राजस्थान कांग्रेस में तीसरा पॉवर सेंटर! दिल्ली में डोटासरा-जूली ने जयपुर में बढ़ाई सरगर्मियां, क्या बदलेंगे कई चेहरे?
Rajasthan Congress: राजस्थान में 7 सीटों पर उपचुनाव के नतीजों के बाद उत्साहित बीजेपी खेमा जहां सरकार के राइजिंग राजस्थान समिट की तैयारियों में लगा हुआ है वहीं कांग्रेस खेमे में कई तरह की सरगर्मियां चल रही है. बीते गुरुवार को दिल्ली से आई कई तस्वीरों में सियासी हल्कों में चर्चाओं का बाजार गरम कर दिया. उपचुनाव में 7 में से 6 सीटों पर हार के बाद राजस्थान कांग्रेस संगठन में बदलाव की अटकलें तेज हो गई जिनको पीसीसी चीफ गोविंद डोटासरा और टीकाराम जूली के दिल्ली दौरे से हवा मिली. दरअसल गुरुवार को संसद भवन में राजस्थान कांग्रेस के चीफ गोविंद सिंह डोटासरा और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से की मुलाकात की. इस दौरान राजस्थान प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा भी साथ रहे.
बताया जा रहा है कि ये मुलाकात सांगठनिक फेरबदल को देखते हुए अहम थी. पीसीसी चीफ की हाईकमान से कांग्रेस संगठन और उसकी गतिविधियों को लेकर विस्तार से चर्चा हुई और बैठक में राजस्थान कांग्रेस में बदलाव,निष्क्रिय नेताओं के ख़िलाफ़ एक्शन, निकाय और पंचायत चुनाव को लेकर भी मंथन हुआ. वहीं इस मुलाकात के बाद डोटासरा और जूली की कांग्रेस अध्यक्ष खरगे और केसी वेणुगोपाल से भी मुलाकात हुई.ऐसे में मुलाकातों के इन दौर के बाद एक चर्चा ये होने लगी कि क्या राजस्थान कांग्रेस में एक नया पावर सेंटर बन रहा है जहां डोटासरा-जूली की जोड़ी अब सांगठनिक तौर पर पार्टी को लीड करेगी.
डोटासरा बने रहेंगे पीसीसी चीफ!
हालांकि उपचुनावों के बाद चर्चा होने लगी थी कि 6 सीट हारने पर डोटासरा को पीसीसी चीफ की कुर्सी छोड़नी पड़ेगी लेकिन हाईकमान से मुलाकात के बाद निष्क्रिय नेताओं के ख़िलाफ़ एक्शन को लेकर डोटासरा को फ्री हैंड दिया गया है. मालूम हो कि डोटासरा अपने दूसरे कार्यकाल में है ऐसे में संगठन में किसी नए चेहरे के आने की अटकलें लगाई जा रही है.
वहीं राहुल गांधी ने संगठन को एक्टिव करने के लिए जूली और डोटासरा को कहा है और खास तौर पर युवाओं को तरजीह देने पर जोर दिया है.दरअसल लोकसभा चुनावों के बाद से डोटासरा लगातार सियासी तौर पर उफान पर थे और राजस्थान की 11 सीटों पर जीत का सेहरा डोटासरा के सिर बांधा गया था जिसके बाद उपचुनावों में वो जोश से लबरेज थे और उनका गमछा डांस काफी चर्चा में रहा था.
संगठन में हो सकते हैं बड़े बदलाव
इधर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने डोटासरा से मुलाकात के बाद दो टूक संदेश देकर कहा है कि कांग्रेस मजबूत हो बस यही प्राथमिकता होनी चाहिए और उन्होंने कहा कि नेताओं के मुताबिक हर जिला स्तर पर छोटे अपने संगठन बनाने की प्रक्रिया बंद हो और बूथ या मंडल लेवल पर संगठन को मजबूत किया जाए. वहीं कांग्रेस नेतृत्व ने सांसद और विधायकों की भी रिपोर्ट मांगी है जो संगठन की बैठकों में नहीं आते हैं. उन्होंने कहा कि जिले और ब्लॉक लेवल तक की बैठक सांसद/विधायक पहुंचे और इसकी पूरी मॉनिटरिंग पीसीसी से होनी चाहिए.
युवा चेहरों को मौका मिले
वहीं हाईकमान की ओर से साफतौर पर कहा गया है कि संगठन में अब नए चेहरों को मौका दिया जाए और इसके अलावा निष्क्रिय पदाधिकारियों को लेकर जल्द निर्णय लेने का निर्देश भी दिया गया है. माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में कई नए चेहरों को संगठन में कई भूमिकाओं में मौका मिल सकता है. वहीं शुक्रवार को दिल्ली में पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली से कांग्रेस के कई सांसदों ने भी राजस्थान स्टेट गेस्ट हाउस में मुलाकात की.
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