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कभी अपनी सरकार को 'पर्ची वाली' तो कभी इंदिरा को 'कांग्रेस की दादी...' कौन है भजनलाल सरकार के युवा मंत्री अविनाश गहलोत?

राजस्थान विधानसभा में मंत्री की इंदिरा गांधी को लेकर मंत्री अविनाश गहलोत की टिप्पणी के बाद जमकर हंगामा हुआ है.
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Minister Avinash Gehlot: राजस्थान विधानसभा में बजट सत्र चल रहा है जहां शुक्रवार को प्रश्नकाल के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का जिक्र आते ही जोरदार बवाल हुआ. प्रश्नकाल के दौरान भजनलाल सरकार में मंत्री अविनाश गहलोत की इंदिरा गांधी को लेकर की गई टिप्पणी पर कांग्रेस ने जमकर हंगामा किया. सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि - पिछले बजट में 2023-24 में आपने हर बार की तरह अपनी दादी इंदिरा गांधी के नाम पर इस योजना का नाम रखा. इस लाइन के बोलते ही विपक्ष भड़क गया.

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने मंत्री की टिप्पणी का कड़ा विरोध दर्ज करवाते हुए कहा यह क्या बकवास कर रहे हैं? कांग्रेसी नेताओं ने कहा कि इंदिरा गांधी देश की प्रधानमंत्री रही हैं और भारत रत्न हैं ऐसे में उनके लिए इस तरह की भाषा का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है. इसके बाद हंगामा बढ़ा और कांग्रेस विधायकों ने वैल में नारेबाजी की जिसके बाद सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई. इधर हंगामा होने के बाद संसदीय कार्यमंत्री जोगाराम पटेल ने सदन के बाहर आकर कहा कि 'दादी' एक सम्मानजनक शब्द है लेकिन विपक्ष के विधायक स्पीकर की टेबल तक पहुंच गए.

बता दें कि मंत्री अविनाश गहलोत पहली बार सुर्खियों में नहीं आए हैं, इससे पहले भी वह अपने बयानों के चलते सुर्खियां बटोर चुके हैं. बीते दिनों एक कार्यक्रम में अपनी ही सरकार में पर्ची से काम होने वाला बयान देकर गहलोत चर्चा में आए थे. वहीं इससे पहले संविधान को लेकर गहलोत ने कहा था कि देश और संविधान तब कहां चला जाता है जब देश में टुकड़े-टुकड़े की बात करने वालों के साथ विरोधी दल के नेता जाकर खड़े होते हैं. आइए जानते हैं कौन है अविनाश गहलोत और इनका कैसा रहा है सियासी सफर?

इंदिरा गांधी को बताया 'कांग्रेस की दादी'

विधानसभा में अविनाश गहलोत ने एक सवाल के जवाब में शुक्रवार को कहा कि पिछले बजट में 2023-24 में आपने हर बार की तरह अपनी दादी इंदिरा गांधी के नाम पर इस योजना का नाम रखा. बस इस लाइन के बोलने के बाद विपक्ष भड़क गया. विधानसभा की कार्यवाही स्थगित होने के बाद कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा सत्ता पक्ष खुद सदन नहीं चलाना चाहता और हम विधानसभा में गाली नहीं सुनेंगे. वहीं नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा मंत्री अविनाश गहलोत देश के लिए शहीद होने वाली उस आयरन लेडी इंदिरा गांधी के बारे में गलत शब्द इस्तेमाल कर रहे हैं और स्पीकर उसे कार्यवाही से नहीं हटा रहे है. उन्होंने कहा कि सदन में इस तरह की बातें करते हुए शर्म नहीं आती है क्या?

"हमारी सरकार में होता है पर्ची से काम"

वहीं बीते दिनों राजस्थान के मंत्री अविनाश गहलोत का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ जिसमें वो कह रहे थे कि "हमारी सरकार तो पर्ची से ही चल रही है." इस बयान के बाद कांग्रेस ने राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला. दरअसल बसंत पंचमी के अवसर पर गहलोत अपने क्षेत्र की जनता के बीच पहुंचे थे जहां एक ग्रामीण ने उन्हें एक पर्ची देकर कुछ काम की मांग की थी जिसके बाद इस परिस्थिति को हल्के-फुल्के अंदाज में लेते हुए गहलोत ने कहा था कि "क्या आपने पर्ची लाई है?" इस पर ग्रामीण ने कहा, "हां, मैंने पर्ची लाई है." वहीं सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में गहलोत ने कहा कि "म्हारी तो सरकार ही पर्चा से चाले है."

संविधान पर बोले हुआ बवाल

वहीं बीते दिनों राजस्थान विधानसभा में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की बजट अनुदान मांग पर जवाब देते हुए मंत्री अविनाश गहलोत ने कहा था कि आजकल संविधान को बचाने की बड़ी जुगत चल रही है, बड़े-बड़े नेता संविधान की किताब लेकर संसद और संसद के बाहर इसका प्रदर्शन करते हैं, जब कोई व्यक्ति संविधान की किताब को हाथ में लेकर संविधान को बचाने की बात करता है...लेकिन देश और संविधान तब कहां चला जाता है. उन्होंने कहा था कि जब देश में टुकड़े-टुकड़े की बात करने वालों के साथ विरोधी दल के नेता जाकर खड़े होते हैं, क्या संविधान उस समय जिंदा नहीं रहता है.

राहुल गांधी पर दिया विवादित बयान

वहीं 2023 में विपक्ष में रहते हुए राज्यपाल अभिभाषण पर बोलते हुए विधायक के रूप में अविनाश गहलोत ने विधानसभा में दाढ़ी को लेकर इशारों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी की तुलना करते हुए पीएम को 'महर्षि रवींद्रनाथ टैगोर' और राहुल गांधी को 'सद्दाम हुसैन' बता दिया था. गहलोत ने कहा था कि नकल में भी अकल की जरूरत होती है, कोई दाढ़ी बढ़ाकर महर्षि रविंद्रनाथ टैगोर जैसा नजर आता है और कोई दाढ़ी बढ़ा लेता है तो तानाशाह सद्दाम हुसैन नजर आता है.

2018 में बने थे पहली बार विधायक

बता दें कि राजस्थान में पिछले साल चुनी गई भजनलाल सरकार के मंत्रिमंडल गठन में कई विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली थी जिसमें एक नाम जैतारण विधायक अविनाश गहलोत का भी था. गहलोत 2018 में पहली बार भाजपा से विधायक चुने गए थे जिसके बाद 2023 में भी चतुष्कोणीय मुकाबले में गहलोत ने बाजी मारी और करीब 13 हजार वोटों से जीत हासिल की. जैतारण से आने वाले गहलोत विधायकी से पहले संगठन में कई पदों पर रह चुके हैं.

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