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सीबीआई ने अवैध बजरी खनन जांच में असमर्थता जताई... हाईकोर्ट ने सीबीआई डायरेक्टर को तलब किया

राजस्थान हाईकोर्ट ने एक अहम फैसले में सीबीआई डायरेक्टर को तलब किया है, जिससे राज्य में चल रहे बजरी माफिया के खिलाफ अभियानों को लेकर नए सवाल खड़े हो गए हैं।
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Rajasthan High Court: राजस्थान हाईकोर्ट ने एक अहम फैसले में सीबीआई डायरेक्टर को तलब किया है, जिससे राज्य में चल रहे बजरी माफिया के खिलाफ अभियानों को लेकर नए सवाल खड़े हो गए हैं। जस्टिस समीर जैन की अदालत ने 17 मार्च को सीबीआई के प्रमुख को व्यक्तिगत रूप से या फिर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में हाजिर होने का निर्देश दिया है।(Rajasthan High Court) यह आदेश सीबीआई द्वारा बजरी माफिया के खिलाफ चल रही जांच में प्रगति न दिखाने के कारण दिया गया है। अदालत ने सीबीआई डायरेक्टर से यह भी पूछा है कि इतने समय बाद भी अदालत के आदेशों की अनुपालना क्यों नहीं हो पाई?

राजस्थान में अवैध बजरी खनन पर हंगामा

राजस्थान में अवैध बजरी खनन के खिलाफ गहरी राजनीति और न्यायिक संघर्ष की लहर चल पड़ी है। राज्य के विभिन्न थानों में अवैध बजरी खनन से जुड़े 416 मामले दर्ज किए गए हैं, जिसमें पुलिस, खान विभाग और बजरी माफिया की कथित मिलीभगत की चर्चाएं जोरों पर हैं। उच्च न्यायालय ने इस मुद्दे को सीबीआई के पास भेजते हुए अदालत में तेजी से कार्रवाई करने का आदेश दिया था, लेकिन अब सीबीआई ने जांच में असमर्थता जताई है, जिसके बाद कोर्ट ने गहरी नाराजगी जाहिर की।

सीबीआई की ओर से इस मुद्दे पर जवाब दिया गया कि इतने बड़े पैमाने पर जांच करने के लिए उनके पास पर्याप्त संसाधन नहीं हैं और राज्य सरकार से भी अपेक्षित सहयोग नहीं मिल रहा है। सीबीआई ने कहा कि यदि स्थानीय पुलिस की नफरी मिलती तो जांच में तेजी लाई जा सकती थी, लेकिन स्थानीय पुलिस की उपेक्षा के कारण जांच ठप हो गई है।

अदालत ने पुलिस...खान विभाग पर गंभीर आरोप लगाए

राजस्थान हाईकोर्ट ने इस मामले में सीबीआई को ट्रांसफर करते हुए स्पष्ट तौर पर कहा था कि राज्य में बजरी माफिया, पुलिस और खान विभाग की मिलीभगत के कारण अवैध खनन का कारोबार फल-फूल रहा है। कोर्ट ने कहा कि राज्य की पुलिस केवल दिखावे की कार्रवाई करती है और खान विभाग बजरी माफिया के साथ मिलकर इन मामलों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं करता।

राज्य में अवैध बजरी खनन की जांच को लेकर सीबीआई को पूरी स्वतंत्रता दी गई है। अदालत ने सीबीआई को चंबल और बनास नदी के आसपास के क्षेत्रों में बजरी माफिया से जुड़े अन्य मामलों की जांच करने की अनुमति दी। अब सीबीआई के पास यह जिम्मेदारी है कि वह इस मामले की प्राथमिक रिपोर्ट अदालत में 4 सप्ताह के भीतर पेश करें, ताकि इस गंभीर मामले पर शीघ्र कार्रवाई की जा सके।

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