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Jaipur News: महज 10 दिन में हुआ 14 साल पुरानी शादी का अंत, भरण-पोषण के लिए पति ने दिए 3 करोड़ रुपए

Jaipur News: जयपुर। हम अक्सर देखते हैं कि जब भी कोई मामला कोर्ट में होता है तो कोर्ट का फैसला आने में काफी वक्त लगता है। पति-पत्नी की सहमति से तलाक होने में भी छह महीने का समय लगता है।...
03:02 PM May 18, 2024 IST | Prashant Dixit

Jaipur News: जयपुर। हम अक्सर देखते हैं कि जब भी कोई मामला कोर्ट में होता है तो कोर्ट का फैसला आने में काफी वक्त लगता है। पति-पत्नी की सहमति से तलाक होने में भी छह महीने का समय लगता है। वहीं राजधानी जयपुर में मात्र 10 दिन में तलाक हो गया। शहर की फैमिली कोर्ट ने गुरूवार को पति-पत्नी की रजामंदी के बाद महज 10 दिन में फैसला सुनाते हुए 14 साल के रिश्ते को विराम दे दिया। न्यायमूर्ति अजय शुक्ला ने फैसले सुनाते हुए कहा कि दोनों पति-पत्नी के बीच मध्यस्थता विफल हो गई थी। उन दोनों ने साथ रहने से साफ तौर पर इंकार कर दिया था। इसलिए उन्होंने अदालत में आपसी सहमति से शादी को खत्म करने का अनुरोध किया।

भरण-पोषण के लिए 3 करोड़ रुपए

न्यायमूर्ति अजय शुक्ला ने बेंगलूरु निवासी पति और जयपुर निवासी पत्नी की तलाक की अर्जी पर सुनवाई कर 10 दिन के अंदर तलाक को मंजूरी दे दी है। इस मामले से जुड़े वकील सुनील शर्मा और गौरव सिंघल ने कहा कि एक निजी कंपनी में काम करने वाले पति ने तलाक के फैसले के बाद अपनी पत्नी और बेटी के भरण-पोषण के लिए 3 करोड़ रुपए (Jaipur News) की एकमुश्त राशि प्रदान की है।

हिंदू रीति-रिवाजों से हुई थी शादी

भरण पोषण के लिए 2 करोड़ रुपए पत्नी और 1 करोड़ रुपए आठ साल की बेटी को दिए गए हैं। इन दोनों ने हिंदू विवाह अधिनियम के तहत आपसी सहमति से तलाक की याचिका दायर की थी। जिसमें कहा गया था कि उनकी शादी 2 अप्रैल 2010 को हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार हुई थी, उनकी एक बेटी है। अभी शादी के बाद दोनों के बीच वैचारिक मतभेद (Jaipur News) पैदा हो गए थे।

30 मई 2022 से अलग रह रहे

ऐसा बताया जाता है कि दोनों के बीच मतभेद इतने बढ़ गए थे कि उनका साथ रहना भी असंभव हो गया था। नतीजा यह निकला कि दोनों 30 मई 2022 से अलग रहने लगे। इस अवधि के दौरान दोनों ने कई बार एक साथ रहने की कोशिश भी की लेकिन कोई निष्कर्ष नहीं निकला। उन्होंने आपसी सहमति से तलाक के लिए अर्जी दायर की थी। (Jaipur News) जब भरण पोषण की राशि मिल गई तो जज अजय शुक्ला ने मामले का तुरंत डिस्पोजल कर दिया।

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