Rajasthan: देवली-उनियारा उप चुनाव...भाजपा ने विकास, कांग्रेस ने रोजगार को बनाया मुद्दा, निर्दलीय का क्या दावा?
Rajasthan By Election: राजस्थान में सात सीटों पर विधानसभा उपचुनाव हो रहे हैं, इन सीटों पर अब चुनाव प्रचार परवान पर है। (Rajasthan By Election) उप चुनाव वाली सात सीटों में टोंक की देवली- उनियारा सीट भी शामिल है। जहां भाजपा 10 महीने में हुए विकास कार्यों को चुनावी मुद्दा बना रही है। कांग्रेस रोजगार के मुद्दे पर चुनाव लड़ रही है, तो निर्दलीय नरेश मीना भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के दावे के साथ चुनाव मैदान में हैं।
देवली-उनियारा में त्रिकोणीय मुकाबला !
राजस्थान में सात सीटों पर विधानसभा उप चुनाव में दौसा के बाद सबसे ज्यादा चर्चा टोंक की देवली- उनियारा सीट की है। देवली- उनियारा में भाजपा ने राजेंद्र गुर्जर, कांग्रेस ने केसी मीणा को प्रत्याशी बनाया है। जबकि नरेश मीना कांग्रेस से बगावत कर बतौर निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव मैदान में ताल ठोक रहे हैं। नरेश मीना की एंट्री के बाद यहां मुकाबला त्रिकोणीय माना जा रहा है। देवली- उनियारा सीट से कुल 8 प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं।
भाजपा को विकास के दम पर जीत की उम्मीद
देवली- उनियारा सीट पर उप चुनाव में भाजपा प्रत्याशी राजेंद्र गुर्जर को भाजपा सरकार में कराए गए विकास कार्यों के दम पर जीत की उम्मीद है। इनका कहना है- भाजपा सरकार ने बीसलपुर विस्थापितों की पुरानी मांग पूरी कर दी। 17 करोड़ की सड़कें मंजूर हुई हैं। बिजली समस्या के समाधान के लिए 33 केवी GSS स्वीकृत हुए हैं। टोडारायसिंह को जोड़ने वाला बीसलपुर पुल स्वीकृत हो चुका है। बड़े काम सरकार ने पूरे कर दिए। छोटे छोटे काम लगातार करते रहेंगे।
कांग्रेस ने रोजगार को बनाया चुनावी मुद्दा
देवली- उनियारा सीट पर कांग्रेस ने केसी मीना को प्रत्याशी बनाकर चुनाव मैदान में उतारा है। इस सीट पर कांग्रेस नेता सचिन पायलट के साथ सांसद हरीश मीना की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। इसके बावजूद अभी यहां कांग्रेस ने प्रचार को रफ्तार नहीं दी है। हालांकि कांग्रेस की ओर से यहां रोजगार को चुनावी मुद्दा बनाया जा रहा है। कांग्रेस प्रत्याशी केसी मीना चुनाव प्रचार के दौरान रोजगार की बात करते नजर आ रहे हैं।
निर्दलीय का भ्रष्टाचार पर अंकुश का दावा
देवली- उनियारा विधानसभा सीट पर निर्दलीय नरेश मीना ने मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है। नरेश मीना कांग्रेस से बगावत कर बतौर निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं और भ्रष्टाचार को चुनावी मुद्दा बना रहे हैं। नरेश मीना का कहना है कि अगर जनता ने उन्हें विधायक बनाया तो भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया जाएगा। पहले भ्रष्टाचार की एसीबी में शिकायत की जाएगी। फिर भी भ्रष्टाचार नहीं रुका तो भ्रष्टाचारियों का मुंह काला किया जाएगा।
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