Rajasthan Loksabha Election 2024: राजस्थान की वो सीटें जहां से जनता चुनेंगी नए चेहरे, ये युवा और महिला बनेंगे फर्स्ट टाइम एमपी
Rajasthan Loksabha Election 2024: जयपुर। देश में लोकतंत्र के सबसे बड़े उत्सव लोकसभा चुनाव 2024 रण के लिए 7 चरणों में मतदान खत्म हो गया है। अब हर किसी को नतीजों का इंतजार है। जहां 4 जून को भारत की आवाम के हाकिम का फैसला आएगा। जहां चुनावों के समापन के बाद बीजेपी का दावा है 2019 के नतीजों से ऊपर सीटें जीतकर नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री की कुर्सी पर काबिज होंगे। तो वहीं दूसरी ओर विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन भी आश्वस्त है कि वो 295 से अधिक सीटों पर जीत का परचम लहरा रहे हैं।
राजस्थान का लोकसभा 2024 रण
इस बीच शनिवार की शाम एग्जिट पोल ने नतीजों से पहले सियासी हल्कों से लेकर आम जनता के बीच हलचल तेज कर दी है। तमाम न्यूज एजेंसी और सर्वे टीमों के आंकलन के मुताबिक नरेंद्र मोदी तीसरी बार पीएम पद की शपथ लेने जा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर इंडिया गठबंधन की औसतन 100 सीटों के आंकड़े को छू रहा है। इसी कड़ी में राजस्थान के लोकसभा रण की बात करें तो कमोबेश सभी एग्जिट पोल और जानकारों के मुताबिक बीजेपी इस बार अपना पुराना रिकॉर्ड नहीं दोहरा रही है।
एग्जिट पोल में कांग्रेस को सीटें
बीजेपी के 25 सीटें जीतने का सिलसिला 2024 में टूटने जा रहा है। जहां 10 सालों बाद सूबे में कांग्रेस खाता खोलने जा रही है। राजस्थान के करीब 5 करोड़ से अधिक मतदाताओं ने सभी प्रत्याशियों का फैसला ईवीएम में कैद कर दिया है। जो 4 जून को आएंगा। एग्जिट पोल और सियासी जानकारों के मुताबिक राजस्थान की 25 लोकसभा सीटों में चुरू, झुंझुनूं, दौसा, बाड़मेर-जैसलमेर जैसी आधा दर्जन से अधिक सीटें दोनों ही पार्टियों के लिए रहस्य बनी हुई है।
बीजेपी का 25 सीटें जीतने का दावा
राजस्थान में बीजेपी 25 सीटें जीतने का दावा कर रही है, तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस 8-10 सीटों पर दावा ठोक रही है। इन तमाम सियासी अटकलों और आंकलन के बीच 2024 का लोकसभा चुनाव कई मायनों में खास रहा है। जहां इस बार कई सीटों पर युवा चेहरों ने मजबूती से टक्कर दी है। तो दूसरी ओर 2024 के रण में चाहे कोई भी जीते लेकिन इन राजस्थान की 25 में से 11 सीटें ऐसी है जहां जनता नए चेहरों को चुनकर दिल्ली भेजने जा रही है। आइए जानते हैं कि ये कौनसी सीटें हैं और यहां किसका पलड़ा भारी है।
जयपुर शहरी सीट
राजधानी की ये शहरी सीट सालों से बीजेपी के पाले में रही है। जहां शहरी वोटर्स होने के चलते यहां राष्ट्रीय मुद्दे जैसे राम मंदिर, कश्मीर की धारा-370 का हटना जैसे मसले काफी चर्चा में रहे है। वहीं शहर में कई पॉकेट्स मुस्लिम बाहुल्य होने के चलते यहां हिन्दू-मुस्लिम वोटों का ध्रुवीकरण भी देखा जाता रहा है। इसके अलावा शहरी वोटर्स बीजेपी के पक्ष में मतदान करता आया है और दूसरी ओर कांग्रेस ने इस बार प्रचार में कोई दमखम नहीं दिखाया ऐसे में इस सीट पर बीजेपी का पलड़ा भारी नजर आ रहा है। वहीं इस सीट पर मंजू शर्मा जीत दर्ज करती है। तो वह पहली बार संसद पहुंचेगी। क्योंकि इससे पहले वह संगठन के पदों पर जिम्मेदारी संभालती रही थी। हालांकि खाचरियावास साल 2004 में लोकसभा चुनाव लड़े चुके हैं।
जयपुर ग्रामीण सीट
इस सीट पर युवा नेता अनिल चोपड़ा पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं। जो सचिन पायलट के करीबी माने जाते हैं। चोपड़ा युवा और नए चेहरे हैं। जिनके लिए पायलट ने कई जगह पर जमकर प्रचार किया था। इधर चुनाव से ठीक पहले गहलोत सरकार के कैबिनेट मंत्री लालचंद कटारिया बीजेपी में शामिल हो गए। यहां से बीजेपी ने राव राजेंद्र सिंह को टिकट दिया है। ऐसे में इस सीट पर बीजेपी का पलड़ा काफी मजबूत हो गया था। बता दें कि यहां दोनों में कोई भी जीते तो पहली बार संसद पहुंचेगा।
अलवर लोकसभा क्षेत्र
अलवर सीट से वर्तमान सांसद महंत बालकनाथ के तिजारा से विधानसभा चुनाव लड़ने के बाद सीट खाली हो गई। जिसके बाद बीजेपी ने पीएम मोदी की टीम के प्रमुख चेहरे मंत्री भूपेंद्र यादव को चुनावी मैदान में उतारा है। वहीं कांग्रेस ने मुंडावर से विधायकी का चुनाव जीतकर आए ललित यादव को लोकसभा चुनाव का टिकट दिया है। जो पहली बार सांसदी का चुनाव लड़ रहे हैं। अलवर सीट पर यादव समाज का अच्छा खासा वोट बैंक है। जिसके चलते ही बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने यादव चेहरे को उतारा है। वहीं इस सीट पर यादव वोट बैंक के अलावा मुस्लिम और एससी-एसटी वोटर्स निर्णायक की भूमिका अदा करते हैं। ऐसे में यहां कांटे का मुकाबला माना जा रहा है।
भरतपुर लोकसभा क्षेत्र
इस सीट पर कांग्रेस की ओर से संजना जाटव सबसे कम उम्र की प्रत्याशी (Rajasthan Loksabha Election 2024) है। वह पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रही है। वहीं रामस्वरूप कोली को बीजेपी ने उतारा है। जो 2004 में बयाना से सांसद रह चुके हैं। इस सीट पर कोली समाज के मुकाबले जाटव समाज हार जीत का फैसला करता है। तो मुकाबला दिलचस्प होने की उम्मीद है।
करौली-धौलपुर सीट
इस सीट पर बीजेपी की इंदु देवी जाटव और कांग्रेस के भजनलाल जाटव (Rajasthan Loksabha Election 2024) दोनों एक ही समाज से आते हैं। ये दोनों पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। भजनलाल जाटव हाल में विधानसभा चुनाव हार गए थे। तब वह गहलोत सरकार में मंत्री थे। वहीं बाहरी प्रत्याशी होने के चलते भजनलाल जाटव का मामला कमजोर दिखाई दे रहा है।
दौसा निर्वाचन क्षेत्र
लोकसभा चुनाव में जो सीट सबसे ज्यादा चर्चा में रही वो दौसा है। जहां जीत हार डॉ किरोड़ीलाल मीणा की साख का सवाल बन गया है। चुरू के बाद दौसा ही वो सीट है। जहां जातिगत समीकरण हावी रहे है नतीजों में भी उनकी झलक देखने को मिलेगी। दौसा से 2019 में कांग्रेस से मुरारीलाल मीणा की पत्नी सविता मीणा ने चुनाव लड़ा था और इस बार पार्टी ने खुद मुरारीलाल मीणा को चुनावी मैदान में उतारा है। वहीं दूसरी ओर बीजेपी उम्मीदवार कन्हैयालाल मीणा भी बस्सी की राजनीति तक ही सीमित रहे हैं वो पहली बार लोकसभा के रण में उतरे हैं।
गंगानगर हनुमानगढ़ सीट
इस सीट पर कांग्रेस ने कुलदीप इंदौरा को प्रत्याशी बनाया है। जो पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। यह सीट लगातार 6 बार से बीजेपी की झोली में जा रही है। वहीं इस सीट पर बीजेपी ने युवा महिला प्रियंका बैलान को लोकसभा प्रत्याशी बनाया है। जो पहली बार सांसदी का चुनाव लड़ रही है। यहां से कोई भी चेहरा जीतता है।तो वह पहली बार संसद पहुंचेगा। सीमा से सटा इलाका होने के चलते मोदी का चेहरा, सीमा सुरक्षा जैसे मुद्दों के चलते बीजेपी लीड कर रही है
झुंझुनूं लोक सभा क्षेत्र
यह सीट कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शीशराम ओला के नाम से जानी जाताी है। जहां से ओला परिवार का कोई सदस्य 8वीं बार लोकसभा चुनाव लड़ रहा है। यहां 2019 को छोड़कर हमेशा ओला परिवार से ही किसी को टिकट मिला है। इस बार शीशराम के बेटे विधायक बृजेंद्र ओला को मैदान में उतारा गया है। इस क्षेत्र में ओला परिवार का अच्छा राजनीतिक प्रभाव है। जाट समाज का एक बड़ा धड़ा उनके साथ है। वहीं बीजेपी की ओर से शुभकरण चौधरी को टिकट दिया गया है। जो इससे पहले कई बार विधायकी का चुनाव लड़ चुके हैं।
उदयपुर निर्वाचन क्षेत्र
इस सीट पर दो ब्यूरोक्रेट्स लोकसभा के चुनावी रण में उतरे है। जहां दोनों ही पहली बार सांसदी (Rajasthan Loksabha Election 2024) के लिए अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। बीजेपी प्रत्याशी मन्नालाल रावत उदयपुर में पूर्व परिवहन उपायुक्त रह चुके हैं। तो कांग्रेस के प्रत्याशी ताराचंद मीणा उदयपुर कलेक्टर रहे हैं। इस सीट पर जानकारों के मुताबिक बीजेपी का पलड़ा भारी है।
जालोर लोक सभा सीट
इस सीट पर कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को प्रत्याशी बनाया है। जो इससे पहले जोधपुर से लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं। वहीं बीजेपी ने स्थानीय नेता लुम्बाराम चौधरी को मौका दिया है। यहां से वैभव और लुंबाराम में जो भी जीत दर्ज करता है। पहली बार लोकसभा में सांसदी का सफर शुरू करेंगे। वैभव के लिए अशोक गहलोत ने पूरी चुनावी चौसर बिछाई थी। तो लुम्बाराम की पकड़ स्थानीय होने के चलते पहले से मजबूत मानी जाती रही है।
राजसमंद लोकसभा सीट
इस सीट पर बीजेपी ने उदयपुर के पूर्व राजघराने की सदस्य महिमा विश्वेराज सिंह मेवाड़ (Rajasthan Loksabha Election 2024) को चुनावी मैदान में उतारा है। जो पहली बार चुनावी राजनीति में उतरी है। वहीं कांग्रेस ने दामोदर गुर्जर को यहां से प्रत्याशी बनाया है। विधानसभा चुनाव की बात करें तो इस लोकसभा सीट में सभी सीटों पर बीजेपी ने जीत हासिल की थी। जिसके कारण ये समीकरण कांग्रेस पर भारी पड़ सकता है।
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