 से 400 AQI होने पर डीजल जनरेटर पर पाबंदी लग जाती है। AQI के 400 पार होने पर खनन-निर्माण पर रोक लगा दी जाती है। वहीं ग्रेप 4 में जब प्रदूषण बेहद खतरनाक स्तर पर पहुंच जाता है, तो लोगों से बाहर ना निकलने की अपील की जाती है। स्कूल- कॉलेज क्लासेज ऑनलाइन करने के साथ ऑफिस में वर्क फ्रॉम होम की सलाह दी जाती है।

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