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Bundi Temple Bhog Crisis: भगवान को भोग का संकट! इन मंदिरों में पुजारियों को घर से लाना पड़ रहा भोग

Bundi Temple Bhog Crisis बूंदी: राजस्थान के बूंदी जिले में देवस्थान विभाग के अधीन आने वाले दर्जनों मंदिरों में विभाग के अधिकारियों की अनदेखी के चलते पुजारी परेशान हैं। भगवान की दिनचर्या बिगड़ी हुई है। जिले के करीब 17 मंदिरों...
03:05 PM Jul 18, 2024 IST | Rajasthan First

Bundi Temple Bhog Crisis बूंदी: राजस्थान के बूंदी जिले में देवस्थान विभाग के अधीन आने वाले दर्जनों मंदिरों में विभाग के अधिकारियों की अनदेखी के चलते पुजारी परेशान हैं। भगवान की दिनचर्या बिगड़ी हुई है। जिले के करीब 17 मंदिरों में भगवान को लगने वाले भोग का यहा वहां से जुगाड़ किया जा रहा है। हालांकि विभाग के अधिकारी चुनाव आचार संहिता के कारण टेंडर नहीं होने की बात कहकर अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ रहे हैं। आलम यह है कि पुजारी घर से या फिर किसी से जुगाड़ करके भगवान को भोग लगा रहे हैं।

तय समय पर सामग्री नहीं पहुंचने से पुजारी परेशाना

बता दें कि देवस्थान विभाग के स्वतंत्र प्रभार वाले मंदिरों में विभाग की ओर से भोग का सालाना टेंडर होता है। देवस्थान विभाग के अधीन भगवान केशवराय जी महाराज के मंदिर सहित जिले के 17 मंदिर आते हैं। हर महीने 28 तारीख को पहुंचने वाली भोग सामग्री पर्याप्त मात्रा मे ं15 जुलाई तक भी नहीं पहुंची।

भोग सामग्री में क्या-क्या?

टेंडर में विभाग प्रत्येक मंदिरों को प्रति माह 25 KG आटा, 4.30 लीटर देसी घी, 3 KG मिश्री, 3 KG दाल, 30 कपूर की टिकिया, रोली, इत्र, जनेऊ , हल्दी, धनिया, जीरा, काली मिर्च, चावल, फूल और माला भिजवाता है। टेंडर के बाद प्रसाद सामग्री मंदिरों में हर महीने की 28 तारीख को पहुंचा दी जाती है। ताकि, भगावन को भोग लगाने के लिए पुजारी को प्रतिदिन भोग लगाने के लिए परेशानी न हो। लकिन, पुजारी का कहना है कि इस तय तरीख तक भोग सामग्री नहीं मिली।

नहीं मिल रहा पर्याप्त भोग

देवस्थान विभाग के द्वारा समय पर भोग वितरित नहीं किए जाने से कई मंदिरों के पुजारियों को घर से भोग समाग्री (Rajasthan Bundi Bhog Crisis) लाना पड़ रहा था। इसको लेकर मंदिर के पुजारी शेषनारायण शर्मा ने कहा, "मंदिर में सरकार की ओर से भोग नहीं मिल रहा है। ऐसे में घर से भगवान के लिए भोग की सामग्री लेकर आना पड़ता है। सरकार की ओर से जो भोग मिल रहा है वह अपर्याप्त है। सरकार को भोग की सामग्री बढ़ानी चाहिए। हाल ही में सम्पन्न भगवान जगन्नाथ यात्रा के दौरान कोई विशेष भोग देवस्थान विभाग से नहीं मिला। अधिकारियों की लापरवाही से भोग का प्रतिवर्ष होने वाला टेंडर इस बार समय पर नहीं हो पाया, जिससे यह समस्या उत्पन्न हुई है।"

क्या कहते हैं देवस्थान विभाग के निरीक्षक?

वहीं, इस पूरे मामले में देवस्थान विभाग के निरीक्षक आशुतोष गुप्ता का कहना है, "आचार संहिता लगने के चलते इस बार भोग पहुंचाने में कुछ देरी हो गई थी। अभी सभी मंदिरों में भोग पहुंचा दिया गया है। इसके लिए टेंडर भी हो गए हैं। टेंडर कोटा कार्यालय से ही होते है, लेकिन चुनाव आचार संहिता की वजह से टेंडर में देरी हुई।"

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