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राजस्थान के इस इलाके में पिछले 12 महीने में 141 करोड़ की साइबर ठगी, पुलिस की नाक में हुआ दम!

राजस्थान के अजमेर रेंज में पिछले साढ़े 12 महीने में ही करीब 141 करोड़ की साइबर ठगी के मामले सामने आ चुके हैं.
12:45 PM Jan 19, 2025 IST | Rajasthan First

Rajasthan Cyber Fraud Cases: डिजिटिलाइजेशन के इस युग में जहां हर काम ऑनलाइन होने से किसी भी प्रकार काम पलक झपकते ही होने से आमजन को सहूलियत मिल रही है तो दूसरी तरफ थोड़ी सी लापरवाही का फायदा उठाकर साइबर अपराधी लोगों की कमाई को चंद मिनटों में ही साफ कर देते हैं. राजस्थान में अकेले अजमेर रेंज में पिछले साढ़े 12 महीने के भीतर ही 141 करोड़ से ज्यादा ठगी हो चुकी है.

बढ़ती साइबर धोखाधड़ी की घटनाओं को देखते हुए राजस्थान पुलिस आमजन को सावधान व जागरुक करने के लिए अभियान चला रही है. आईजी अजमेर ओमप्रकाश ने टोंक एसपी ऑफिस में मीडिया कर्मियों से बातचीत में बताया कि साइबर क्राइम वर्तमान में राजस्थान ही नहीं पूरे दुनिया के लिए सबसे बड़ी चुनौती है. ज्यादातर मामलों में साइबर अपराधी अधिक उम्र के नागरिकों यानि बुजुर्गों को टारगेट करते हैं जहां उनके मंदिर जाते समय या फिर पार्क में टहलते समय ठगी उन्हें झांसे में लेकर वारदात होती है.

141 करोड़ की साइबर ठगी!

आईजी ने बताया कि 1 जनवरी तक के आंकड़ों के अनुसार करीब 138 करोड़ साइबर फ्रॉड अकेले अजमेर रेंज में ही हुआ है, इसमें रेंज पुलिस ने 17 करोड़ 19 लाख को होल्ड पर रखवाया है. वहीं 2 जनवरी से अब तक हुए करीब 3 करोड़ का साइबर फ्रॉड में से भी करीब 63 लाख को होल्ड पर रखवाया है. बीते साढ़े 12 महीने में करीब 141 करोड़ रुपए साइबर फ्रॉड की राशि मे से 17 करोड़ 82 लाख रुपए से ज्यादा राशि होल्ड करवाई है.

अवेयरनेस कैम्पेनिंग ही एक सहारा!

आईजी ओमप्रकाश ने बताया कि पुलिस प्रभावी तरीके से साइबर फ्रॉड के तहत आने वाले केसेस में कार्रवाई करती है. इसके साथ ही एक्शन, इन्वेस्टिगेट कर मुलजिम पकड़ना तो है ही लेकिन साथ ही आमजन को साइबर फ्रॉड से सावधान रखने के लिए जागरूक होना भी जरूरी है.

इसके लिए पुलिस अभियान के तहत थाना स्तर पर अवेयरेन कैंपेनिंग कर रही है. उन्होंने अजमेर रेंज में 837 मोबाइल जो उक्त काम में लिए गए उनमें से 497 के आईएमई नंबर ब्लॉक करवाए जा चुके हैं. वहीं 2 जनवरी से अब तक गुम हुए 364 मोबाइल में से 180 को रिकवर कर लिया गया है.

क्या है साइबर फ्रॉड के बाद पैसा होल्ड करना?

बता दें कि साइबर अपराध से अपनी राशि को बचाने के लिए जितना जल्दी हो कम्प्लेन करवाना जरुरी है ताकि साइबर पुलिस राशि को होल्ड कर सके. टोंक एसपी विकास सांगवान ने बताया कि राशि होल्ड करने का मतलब यही है कि किसी के साथ साइबर फ्रॉड है और उसने अपनी रिपोर्ट करवा दी तो साइबर पुलिस की टीम फ्रॉड के दौरान जिस खाते में राशि ट्रांसफर हुई है उसे फ्रीज (लॉक) कर देती है. इसमें आरोपी उस राशि का उपयोग नही कर पाता है. अगर किसी के साथ साइबर फ्रॉड होता है तो तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन (1930) पर शिकायत करनी चाहिए.

-(टोंक से कमलेश कुमार महावर की रिपोर्ट)

 

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